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मानसून में महिलायें कैसे बचे योनि संक्रमणों से - Hygiene maintenance in Monsoon

मानसून का मौसम सिर्फ मौसमी बुखार ही नही बल्कि महिलाओं में योनि संबंधी संक्रमणों का खतरा भी बढ़ा देता है। दरअसल मौसम में मौजूद नमी वातावरण में जीवाणुओं और विषाणुओं की सक्रियता बढ़ा देती हैं इसलिए मानसून के मौसम में वजाइनल हाइजीन यानी योनि की देखभाल की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है।

Viral Infections
Vaginal Infections
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Published : Jul 18, 2021, 9:01 AM IST

बरसात के मौसम में बढ़ती उमस और नमी के कारण वातावरण में कवक, बैक्टीरिया, कीटाणुओं का प्रकोप बढ़ जाता है। जो महिलाओं के जननांग स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है और उनमें संक्रमण का कारण बनता है। देहरादून उत्तराखंड की महिला रोग चिकित्सक डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं की महिलाओं को इस मौसम में योनि की साफ-सफाई में ध्यान देने और सतर्कता बरतने की जरूरत होती है।

मानसून में वजायनल संक्रमण

डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं की मानसून के दौरान महिलाओं में योनि संक्रमण कैंडिडिआसिस आमतौर पर देखने में आता है, जो एक फंगल इंफेक्शन है। इस समस्या में महिलाओं को जरूरत से ज्यादा डिस्चार्ज होने लगता वहीं कुछ महिलाओं को ऐसी अवस्था में सेक्स के समय दर्द भी महसूस होता है।

आमतौर पर यह संक्रमण एंटी-फंगल क्रीम के उपयोग से ठीक हो जाता है। इसके अतिरिक्त इस मौसम में महिलाओं में मूत्रमार्ग संबंधित संक्रमण जैसे यूटीआई और पेल्विक इन्फ्लेमेट्री डिजीज होने की आशंका भी रहती है।

कैसे बचे संक्रमणों से

डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं की मानसून में महिलाओं को योनि संक्रमण प्रभावित न कर पाए इसके लिए इसके लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते है।

योनि और आसपास के हिस्सों को रखे साफ और सुखा : हमारे शरीर के साथ ही जननांगों की नियमित साफ-सफाई बहुत ज्यादा जरूरी है। रोजाना स्वच्छता का ध्यान आपको इंफेक्शन से बचा कर रखता है। दिन में दो बार आपनी वजाइना को साफ करने की आदत डालें। इसके साथ ही हमेशा योनि के आसपास के हिस्सों को सुखा रखने का प्रयास करें।

निज वस्त्र रहे साफ और सूखे: बरसात और उमस के आने वाले पसीने के कारण योनि के आसपास के हिस्से में नमी या गीलापन बना रह सकता है। जिसके कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए बरसात के मौसम सूती अंडरगारमेंट को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। क्योंकि सूती अंडरगारमेंट नमी को सोख लेते हैं और उनमें हवा का संचार आसानी से होता है। इसके अलावा किसी भी परिसतिथि में गीले अंतःवस्त्र पहनने से बचना चाहिए।

इंटरकोर्स के बाद हाइजीन बनाए रखे : महिलायें हो या पुरुष शारीरिक संबंधों के उपरांत जननांगों की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी होता है। इस आदत के न सिर्फ संक्रमण होने बल्कि संक्रमण होने की अवस्था में उसके फैलने की भी आशंका कम होती है।

कंडोम का करें उपयोगः कंडोम के प्रयोग से वजाइना का पीएच लेवन बना रहता है। सेक्स करते समय सुरक्षा का उपयोग हमेशा लाभदायक होता है। यह कई तरह के संक्रमण को फैलने से रोकता है।

