ग्लोबल हैंडवाशिंग डे : वैसे तो हाथों की स्वच्छता के लिए उन्हे साबुन से धोने के फ़ायदों जैसे संक्रमण तथा बीमारियों से बचाव आदि, के बारें में लगभग सभी लोग जानते हैं. लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोग इस आदत को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं और ना ही हाथों को स्वच्छ व कीटाणुमुक्त बनाए रखने को लेकर ज्यादा प्रयास करते हैं. हालांकि कोविड 19 के बाद से हाथों को स्वच्छ व किटाणु मुक्त रखने में उन्हें सही तरह से साबुन से धोने की जरूरत को लेकर लोगों में जागरूकता काफी ज्यादा बढ़ी है. वहीं बहुत से लोगों ने हाथों को नियमित अंतराल तथा जरूरत के अनुसार धोने की आदत को अपनी जीवनशैली का हिस्सा भी बनाया है. लेकिन अभी भी इस बारें में ज्यादा प्रयास करने तथा जागरूकता अभियान को चलाए जाने की जरूरत है.
सिर्फ संक्रमण व अन्य बीमारियों से बचाव के लिए ही नहीं बल्कि अच्छी सेहत के लिए भी लोगों को हाथों को नियमित रूप से तथा सही तरीके से साबुन से धोने की आदत को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 15 अक्टूबर को ‘ग्लोबल हैंडवाशिंग डे’ मनाया जाता है. इस वर्ष ग्लोबल हैंडवाशिंग डे 2023 "स्वच्छ हाथ पहुंच के भीतर हैं" थीम पर मनाया जा रहा है.
इतिहास तथा उद्देश्य
गौरतलब है कि ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की स्थापना ग्लोबल हैंडवाशिंग पार्टनरशिप द्वारा लोगों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करने तथा उन्हे इसके फ़ायदों व महत्व के बारें जागरूक करने के उद्देश्य से की गई थी. सबसे पहली बार ग्लोबल हैंडवाशिंग डे वर्ष 2008 में आयोजित किया गया था. इस अवसर पर दुनिया के लगभग 70 देशों में 120 मिलियन बच्चों को साबुन से हाथ धोते हुए देखा गया था. हर वर्ष ग्लोबल हैंडवाशिंग डे अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है. इस वर्ष यह आयोजन एक विशेष थीम "स्वच्छ हाथ पहुंच के भीतर है" के साथ मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है कि “मजबूत नेतृत्व और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से, हम सभी के लिए हाथों की स्वच्छता हासिल करना संभव है. इसलिए इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सभी को प्रयास करने होंगे .
क्यों है जरूरी हैंडवॉश
भोपाल के जनरल फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि हमारे हाथ अधिकांश मामलों में वायरल या अन्य संक्रमणों के शरीर में प्रवेश कारण बनते हैं. वह बताते हैं कि हमारे हाथ सबसे ज्यादा और सबसे पहले संक्रमण के लिए जिम्मेदार जीवाणु या विषाणु के संपर्क में आते हैं. ऐसे में अगर हम बिना हाथों को अच्छे से धोए कुछ भी खाते हैं या उनसे अपनी नाक, आँख या शरीर से किसी ऐसे अंग को छूते हैं जहां से बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है, तो हमारे संक्रमण के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है.
वह बताते हैं कि आमतौर पर लोगों को लगता है कि सबसे ज्यादा बच्चों में साबुन से सही तरह से हाथ धोने की आदत डालना जरूरी है. जबकि सिर्फ बच्चों ही नहीं बल्कि हर उम्र के वयस्कों के लिए भी सिर्फ शौच के बाद या खाना खाने से पहले व बाद में हाथ धोने की नहीं बल्कि बाहर से आने के बाद, घर या दफ्तर में अलग-अलग प्रकार की चीजों व सतहों को छूने के बाद तथा नियमित अंतराल पर भी साबुन से अच्छे से हाथ धोने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है.
वह बताते हैं है वर्तमान समय में आए दिन किसी ना किसी प्रकार के संक्रमण या रोग के फैलने की खबर आती रहती है. ऐसे में संक्रमण होने के बाद इलाज कराने से ज्यादा बेहतर हैं कि संक्रमण से बचाव के लिये पहले से ही हर संभव प्रयास किए जा सके. वह बताते हैं कि सही तरह से हैंड वॉश करने की आदत संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रभाव में आने तथा अन्य कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं व रोगों से बचाव में मदद कर सकती है.