कोरोना महामारी के प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए जो वैक्सीन तैयार किए गए हैं, उनका स्टोरेज एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसके लिए माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान की जरूरत होती है. लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के संस्थान इसका समाधान दे सकते हैं. आईसीएआर के अंतर्गत आने वाले हरियाणा के करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के पास ऐसी सुविधा है, जहां माइनस 80 डिग्री सेंटीग्रेड तक के तापमान पर स्टोरेज की क्षमता है.
एनडीआरआई के निदेशक डॉ. एम.एस. चौहान ने आईएएनएस को बताया कि उनके संस्थान में ऐसे डीप-फ्रीजर हैं, जिसमें माइनस 80 डिग्री सेंटीग्रेड पर बायोलॉजिकल मटीरियल रखे जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास इस समय सिर्फ चार डीप-फ्रीजर हैं, जिनकी क्षमता संस्थान की जरूरत तक ही है, लेकिन अगर डीप-फ्रीजर मुहैया करवाया जाए, तो उनके संस्थान में कम से कम 10 से 15 और डीप-फ्रीजर रखे जा सकते हैं.
डॉ. चौहान ने कहा कि इस संबंध में कोई भी व्यवस्था आईसीएआर के माध्यम से ही की जा सकती है.
आईसीएआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनडीआरआई ही नहीं आईसीएआर से संबंधित अन्य संस्थानों में भी करीब 400 से 600 लीटर तक के ऐसे डीप-फ्रीजर हैं, जिनमें माइनस 86 डिग्री सेंटीग्रेड तक के कम तापमान पर स्टोरेज किया जाता है, लेकिन मौजूदा डीप-फ्रीजर की जितनी क्षमता है, वह संस्थानों की जरूरत के मुताबिक ही है. हालांकि, अधिकारी बताते हैं कि अगर ऐसे नए डीप-फ्रीजर मुहैया करवाए जाते हैं, तो आईसीएआर के हेल्थ से संबंधित संस्थानों के पास 200 से अधिक डीप-फ्रीजर रखने की क्षमता होगी.
एक जानकार सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से देशभर के अनुसंधान संस्थानों में मौजूद ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर और डीप-फ्रीजर रखने की क्षमता के बारे में जानकारी मांगी गई है. इस सिलसिले में आईसीएआर से भी जानकारी मांगी गई है.
एनडीआरआई के निदेशक डॉ. चौहान ने बताया कि ना सिर्फ आईसीएआर के संस्थानों के पास डीप-फ्रीजर में अत्यंत कम तापमान पर बायोलॉजिकल मटीरियल रखने की सुविधा होती है, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के संस्थानों के पास भी ऐसी सुविधाएं होती हैं.
बताया जाता है कि दवा विनिमार्ता कंपनी फाइजर द्वारा विकसित कोरोना वायरस के टीके यानी वैक्सीन के स्टोरेज के लिए माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड तक कम तापमान की जरूरत होगी. इसी प्रकार, अन्य कंपनियों द्वारा विकसित वैक्सीन के लिए भी शून्य से काफी कम तापमान पर स्टोरेज की सुविधा की आवश्यकता बताई जा रही है.