पीरियड के समय सावधानियांः इस मौसम में माहवारी के दौरान साफ -सफाई की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। एक तो मानसून के कारण वैसे ही वातावरण में नमी होती है उस पर महावारी के दौरान लंबे समय तक योनि के आसपास गीलापन बना रह सकता है। । ऐसे में हर 4 घंटे पर या अधिकतम 6 घंटे में सेनेटरी नैपकिन बदलना चाहिए ।

Also Read: जरूरी है पुरुषों में जननांगो की सही तरीके के स्वच्छता और देखभाल

बरसात के मौसम में बढ़ती उमस और नमी के कारण वातावरण में कवक, बैक्टीरिया, कीटाणुओं का प्रकोप बढ़ जाता है। जो महिलाओं के जननांग स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है और उनमें संक्रमण का कारण बनता है। देहरादून उत्तराखंड की महिला रोग चिकित्सक डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं की महिलाओं को इस मौसम में योनि की साफ-सफाई में ध्यान देने और सतर्कता बरतने की जरूरत होती है।

मानसून में वजायनल संक्रमण

डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं की मानसून के दौरान महिलाओं में योनि संक्रमण कैंडिडिआसिस आमतौर पर देखने में आता है, जो एक फंगल इंफेक्शन है। इस समस्या में महिलाओं को जरूरत से ज्यादा डिस्चार्ज होने लगता वहीं कुछ महिलाओं को ऐसी अवस्था में सेक्स के समय दर्द भी महसूस होता है।

आमतौर पर यह संक्रमण एंटी-फंगल क्रीम के उपयोग से ठीक हो जाता है। इसके अतिरिक्त इस मौसम में महिलाओं में मूत्रमार्ग संबंधित संक्रमण जैसे यूटीआई और पेल्विक इन्फ्लेमेट्री डिजीज होने की आशंका भी रहती है।

कैसे बचे संक्रमणों से

डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं की मानसून में महिलाओं को योनि संक्रमण प्रभावित न कर पाए इसके लिए इसके लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते है।

योनि और आसपास के हिस्सों को रखे साफ और सुखा : हमारे शरीर के साथ ही जननांगों की नियमित साफ-सफाई बहुत ज्यादा जरूरी है। रोजाना स्वच्छता का ध्यान आपको इंफेक्शन से बचा कर रखता है। दिन में दो बार आपनी वजाइना को साफ करने की आदत डालें। इसके साथ ही हमेशा योनि के आसपास के हिस्सों को सुखा रखने का प्रयास करें।

निज वस्त्र रहे साफ और सूखे: बरसात और उमस के आने वाले पसीने के कारण योनि के आसपास के हिस्से में नमी या गीलापन बना रह सकता है। जिसके कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए बरसात के मौसम सूती अंडरगारमेंट को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। क्योंकि सूती अंडरगारमेंट नमी को सोख लेते हैं और उनमें हवा का संचार आसानी से होता है। इसके अलावा किसी भी परिसतिथि में गीले अंतःवस्त्र पहनने से बचना चाहिए।

इंटरकोर्स के बाद हाइजीन बनाए रखे : महिलायें हो या पुरुष शारीरिक संबंधों के उपरांत जननांगों की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी होता है। इस आदत के न सिर्फ संक्रमण होने बल्कि संक्रमण होने की अवस्था में उसके फैलने की भी आशंका कम होती है।

कंडोम का करें उपयोगः कंडोम के प्रयोग से वजाइना का पीएच लेवन बना रहता है। सेक्स करते समय सुरक्षा का उपयोग हमेशा लाभदायक होता है। यह कई तरह के संक्रमण को फैलने से रोकता है।

पीरियड के समय सावधानियांः इस मौसम में माहवारी के दौरान साफ -सफाई की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। एक तो मानसून के कारण वैसे ही वातावरण में नमी होती है उस पर महावारी के दौरान लंबे समय तक योनि के आसपास गीलापन बना रह सकता है। । ऐसे में हर 4 घंटे पर या अधिकतम 6 घंटे में सेनेटरी नैपकिन बदलना चाहिए ।

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