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सिर्फ बीमारों के लिए ही नही, सभी के लिए आदर्श आहार है दलिया

पेट खराब हो, बुखार हो या किसी अन्य तरह की बीमारी, ऐसे में आहार के रूप में चिकित्सक और घर के बड़े बुजुर्ग, लोगों को दलिये का सेवन करने की सलाह देते हैं. यह ना सिर्फ पाचन में सरल होता है बल्कि पौष्टिक तत्वों से भी भरपूर होता है. इसे कई तरह से बनाया जा सकता है जैसे दाल का नमकीन दलिया, दूध वाला मीठा दलिया, सब्जियों वाला दलिया, दलिये का उपमा आदि.

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आदर्श आहार है दलिया
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Published : Jan 10, 2022, 3:41 PM IST

दलिये को लेकर आमतौर पर लोगों में धारणा होती है कि यह मुख्यतः बीमारी में खाये जाने वाला आहार है, लेकिन दलिये का सेवन स्वस्थ लोगों के लिए भी आदर्श होता है. मुंबई की पोषण विशेषज्ञ तथा आहार सलाहकार डॉ नताशा शाक्य बताती हैं कि दलिया चाहे किसी भी अनाज का हो, उनमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. इसके साथ ही इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है. विशेषतौर पर सुबह के नाश्तें में इसका सेवन करने से पूरे दिन शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.

दलिया के प्रकार और उनमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व

डॉ नताशा बताती हैं कि बाजार में वैसे तो गेहूं, चावल, बाजरा, मकई व जई आदि का दलिया सरलता से मिलता है लेकिन ज्यादातर लोग गेंहू का दलिया खाना पसंद करते हैं. गौरतलब है की दलिया सूखे अनाजों का दरदरा स्वरूप होता है. इसमें फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी1, बी2, मिनरल्स, मैग्नीशियम, मैग्नीज, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसकी खास बात यह है कि चाहे दूध के साथ मीठा दलिया बनाया जाय या सब्जियों या दाल के साथ नमकीन दलिया, इसके पोषण में कमी नही आती है. हर उम्र के लोगों के लिए दलिये का सेवन फायदेमंद होता है. लेकिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों को नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए.

दलिये के फायदे

डॉ नताशा बताती हैं कि हालांकि नाश्ते में इसका सेवन आदर्श माना जाता है लेकिन किसी स्वास्थ्य समस्या में या फिर कभी-कभी दोपहर या रात के खाने में भी दलिये का सेवन किया जा सकता है. इनके अतिरिक्त भी नियमित रूप से किसी भी अनाज के दलिये का सेवन करने से स्वास्थ्य को कई फायदे पहुंचते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • रोजाना एक कटोरी दलिया खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होता है लेकिन इसमें कैलोरी काफी कम होती हैं. दरअसल दलिये में मौजूद प्रोटीन को पचने में लंबा समय लगता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन कम होता है.
  • कब्ज या पाचन संबंधी अन्य समस्यायों में भी इसका सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें मौजूद हाई फाइबर पाचन में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है. हालांकि दलिये को पचाने में समय ज्यादा लगता है लेकिन इसका पाचन सरल होता है, यानी इसे पचाने में पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत नही करनी पडती है. इसलिए पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों तथा बुजुर्गों को दलिया प्राथमिक आहार के रूप में लिए जाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा दलिये के सेवन से पेट दर्द, गैस, उल्टी आने और पेट फूलने जैसी अन्य समस्याओं में भी राहत मिलती है. इसके साथ ही इसके सेवन से शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है.
  • दलिया आयरन का अच्छा स्रोत होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. दरअसल आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है. जिससे शरीर में कमजोरी और थकान नजर आने लगती है. दलिये का नियमित सेवन शरीर में खून की कमी की समस्या में राहत दिला सकता है.
  • दलिये में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है . गौरतलब है कि मैग्नीशियम कई प्रकार के एंजाइम बनाता है, जो इंसुलिन के सही मात्रा में निर्माण में मददगार होते हैं. इसके अलावा दलिये में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम होता है जो इसे मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार बनाता हैं .
  • दलिये में मैग्नीशियम के अलावा कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसलिए इसका नियमित सेवन हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है. यदि बुजुर्ग इसका सेवन नियमित रूप से करें तो उन्हे हड्डियों संबंधी समस्याओं विशेषकर हड्डियों में कमजोरी तथा जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं का कम सामना करना पड़ता है. वहीं बच्चों द्वारा दलिये का नियमित सेवन उनकी हड्डियों के सही विकास में मदद करता है।
  • दलिये में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है, और व्यक्ति को ह्रदय रोग होने का खतरा भी कम होता है.
  • दलिये में विटामिन-बी, खनिज, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलते हैं, इसलिए बढ़ते बच्चों के लिए यह एक आदर्श भोजन है. शिशु के जन्म के 6 महीने बाद से इसे आहार के रूप में उन्हे खिलाया जा सकता है.
  • दलिये का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी आदर्श माना जाता है. गर्भावस्था में नियमित दलिये का सेवन करने से महिला में थकान व कमजोरी कम नजर आती है साथ ही गर्भ में बच्चे की हड्डियों के विकास में मदद मिलती है.

