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हमेशा नुकसानदायक नहीं होती हैं मिठाईयां

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Published : Aug 5, 2021, 2:48 PM IST

हम हमेशा दूसरों से सुनते आते हैं कि मीठा खाने से परहेज करना चाहिए या मीठा हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। ना सिर्फ कोमोरबीटी बल्कि कई गंभीर रोगों में भी चिकित्सक लोगों को कम मात्रा में मीठा खाने या एक उम्र के बाद मीठा खाने से परहेज करने की सलाह देते हैं। लेकिन मीठा खाना हमेशा ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता है। सही सामग्रियों के साथ गुणवत्ता से बनाई गई मिठाईयां स्वास्थ्य और पाचन तंत्र को फायदा भी पहुंचा सकती हैं।

रुचित हरनेजा, Eat right with दिव्या गुप्ता, हलवा, अदरक, चिरौंजी
अदरक और चिरौंजी हलवा

हमारे बड़े बुजुर्ग मानते आए हैं कि खाने के बाद थोड़ी मात्रा में मीठा खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह खाने को पचाने में सहायता करता है। इस मान्यता की पुष्टि आयुर्वेद भी करता है। इसी सोच को मानते हुए और लोगों में इस मिथक को तोड़ने के लिए, कि मीठा या डेजर्ट खाने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, पेस्ट्री चैफ रुचित हरनेजा अपनी स्पाइस रूट कंपनी के माध्यम से, पोषण विशेषज्ञ दिव्या गुप्ता के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं। अपनी इन कोशिशों के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए रुचित बताते हैं कि उनका उद्देश्य समकालीन तरीके से स्वस्थ भारतीय डेजर्ट के लिए मानक स्थापित करना है।

आयुर्वेदिक मसाले और मेवे होते हैं सुपर फूड

रुचित बताते हैं कि मीठा खाने से हमारे मुंह में लार का उत्पादन ज्यादा होता है जिससे हमारे द्वारा खाए गए भोजन को आसानी से व्यवस्थित करने के लिए पेट की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं। नियंत्रित मात्रा में खाया गया मीठा हमेशा स्वास्थ्य को पोषण पहुंचाता है लेकिन यदि इसका सेवन असंतुलित मात्रा में किया जाए तो यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है। पोषण विशेषज्ञ दिव्या गुप्ता बताती हैं कि आमतौर पर देसी भारतीय मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले बादाम तथा मसाले आयुर्वेद के नजरिए से भी सुपर फ़ूड की श्रेणी में शामिल होते हैं। जो शरीर को पोषण के साथ साथ ऊर्जा भी प्रदान करता है।

वे बताती हैं कि इस मुहिम के जरिए उनका मुख्य प्रयास यही है कि बाजरा, चिरौंजी, अदरक तथा हमारे घर की रसोई में मिलने वाले ऐसे आयुर्वेदिक मसाले, जो की सूजन रोधी होते हैं और जिनके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव ज्यादा होते हैं, के मिठाइयों में इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके। इसी के समर्थन में वह बताती हैं की जैसे मिठाइयों में अदरक का प्रयोग उनके औषधीय गुणों को दोगुना कर सकता है। अदरक में जिंजरोल होता है, जो सूजन रोधी होता है तथा इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अदरक के सेवन से ना सिर्फ वजन को घटाया जा सकता है बल्कि रक्तचाप में कमी लाई जा सकती है और हृदय रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।। यही नहीं अदरक मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सुधार करने में भी सहायक होता है और संक्रमण से लड़कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी है सक्षम होता है।

रुचित हरनेजा,Eat right with दिव्या गुप्ता, हलवा, अदरक, चिरौंजी
अदरक और चिरौंजी हलवा- रुचित हरनेजा और दिव्या गुप्ता

पाचक मसलों और गुड़ से बनी मिठाइयां होती हैं फायदेमंद

शेफ रुचित बताते हैं कि उनका हमेशा प्रयास रहता है कि वह अपनी मिठाइयों में अदरक, इलायची, अजवाइन और सौंफ जैसे पाचक मसालों का इस्तेमाल कर सकें जिससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट के स्तर और चीनी की मात्रा को नियंत्रित कर सके। यही नहीं वह मीठे में मिठास के लिए हमेशा गुड़ या गन्ने जैसे प्राकृतिक व जैविक उत्पादों के उपयोग को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार गुड़ में औषधीय गुणों की भरमार होती है। गौरतलब हैं की गुड़ में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं साथ ही इसमें आंशिक रूप से जिंक भी पाया जाता है जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है।

