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पाचन सहित कई समस्याओं में राहत दिलाती है गोरख इमली - what is Adansonia digitata

आयुर्वेद में गोरख इमली का इस्तेमाल कई तरह के रोग व समस्याओं के उपचार में किया जाता है. गोरक्षी तथा शीतफल के नाम से भी प्रचलित गोरख इमली के फल के साथ ही उसकी छाल, तने, पत्तियों तथा इसके तने से निकलने वाले गोंद का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में, काढ़ों तथा लेप के रूप में किया जाता है.

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पाचन सहित कई समस्याओं में राहत दिलाती है गोरखइमली
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Published : May 25, 2022, 8:30 PM IST

औषधीय गुणों से भरपूर गोरख इमली एक ऐसी बूटी है, जो कई तरह के रोग तथा समस्याओं में राहत दिला सकती है. आयुर्वेद में गोरख इमली के कई फायदे बताए जाते हैं. इसके फायदों तथा इस्तेमाल के तरीकों के बारे में ETV भारत सुखीभवा को ज्यादा जानकारी देते हुए मुंबई की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ मनीषा काले बताती हैं कि गोरख इमली के फल ही नहीं बल्कि तने, छाल, गोंद और पत्तियों का इस्तेमाल कई तरह के रोगों के निवारण में किया जा सकता है.

गोरख इमली के गुण
वह बताती हैं कि गोरखचिंच, गोरक्षी तथा शीतफल के नाम से भी जानी जाने वाली गोरख इमली में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. वह बताती हैं कि अलग-अलग रोगों व समस्याओं से बचाव में इसके फल के गूदे, तने, छाल और पत्तियों के काढ़े व चूर्ण तथा इसके तने के गोंद का औषधी के रूप में सेवन तथा लेपन किया जा सकता है. जैसे घाव, आंतरिक व बाह्य सूजन, सिरदर्द, त्‍वचा रोग, बुखार, कान में दर्द, मुंह व मसूढ़ों से संबंधित बीमारियों, दस्त व पाचन संबंधी विकार, मुंह या शरीर से दुर्गंध आना, शरीर में जलन, गठिया तथा मूत्र रोग आदि.

पढ़ें: सिर्फ गर्मी से राहत ही नहीं दिलाता, कई रोगों से भी बचाता है बेल

गोरख इमली के फायदे
हमारे विशेषज्ञ के अनुसार गोरख इमली के कुछ आम रोगों व समस्याओं में फायदे तथा उसके सेवन व लेपन के तरीके इस प्रकार हैं:

  • पाचन संबंधी समस्याओं विशेषकर अपच की समस्या में गोरख इमली की छाल के काढ़े का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है. यह काढ़ा गोरख इमली की छाल के पाउडर में सेंधा नमक, चुटकी भर काली म‍िर्च पाउडर और इलाइची पाउडर म‍िलाकर बनाया जा सकता है. गुनगने पानी में मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करने से अपच की समस्‍या में राहत मिलती है. इसके अलावा दस्‍त होने पर गोरख इमली के फल के गूदे को पीसकर, उसमें गुनगुना पानी व शहद मिलाकर पीने से दस्‍त की समस्‍या में राहत मिलती है. वहीं अम्ल पित्त यानी एसिडिटी की अवस्था में इसके फल के गूदे का काढ़ा बनाकर पीने, या इसके गूदे के शरबत में भुना व पीस जीरा तथा पीसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता है.
  • किसी प्रकार के घाव पर गोरख इमली के पत्‍ते और फल के गूदे को पीस कर लगाने से घाव जल्‍दी भर जाता हैं. इसके अलावा गोरख इमली के तने में लगी गोंद को घाव पर लगाने से भी घाव जल्‍दी भर जाता है. यही नही गरमी के कारण होने वाले व्रण रोग यानी त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे संक्रमण, सामान्य या पस् वाले दानें आदि तथा सभी प्रकार के जख्मों पर इसके बीजों को जलाकर इसकी राख को मक्खन में मिलाकर लगाने से भी लाभ होता है.वहीं त्वचा पर यदि पस् वाली फुंसी हो गई हो तो गोरख इमली के फल के गूदे को लगाने से पस न‍िकल जाता है.
  • त्वचा से जुड़ी समस्याओं के कारण त्‍वचा में जलन होने पर गोरख इमली के फल के रस में शहद म‍िलाएं और गुनगुने पानी के साथ उसका सेवन करें.
  • महिलाओं में प्रदर की समस्या में इसके फल के गूदे का शरबत पीने से लाभ होता है.
  • सिर दर्द में गोरख इमली की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है.
  • बुखार होने पर इसकी छाल का चूरण बनाकर गुनगुने पानी में डालकर पीने से लाभ मिलता है.
  • दांत में दर्द या मसूढ़ों में सूजन होने पर गोरख इमली के बीज का काढ़ा बनाकर, उससे कुल्ला करने से राहत मिलती है.
  • मूत्र रोग, विशेषतौर पर मूत्र में जलन या रुक रुक कर पेशाब होने की समस्या में गोरख इमली की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें यवक्षार डालकर पीने से फायदा होता है.
  • गर्मी के मौसम में इसके फल के गूदे का शरबत पीने से लू का असर नहीं होता हैं.

