हमारी भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में लहसुन को औषधि सरीखा माना जाता है. लहसुन ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि उसके गुण, भोजन से शरीर को मिलने वाले फायदों को भी बढ़ा देती हैं. ठंड के मौसम में शरीर को स्वस्थ और गर्म रखने के लिए लहसुन एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है . लहसुन के गुणों और फायदों को हर चिकित्सा पद्धति में माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लहसुन सिर्फ सफेद रंग की ही नही होती है! जी हां लहसुन काले रंग की भी होती है और काली लहसुन (Black garlic) में पोषण तथा गुण, दोनों ही सफेद लहसुन से काफी ज्यादा होते हैं, गुणों की खान ये Super Food सर्दियों में है रामबाण.
उत्तराखंड के बीएएमएस (आयुर्वेद) चिकित्सक डॉ राजेश्वर सिंह काला (Dr. Rajeshwar Singh Kala, BAMS Ayurveda Uttarakhand) बताते हैं लहसुन पहले से ही गुणों की खान होता है लेकिन जब लहसुन का खमीरीकरण किया जाता है तो उसमें एंटी-इन्फ्लैमेटरी ,एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल तथा एंटी सेप्टिक गुणों की मात्रा (anti-inflammatory, anti-bacterial, antiviral anti-septic properties) बढ़ जाती है. साथ ही इस प्रक्रिया के फलस्वरूप उसके एंटी-ऑक्सिडेंट्स (antioxidant properties) गुण भी बढ़ जाते हैं.
सुपर फूड काली लहसुन (Super food black garlic) के फायदे : कुछ सालों पहले इंटेक ओपन जर्नल (Intake Open Journal ) में प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्षों में बताया गया था कि काले लहसुन का सेवन करने से आंत की वसा, एपिडिडीमल वसा और यकृत के वजन को कम करने में मदद मिल सकती है. काले लहसुन से सेहत को अपेक्षाकृत ज्यादा फायदे होने की पुष्टि फूड एंड ड्रग एनालिसिस जर्नल (Food and Drug Analysis Journal) में प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट में भी की गई है. शोध में बताया गया था कि चूंकि काले लहसुन में कई प्रकार के औषधीय गुण (Black garlic medicinal properties) पाए जाते हैं, ऐसे में इसके नियमित सेवन से स्वास्थ्य को कई दीर्घकालिक लाभ हो सकते हैं. वहीं आयुर्वेद में भी इसे सेहत के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.
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Fermented White Garlic : भारतीय घरों में बनने वाली सब्जी या दाल हो, या फिर दुनिया के किसी भी हिस्से में बनने वाला भोजन, सफेद लहसुन हर कूजीन (every cuisine) का हिस्सा होती है. काली लहसुन (Black garlic) प्राकृतिक रूप से काले रंग में नही उगती है बल्कि सफेद लहसुन को जब खमीर युक्त किया जाता है (Fermented White garlic) तो उसका रंग काला हो जाता है. लेकिन चिकित्सक तथा जानकार मानते हैं कि खमीरीकरण के उपरांत (Fermented White garlic is black garlic) जब लहसुन का रंग बदल जाता है तो उसके गुण तथा फायदे भी काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसके गुणों के चलते इसे सुपर फूड की श्रेणी में भी रखा जाता है.
कुछ खास फायदे : काले लहसुन के फायदों को लेकर किए गए कई शोधों में बताया गया है कि इसमें पॉलिफेनॉल, फ्लेवोनॉइड और अल्कलॉइड की (polyphenols, flavonoids and alkaloids) मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा पाई जाती है. साथ ही इसमें आर्जिनिन तथा ट्रिप्टोफैन सहित 18 अमीनो एसिड पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें प्रोटीन, विटामिन बी, सी तथा कॉलेजन सहित कई पौष्टिक तत्व व कई अन्य प्रकार के औषधीय गुण (Protein, vitamin B, C and collagen and many other types of medicinal properties in black garlic) भी पाए जाते है. विभिन्न शोधों और हमारे विशेषज्ञों की राय के अनुसार काले लहसुन कुछ खास फायदे इस प्रकार हैं.
- काले लहसुन में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के संक्रमणों तथा ऑटोइम्यून रोगों से बचाने में मदद करते है.
- अच्छी याददाश्त व तंत्रिका तंत्र के लिए काले लहसुन के सेवन को काफी फायदेमंद माना जाता है. चूंकि इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी तथा कई अन्य प्रकार के गुण भी पाए जाते हैं इसलिए यह तंत्रिका तंत्र में सूजन और विषाक्तता को रोकने में काफी असरदार होता है.
- काले लहसुन के फायदों को लेकर किए गए कुछ शोधों में इस बात की जानकारी मिलती है कि इसके सेवन से अल्जाइमर (risk of Alzheimer) का खतरा कम होता है.
- काले लहसुन में एस-एल सिस्टीन का स्तर काफी ज्यादा होता है जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचने में मदद करता है.
- जर्नल बायोमेडिकल रिपोर्ट्स (Biomedical Reports Journal) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, काले लहसुन का अर्क या रस विशेषतौर पर पेट के कैंसर की रोकथाम व उपचार में प्रभावी हो सकता है. इसके अलावा काला लहसुन कोलन कैंसर तथा ल्यूकेमिया (Colon cancer and leukemia) सहित कई प्रकार के कैंसर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने में मदद कर सकता हैं.
- फ्रंटियर्स इन फिजियोलॉजी (Frontiers in Physiology) में प्रकाशित एक समीक्षा में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि काला लहसुन मधुमेह (diabetes) से भी बचाव करता है.
- काले लहसुन में ताजे लहसुन की तुलना में काफी ज्यादा पॉलीफेनोल होते हैं, जो ह्रदय को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं तथा शरीर में रक्त परिसंचरण (Blood circulation) भी बेहतर होता है.
- काला लहसुन खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) को कम करने में भी मदद करता है.
- काले लहसुन में पोषक तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक होती है. इसलिए यह शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ मेटाबॉलिक स्वास्थ्य (Metabolic health) को भी बनाए रखता है.
काले व सफेद लहसुन के गुणों में अंतर : वैसे तो काला लहसुन सफेद लहसुन से ही बनता है लेकिन दोनों स्वरूपों में इसके गुणों में काफी अंतर आ जाता है. खमीरीकरण से पहले सफेद लहसुन की गंध तथा जायका दोनों ही बहुत तीव्र होते हैं, लेकिन खमीरीकरण (Fermented) के उपरांत ना सिर्फ उसका रंग बदल जाता है बल्कि उसके जायके तथा गंध की तीव्रता भी कम हो जाती है.
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नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार लहसुन में एलिसिन नामक एक यौगिक पाया जाता है जो इसे औषधि सरीखा बनाता है. इस यौगिक में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. वहीं लहसुन में विटामिन बी1, बी6, विटामिन सी के साथ ही मैंगनीज, कैल्शियम, कॉपर, सेलेनियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन लवण एजोइन एलिन यौगिक भी पाए जाते हैं (Antifungal and antioxidant properties. At the same time, manganese, calcium, copper, selenium, potassium, phosphorus, iron salts ajoene allin compounds) जो लहसुन को असरदार औषधि बनाते हैं. काला होने के बाद लहसुन में एलिसिन की मात्रा अपेक्षाकृत कम हो जाती हैं लेकिन इसके औषधीय गुण, उसमें पोषक तत्वों की मात्रा तथा उसके स्वास्थ्य को फायदे, सफेद लहसुन के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.
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