इसके साथ ही गुड़ के सेवन से एनीमिया, अपच, फेफड़ों की सफाई और ग्लूकोज नियंत्रण जैसी बीमारियों से बचाव मे मदद मिलती है। शेफ रुचित की मुख्य योग्यता भारत के प्रसिद्ध रामपुर व्यंजनों से प्रेरित डेजर्ट यानी मीठे में हेटेरोडॉक्स फूड पेयरिंग है। ETV भारत सुखीभवा को जानकारी देते हुए शेफ रुचित ने एक विशेष प्रकार की स्वास्थ्यवर्धक मिठाई की रेसिपी के बारे में भी जानकारी दी जो इस प्रकार है।

अदरक और चिरौंजी हलवा

सामग्री:

अदरक (कसा हुआ) - 140 ग्राम

अदरक पाउडर - 25 ग्राम

गुड़ पाउडर - 200 ग्राम

हरी इलायची पाउडर - 5 ग्राम

घी (स्पष्ट मक्खन) - 45 ग्राम

पिस्ता (कटा हुआ) – 20 ग्राम

बाजरे का आटा (बाजरा का आटा) - 120 ग्राम

भुने हुए चिरौंजी (कड्डापाह बादाम) - 40 ग्राम

ताजा कटा हुआ नारियल - 50 ग्राम

बनाने की विधि :

  • चाशनी बनाने के लिए एक नॉन स्टिक पैन में 1 लीटर पानी गरम करें, उसमें गुड़, सोंठ पाउडर और छोटी इलाइची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें। मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं।
  • एक दूसरे नॉन स्टिक पैन में घी गरम करें, कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें और 4-5 मिनिट तक भूनें। पिस्ता डालकर अच्छी तरह मिलाएँ। बाजरे का आटा डालें और आटे की महक और पूरी तरह से पकने तक भूनें।
  • भुनी हुई हुए चिरौंजी डालें और मिश्रण के नरम होने तक उसे और भूनें। चाशनी डालकर लगातार चलाते हुए मिश्रण के गाढ़ा होने तक पकाएं।
  • नारियल डालें, अच्छी तरह मिलाएँ और 2-3 मिनट तक पकाएँ।
  • हलवे को सर्विंग बाउल में डालें, कटे हुए पिस्ता और चिरौंजी से सजाएँ और तुरंत परोसें।

इस मिठाई की पोषण संबंधी जानकारी:

कैलोरी : 1776 किलो कैलोरी

कार्बोहाइड्रेट : 203.9 ग्राम

प्रोटीन : 32.2 ग्राम

वसा : 114.4 ग्राम

कैल्शियम: 42 मिलीग्राम

फास्फोरस: 242 मिलीग्राम

आयरन : 8 मिलीग्राम

पढ़ें: सूखी खांसी में कारगर घरेलू नुस्खे

हमारे बड़े बुजुर्ग मानते आए हैं कि खाने के बाद थोड़ी मात्रा में मीठा खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह खाने को पचाने में सहायता करता है। इस मान्यता की पुष्टि आयुर्वेद भी करता है। इसी सोच को मानते हुए और लोगों में इस मिथक को तोड़ने के लिए, कि मीठा या डेजर्ट खाने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, पेस्ट्री चैफ रुचित हरनेजा अपनी स्पाइस रूट कंपनी के माध्यम से, पोषण विशेषज्ञ दिव्या गुप्ता के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं। अपनी इन कोशिशों के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए रुचित बताते हैं कि उनका उद्देश्य समकालीन तरीके से स्वस्थ भारतीय डेजर्ट के लिए मानक स्थापित करना है।

आयुर्वेदिक मसाले और मेवे होते हैं सुपर फूड

रुचित बताते हैं कि मीठा खाने से हमारे मुंह में लार का उत्पादन ज्यादा होता है जिससे हमारे द्वारा खाए गए भोजन को आसानी से व्यवस्थित करने के लिए पेट की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं। नियंत्रित मात्रा में खाया गया मीठा हमेशा स्वास्थ्य को पोषण पहुंचाता है लेकिन यदि इसका सेवन असंतुलित मात्रा में किया जाए तो यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है। पोषण विशेषज्ञ दिव्या गुप्ता बताती हैं कि आमतौर पर देसी भारतीय मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले बादाम तथा मसाले आयुर्वेद के नजरिए से भी सुपर फ़ूड की श्रेणी में शामिल होते हैं। जो शरीर को पोषण के साथ साथ ऊर्जा भी प्रदान करता है।

