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Covid19 Vaccine : कोविशील्ड-कोवैक्सीन का टीका लगाने से नहीं है इस रोग का कारण - Covaxin not causes heart attack risk

GB Pant Hospital के डॉक्टरों के नेतृत्व में की गई स्टडी का उद्देश्य दिल के दौरे के बाद मृत्यु दर पर Covid 19 टीकाकरण के प्रभाव को देखना था. यह स्टडी दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि के बीच आया है जिसे अक्सर टीकाकरण से जोड़ा गया है.

Covishield Covaxin
कोविशील्ड कोवैक्सीन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 10:57 AM IST

नई दिल्ली: एक शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीकाकरण से दिल के दौरे का कोई खतरा नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी के जीबी पंत अस्पताल के डॉक्टरों के नेतृत्व में किए गए अध्ययन का उद्देश्य दिल के दौरे के बाद मृत्यु दर पर Covid19 टीकाकरण के प्रभाव को देखना था. यह अध्ययन Covid 19 महामारी के बाद दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि के बीच आया है, जिसे अक्सर टीकाकरण से जोड़ा गया है.

गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. मोहित डी. गुप्ता ने पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित पेपर में कहा, "Covid-19 टीकों ने मायोकार्डिया इनफेक्शन (एएमआई) के बाद 30 दिनों और छह महीनों में मृत्यु दर में कमी देखी है." उन्होंने कहा, “यह अध्ययन एएमआई रोगियों की एक बड़ी आबादी के बीच आयोजित किया जाने वाला पहला अध्ययन है, जिसने दिखाया है कि Covid 19 वैक्सीन न केवल सुरक्षित है, बल्कि अल्पावधि के साथ-साथ मृत्यु दर में कमी के संदर्भ में सुरक्षात्मक प्रभाव डालती है."

टीम ने अगस्त 2021 और अगस्त 2022 के बीच जीबी पंत में भर्ती हुए 1578 दिल के दौरे के रोगियों का पूर्वव्यापी विश्लेषण किया. कुल रोगियों में से 69 प्रतिशत को टीका लगाया गया था, जबकि 31 प्रतिशत को टीका नहीं लगाया गया था. टीका लगाने वाले समूह में से 96 प्रतिशत को टीके की दोनों खुराकें मिली थीं, जबकि 4 प्रतिशत को केवल एक खुराक मिली थी. उनमें से अधिकांश 92.3 प्रतिशत को ब्रिटिश फार्मा एस्ट्राजेनेका के सहयोग से पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित Covishield का टीका लगाया गया था, जबकि 7.7 प्रतिशत को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित Covaxin लगाया गया था.

शोधकर्ताओं ने पाया कि टीकाकरण से दिल के दौरे का कोई सीधा संबंध नहीं है. शोध में कहा गया है कि केवल 2 प्रतिशत दिल के दौरे टीकाकरण के पहले 30 दिनों के भीतर हुए. अधिकांश को टीकाकरण के बाद यह 90-270 दिनों के बीच हुआ. दिल के दौरे वाले 1,578 रोगियों में से 13 प्रतिशत ने 30 दिन की मृत्यु दर का अनुभव किया. इनमें से 58 प्रतिशत टीकाकृत समूह के थे, जबकि 42 प्रतिशत टीकाकरण से वंचित थे.

