ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ओआरएस) के महत्व को उजागर करने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 29 जुलाई को ओआरएस दिवस मनाया जाता है. कई विकासशील देशों में शिशुओं और छोटे बच्चों में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से तीव्र डायरिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में दस्त की बीमारी मौत का दूसरा प्रमुख कारण है. इसका उद्देश्य आमजन को दस्त रोग के लक्षण एवं उसकी रोकथाम एवं प्रबंधन, ओआरएस बनाने की विधि एवं दी जाने वाली मात्रा के संबंध में जानकारी प्रदान करना हैं.
एक शोध के अनुसार, शरीर में पानी की कमी से देश में हर साल लगभग 15 लाख लोगों की मौत हो जाती है. ऐसे समय ओआरएस का घोल आपके प्राणों की रक्षा कर सकता है. ओआरएस के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए डॉ.विजयानंद जमालपुरी, कंसल्टेंट नियोनेटोलॉजिस्ट कहते हैं कि 'ओआरएस एक सरल और जीवनदायी तरल पदार्थ है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों में शरीर में पानी की कमी से मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है, जो मुख्य रूप से डायरिया बीमारी के कारण होता है.'
ओआरएस घोल क्या है?
ओआरएस विभिन्न प्रकार के नमक (इलेक्ट्रोलाइट्स) और चीनी से बना एक पाउडर होता हैं. इलेक्ट्रोलाइट्स और चीनी का मिश्रण आंत से पानी और इलेक्ट्रोलाइट अवशोषण को उत्तेजित करता है. इसलिए यह शरीर में होने वाली पानी की कमी को रोकता है और दस्त और उल्टी जैसी स्थितियों में खोए हुए नमक को लौटाता है. बाजार में पाउच या रेडीमेड घोल पाउडर के रूप में उपलब्ध होता है या कोई भी इसे आसानी से घर पर भी बना सकता है.
ओआरएस घोल कैसे बनाएं
1. रेडी टू ड्रिंक: आप किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से उपलब्ध ओआरएस का पाउडर खरीद सकते हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित हो.
2. घर पर करें तैयार:1 लीटर स्वच्छ पानी में 6 चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक मिलाएं. इसे तब तक मिलाएं जब तक कि चीनी पूरी तरह से घुल न जाये. बहुत अधिक चीनी दस्त की स्थिति को बदतर बना सकती है या बहुत अधिक नमक हानिकारक हो सकता है.
कितना मात्रा में दें
- बच्चे को अधिक से अधिक मात्रा में ओआरएस पीने के लिए प्रोत्साहित करें. दो साल से कम आयु के बच्चे को हर पतले मल के बाद ओआरएस के एक बड़े कप (250 मिलीलीटर) का कम से कम 1/4 से 1/2 की आवश्यकता होती है. हर 2 से 3 मिनट में 1-2 चम्मच दें.
- दो साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे को हर पतले मल के बाद ओआरएस के एक बड़े कप (250 मिलीलीटर) का कम से कम 1/2 की आवश्यकता होती है.
- यदि बच्चा उल्टी करता है, तो दस मिनट तक प्रतीक्षा करें. हर 2 से 3 मिनट में एक चम्मच दें.
- यदि बच्चा स्तनपान करता है, तो उसे ओआरएस के साथ जारी रखें.
इसका भी ध्यान रखें
डॉ. विजयानंद ने ओआरएस घोल को लेकर विशेष सुझाव दिया है:
- ओआरएस प्रत्येक दस्त के बाद 50-100 मिलीलीटर की मात्रा में दिया जा सकता है और व्यक्ति को जितना आवश्यक हो.
- पेट में जलन या उल्टी के मामले में, शरीर एक बार में बड़ी मात्रा में तरल पदार्थों को नहीं ले पाता है. इससिए, पूरे ग्लास के बजाय ओआरएस घोल को थोड़ा-थोड़ा कर के पीने दी जाती है.
- यदि आप तेज बुखार, मल में रक्त, कम पेशाब होना या पेट खराब होने जैसे लक्षणों दिखने पर सीधे चिकित्सक से संपर्क करें.
- यदि बच्चे नियमित ओआरएस घोल का स्वाद पसंद नहीं करते हैं, तो आप फ्लेवर वाले ओआरएस का घोल दे सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुशंसित सूत्रीकरण हो.
- दस्त के शुरुआती लक्षण दिखने पर बच्चे या वयस्कों को भी ओआरएस घोल दिया जा सकता है. यह व्यक्ति को उनकी स्थिति, अस्पताल में प्रवेश और अंतःशिरा चिकित्सा को बिगड़ने से रोकेगा.
- ओआरएस घोल सुरक्षित है, इसे आप बिना चिकित्सक की सलाह के भी बच्चों को दे सकते हैं.
- जीवाणु यानि बैक्टीरियल दस्त होने की स्थिति में चिकित्सक से परामर्श के बाद एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं.
सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि वयस्क भी ओआरएस से शरीर में पानी की कमी का इलाज कर सकते हैं. इसलिए, ओआरएस पाउडर आज हर दवाई दुकान में आसानी से उपलब्ध होता है. यह एक जीवन रक्षक सूत्रीकरण है और लोगों को इसके बारे में अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है.