वे बताती हैं कि इस मुहिम के जरिए उनका मुख्य प्रयास यही है कि बाजरा, चिरौंजी, अदरक तथा हमारे घर की रसोई में मिलने वाले ऐसे आयुर्वेदिक मसाले, जो की सूजन रोधी होते हैं और जिनके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव ज्यादा होते हैं, के मिठाइयों में इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके। इसी के समर्थन में वह बताती हैं की जैसे मिठाइयों में अदरक का प्रयोग उनके औषधीय गुणों को दोगुना कर सकता है। अदरक में जिंजरोल होता है, जो सूजन रोधी होता है तथा इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अदरक के सेवन से ना सिर्फ वजन को घटाया जा सकता है बल्कि रक्तचाप में कमी लाई जा सकती है और हृदय रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।। यही नहीं अदरक मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सुधार करने में भी सहायक होता है और संक्रमण से लड़कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी है सक्षम होता है।

रुचित हरनेजा,Eat right with दिव्या गुप्ता, हलवा, अदरक, चिरौंजी
अदरक और चिरौंजी हलवा- रुचित हरनेजा और दिव्या गुप्ता

पाचक मसलों और गुड़ से बनी मिठाइयां होती हैं फायदेमंद

शेफ रुचित बताते हैं कि उनका हमेशा प्रयास रहता है कि वह अपनी मिठाइयों में अदरक, इलायची, अजवाइन और सौंफ जैसे पाचक मसालों का इस्तेमाल कर सकें जिससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट के स्तर और चीनी की मात्रा को नियंत्रित कर सके। यही नहीं वह मीठे में मिठास के लिए हमेशा गुड़ या गन्ने जैसे प्राकृतिक व जैविक उत्पादों के उपयोग को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार गुड़ में औषधीय गुणों की भरमार होती है। गौरतलब हैं की गुड़ में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं साथ ही इसमें आंशिक रूप से जिंक भी पाया जाता है जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है।

इसके साथ ही गुड़ के सेवन से एनीमिया, अपच, फेफड़ों की सफाई और ग्लूकोज नियंत्रण जैसी बीमारियों से बचाव मे मदद मिलती है। शेफ रुचित की मुख्य योग्यता भारत के प्रसिद्ध रामपुर व्यंजनों से प्रेरित डेजर्ट यानी मीठे में हेटेरोडॉक्स फूड पेयरिंग है। ETV भारत सुखीभवा को जानकारी देते हुए शेफ रुचित ने एक विशेष प्रकार की स्वास्थ्यवर्धक मिठाई की रेसिपी के बारे में भी जानकारी दी जो इस प्रकार है।

अदरक और चिरौंजी हलवा

सामग्री:

अदरक (कसा हुआ) - 140 ग्राम

अदरक पाउडर - 25 ग्राम

गुड़ पाउडर - 200 ग्राम

हरी इलायची पाउडर - 5 ग्राम

घी (स्पष्ट मक्खन) - 45 ग्राम

पिस्ता (कटा हुआ) – 20 ग्राम

बाजरे का आटा (बाजरा का आटा) - 120 ग्राम

भुने हुए चिरौंजी (कड्डापाह बादाम) - 40 ग्राम

ताजा कटा हुआ नारियल - 50 ग्राम

बनाने की विधि :

  • चाशनी बनाने के लिए एक नॉन स्टिक पैन में 1 लीटर पानी गरम करें, उसमें गुड़, सोंठ पाउडर और छोटी इलाइची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें। मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं।
  • एक दूसरे नॉन स्टिक पैन में घी गरम करें, कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें और 4-5 मिनिट तक भूनें। पिस्ता डालकर अच्छी तरह मिलाएँ। बाजरे का आटा डालें और आटे की महक और पूरी तरह से पकने तक भूनें।
  • भुनी हुई हुए चिरौंजी डालें और मिश्रण के नरम होने तक उसे और भूनें। चाशनी डालकर लगातार चलाते हुए मिश्रण के गाढ़ा होने तक पकाएं।
  • नारियल डालें, अच्छी तरह मिलाएँ और 2-3 मिनट तक पकाएँ।
  • हलवे को सर्विंग बाउल में डालें, कटे हुए पिस्ता और चिरौंजी से सजाएँ और तुरंत परोसें।

इस मिठाई की पोषण संबंधी जानकारी:

कैलोरी : 1776 किलो कैलोरी

कार्बोहाइड्रेट : 203.9 ग्राम

प्रोटीन : 32.2 ग्राम

वसा : 114.4 ग्राम

कैल्शियम: 42 मिलीग्राम

फास्फोरस: 242 मिलीग्राम

आयरन : 8 मिलीग्राम

पढ़ें: सूखी खांसी में कारगर घरेलू नुस्खे

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