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हालांकि, पहले से मौजूद जोखिम कारकों को समायोजित करने के बाद, अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण वाली आबादी में 30 दिनों की मृत्यु दर की संभावना काफी कम थी. इसमें यह भी कहा गया कि बढ़ती उम्र, मधुमेह और धूम्रपान 30 दिन की मृत्यु दर की उच्च संभावना से जुड़े थे. 30 दिन से छह महीने की अनुवर्ती अवधि के दौरान, 75 रोगियों की मृत्यु हो गई, और उनमें से 43.7 प्रतिशत को टीका लगाया गया था. हालांकि, कारकों के समायोजन के बाद अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण वाले विषयों में मृत्यु दर की संभावना कम थी. इस बीच, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी कोविड-19 महामारी के बाद युवाओं में दिल के दौरे के कारण होने वाली "अचानक मौतों" में असामान्य वृद्धि को समझने के लिए अध्ययन कर रही है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: एक शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीकाकरण से दिल के दौरे का कोई खतरा नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी के जीबी पंत अस्पताल के डॉक्टरों के नेतृत्व में किए गए अध्ययन का उद्देश्य दिल के दौरे के बाद मृत्यु दर पर Covid19 टीकाकरण के प्रभाव को देखना था. यह अध्ययन Covid 19 महामारी के बाद दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि के बीच आया है, जिसे अक्सर टीकाकरण से जोड़ा गया है.

गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. मोहित डी. गुप्ता ने पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित पेपर में कहा, "Covid-19 टीकों ने मायोकार्डिया इनफेक्शन (एएमआई) के बाद 30 दिनों और छह महीनों में मृत्यु दर में कमी देखी है." उन्होंने कहा, “यह अध्ययन एएमआई रोगियों की एक बड़ी आबादी के बीच आयोजित किया जाने वाला पहला अध्ययन है, जिसने दिखाया है कि Covid 19 वैक्सीन न केवल सुरक्षित है, बल्कि अल्पावधि के साथ-साथ मृत्यु दर में कमी के संदर्भ में सुरक्षात्मक प्रभाव डालती है."

टीम ने अगस्त 2021 और अगस्त 2022 के बीच जीबी पंत में भर्ती हुए 1578 दिल के दौरे के रोगियों का पूर्वव्यापी विश्लेषण किया. कुल रोगियों में से 69 प्रतिशत को टीका लगाया गया था, जबकि 31 प्रतिशत को टीका नहीं लगाया गया था. टीका लगाने वाले समूह में से 96 प्रतिशत को टीके की दोनों खुराकें मिली थीं, जबकि 4 प्रतिशत को केवल एक खुराक मिली थी. उनमें से अधिकांश 92.3 प्रतिशत को ब्रिटिश फार्मा एस्ट्राजेनेका के सहयोग से पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित Covishield का टीका लगाया गया था, जबकि 7.7 प्रतिशत को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित Covaxin लगाया गया था.

शोधकर्ताओं ने पाया कि टीकाकरण से दिल के दौरे का कोई सीधा संबंध नहीं है. शोध में कहा गया है कि केवल 2 प्रतिशत दिल के दौरे टीकाकरण के पहले 30 दिनों के भीतर हुए. अधिकांश को टीकाकरण के बाद यह 90-270 दिनों के बीच हुआ. दिल के दौरे वाले 1,578 रोगियों में से 13 प्रतिशत ने 30 दिन की मृत्यु दर का अनुभव किया. इनमें से 58 प्रतिशत टीकाकृत समूह के थे, जबकि 42 प्रतिशत टीकाकरण से वंचित थे.

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हालांकि, पहले से मौजूद जोखिम कारकों को समायोजित करने के बाद, अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण वाली आबादी में 30 दिनों की मृत्यु दर की संभावना काफी कम थी. इसमें यह भी कहा गया कि बढ़ती उम्र, मधुमेह और धूम्रपान 30 दिन की मृत्यु दर की उच्च संभावना से जुड़े थे. 30 दिन से छह महीने की अनुवर्ती अवधि के दौरान, 75 रोगियों की मृत्यु हो गई, और उनमें से 43.7 प्रतिशत को टीका लगाया गया था. हालांकि, कारकों के समायोजन के बाद अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण वाले विषयों में मृत्यु दर की संभावना कम थी. इस बीच, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी कोविड-19 महामारी के बाद युवाओं में दिल के दौरे के कारण होने वाली "अचानक मौतों" में असामान्य वृद्धि को समझने के लिए अध्ययन कर रही है.

(आईएएनएस)

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