पढ़ें: सिर्फ पाचन ही नही, सम्पूर्ण स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं ओट्स

दलिये को लेकर आमतौर पर लोगों में धारणा होती है कि यह मुख्यतः बीमारी में खाये जाने वाला आहार है, लेकिन दलिये का सेवन स्वस्थ लोगों के लिए भी आदर्श होता है. मुंबई की पोषण विशेषज्ञ तथा आहार सलाहकार डॉ नताशा शाक्य बताती हैं कि दलिया चाहे किसी भी अनाज का हो, उनमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. इसके साथ ही इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है. विशेषतौर पर सुबह के नाश्तें में इसका सेवन करने से पूरे दिन शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.

दलिया के प्रकार और उनमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व

डॉ नताशा बताती हैं कि बाजार में वैसे तो गेहूं, चावल, बाजरा, मकई व जई आदि का दलिया सरलता से मिलता है लेकिन ज्यादातर लोग गेंहू का दलिया खाना पसंद करते हैं. गौरतलब है की दलिया सूखे अनाजों का दरदरा स्वरूप होता है. इसमें फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी1, बी2, मिनरल्स, मैग्नीशियम, मैग्नीज, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसकी खास बात यह है कि चाहे दूध के साथ मीठा दलिया बनाया जाय या सब्जियों या दाल के साथ नमकीन दलिया, इसके पोषण में कमी नही आती है. हर उम्र के लोगों के लिए दलिये का सेवन फायदेमंद होता है. लेकिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों को नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए.

दलिये के फायदे

डॉ नताशा बताती हैं कि हालांकि नाश्ते में इसका सेवन आदर्श माना जाता है लेकिन किसी स्वास्थ्य समस्या में या फिर कभी-कभी दोपहर या रात के खाने में भी दलिये का सेवन किया जा सकता है. इनके अतिरिक्त भी नियमित रूप से किसी भी अनाज के दलिये का सेवन करने से स्वास्थ्य को कई फायदे पहुंचते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • रोजाना एक कटोरी दलिया खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होता है लेकिन इसमें कैलोरी काफी कम होती हैं. दरअसल दलिये में मौजूद प्रोटीन को पचने में लंबा समय लगता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन कम होता है.
  • कब्ज या पाचन संबंधी अन्य समस्यायों में भी इसका सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें मौजूद हाई फाइबर पाचन में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है. हालांकि दलिये को पचाने में समय ज्यादा लगता है लेकिन इसका पाचन सरल होता है, यानी इसे पचाने में पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत नही करनी पडती है. इसलिए पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों तथा बुजुर्गों को दलिया प्राथमिक आहार के रूप में लिए जाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा दलिये के सेवन से पेट दर्द, गैस, उल्टी आने और पेट फूलने जैसी अन्य समस्याओं में भी राहत मिलती है. इसके साथ ही इसके सेवन से शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है.
  • दलिया आयरन का अच्छा स्रोत होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. दरअसल आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है. जिससे शरीर में कमजोरी और थकान नजर आने लगती है. दलिये का नियमित सेवन शरीर में खून की कमी की समस्या में राहत दिला सकता है.
  • दलिये में मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है . गौरतलब है कि मैग्नीशियम कई प्रकार के एंजाइम बनाता है, जो इंसुलिन के सही मात्रा में निर्माण में मददगार होते हैं. इसके अलावा दलिये में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम होता है जो इसे मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार बनाता हैं .
  • दलिये में मैग्नीशियम के अलावा कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसलिए इसका नियमित सेवन हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है. यदि बुजुर्ग इसका सेवन नियमित रूप से करें तो उन्हे हड्डियों संबंधी समस्याओं विशेषकर हड्डियों में कमजोरी तथा जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं का कम सामना करना पड़ता है. वहीं बच्चों द्वारा दलिये का नियमित सेवन उनकी हड्डियों के सही विकास में मदद करता है।
  • दलिये में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है, और व्यक्ति को ह्रदय रोग होने का खतरा भी कम होता है.
  • दलिये में विटामिन-बी, खनिज, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलते हैं, इसलिए बढ़ते बच्चों के लिए यह एक आदर्श भोजन है. शिशु के जन्म के 6 महीने बाद से इसे आहार के रूप में उन्हे खिलाया जा सकता है.
  • दलिये का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी आदर्श माना जाता है. गर्भावस्था में नियमित दलिये का सेवन करने से महिला में थकान व कमजोरी कम नजर आती है साथ ही गर्भ में बच्चे की हड्डियों के विकास में मदद मिलती है.

पढ़ें: सिर्फ पाचन ही नही, सम्पूर्ण स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं ओट्स

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