चिकित्सक से परामर्श जरूरी
डॉ मनीषा बताती हैं कि ये सभी हल्के या मध्यम स्तर की समस्या में राहत दिलाने वाले उपचार हैं, लेकिन फिर भी इनका सेवन या उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूरी होता है. यही नहीं ऊपर बताई गई किसी समस्या के लक्षण यदि गंभीर रूप में या ज्यादा तीव्रता के साथ नजर आने लगें तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.

औषधीय गुणों से भरपूर गोरख इमली एक ऐसी बूटी है, जो कई तरह के रोग तथा समस्याओं में राहत दिला सकती है. आयुर्वेद में गोरख इमली के कई फायदे बताए जाते हैं. इसके फायदों तथा इस्तेमाल के तरीकों के बारे में ETV भारत सुखीभवा को ज्यादा जानकारी देते हुए मुंबई की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ मनीषा काले बताती हैं कि गोरख इमली के फल ही नहीं बल्कि तने, छाल, गोंद और पत्तियों का इस्तेमाल कई तरह के रोगों के निवारण में किया जा सकता है.

गोरख इमली के गुण
वह बताती हैं कि गोरखचिंच, गोरक्षी तथा शीतफल के नाम से भी जानी जाने वाली गोरख इमली में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. वह बताती हैं कि अलग-अलग रोगों व समस्याओं से बचाव में इसके फल के गूदे, तने, छाल और पत्तियों के काढ़े व चूर्ण तथा इसके तने के गोंद का औषधी के रूप में सेवन तथा लेपन किया जा सकता है. जैसे घाव, आंतरिक व बाह्य सूजन, सिरदर्द, त्‍वचा रोग, बुखार, कान में दर्द, मुंह व मसूढ़ों से संबंधित बीमारियों, दस्त व पाचन संबंधी विकार, मुंह या शरीर से दुर्गंध आना, शरीर में जलन, गठिया तथा मूत्र रोग आदि.

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गोरख इमली के फायदे
हमारे विशेषज्ञ के अनुसार गोरख इमली के कुछ आम रोगों व समस्याओं में फायदे तथा उसके सेवन व लेपन के तरीके इस प्रकार हैं:

  • पाचन संबंधी समस्याओं विशेषकर अपच की समस्या में गोरख इमली की छाल के काढ़े का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है. यह काढ़ा गोरख इमली की छाल के पाउडर में सेंधा नमक, चुटकी भर काली म‍िर्च पाउडर और इलाइची पाउडर म‍िलाकर बनाया जा सकता है. गुनगने पानी में मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करने से अपच की समस्‍या में राहत मिलती है. इसके अलावा दस्‍त होने पर गोरख इमली के फल के गूदे को पीसकर, उसमें गुनगुना पानी व शहद मिलाकर पीने से दस्‍त की समस्‍या में राहत मिलती है. वहीं अम्ल पित्त यानी एसिडिटी की अवस्था में इसके फल के गूदे का काढ़ा बनाकर पीने, या इसके गूदे के शरबत में भुना व पीस जीरा तथा पीसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता है.
  • किसी प्रकार के घाव पर गोरख इमली के पत्‍ते और फल के गूदे को पीस कर लगाने से घाव जल्‍दी भर जाता हैं. इसके अलावा गोरख इमली के तने में लगी गोंद को घाव पर लगाने से भी घाव जल्‍दी भर जाता है. यही नही गरमी के कारण होने वाले व्रण रोग यानी त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे संक्रमण, सामान्य या पस् वाले दानें आदि तथा सभी प्रकार के जख्मों पर इसके बीजों को जलाकर इसकी राख को मक्खन में मिलाकर लगाने से भी लाभ होता है.वहीं त्वचा पर यदि पस् वाली फुंसी हो गई हो तो गोरख इमली के फल के गूदे को लगाने से पस न‍िकल जाता है.
  • त्वचा से जुड़ी समस्याओं के कारण त्‍वचा में जलन होने पर गोरख इमली के फल के रस में शहद म‍िलाएं और गुनगुने पानी के साथ उसका सेवन करें.
  • महिलाओं में प्रदर की समस्या में इसके फल के गूदे का शरबत पीने से लाभ होता है.
  • सिर दर्द में गोरख इमली की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है.
  • बुखार होने पर इसकी छाल का चूरण बनाकर गुनगुने पानी में डालकर पीने से लाभ मिलता है.
  • दांत में दर्द या मसूढ़ों में सूजन होने पर गोरख इमली के बीज का काढ़ा बनाकर, उससे कुल्ला करने से राहत मिलती है.
  • मूत्र रोग, विशेषतौर पर मूत्र में जलन या रुक रुक कर पेशाब होने की समस्या में गोरख इमली की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें यवक्षार डालकर पीने से फायदा होता है.
  • गर्मी के मौसम में इसके फल के गूदे का शरबत पीने से लू का असर नहीं होता हैं.

चिकित्सक से परामर्श जरूरी
डॉ मनीषा बताती हैं कि ये सभी हल्के या मध्यम स्तर की समस्या में राहत दिलाने वाले उपचार हैं, लेकिन फिर भी इनका सेवन या उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूरी होता है. यही नहीं ऊपर बताई गई किसी समस्या के लक्षण यदि गंभीर रूप में या ज्यादा तीव्रता के साथ नजर आने लगें तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.

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