बढ़ती उम्र के साथ या फिर कई बार सामान्य प्रसव के उपरांत महिलाओं की योनि में ढीलापन आने लगता है । ऐसा माना जाता है महिलाओं की योनि में ढीलापन महिला तथा पुरुष दोनों में यौन संबंधों में कम रूचि का कारण बन सकता है। कई महिलाएं योनि में कसाव लाने के लिए वेजाइनोप्लास्टी का सहारा भी लेती है जोकी एक सर्जिकल तरीक़ा है। लेकिन , क्योंकि यह एक खर्चीला तरीका है इसलिए ज़्यादातर महिलाएं ऐसा नही करवा सकती है। ऐसे में योग तथा व्यायाम एक ऐसा विकल्प है जिनसे बिना पैसे खर्च किए योनि में कसाव लाया जा सकता है।
योनि में ढीलापन आने के कई कारण हो सकते हैं सामान्य डिलीवरी, मेनोपोज, हार्मोन में असंतुलन आदि। योनि में ढीलेपन की समस्या से छुटकारा पाने में कुछ विशेष व्यायाम काफी मददगार हो सकते है। ईटीवी भारत सुखी भव अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है कुछ ऐसे व्यायामों के बारें में जानकारी , जिनके नियमित अभ्यास से महिलायें योनि के ढीलेपन की समस्या को दूर कर सकती है।
मैसूर निवासी योग प्रशिक्षक तथा फिटनेस एक्सपर्ट मीनाक्षी वर्मा वर्मा बताती है की कुछ साधारण से योग तथा अन्य प्रकार के व्यायाम न सिर्फ महिलाओं की योनि से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकते हैं बल्कि उनके प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य को भो बरकरार रख सकते हैं । वे बताती हैं की बटरफ्लाई एक्सरसाइज( तितली आसन), कीगल एक्सरसाइज तथा स्क्वाट सहित कुछ व्यायाम है जो शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं जिससे जांघों तथा योनि की मांसपेशियों में कसाव आ सकता है।
इन व्यायामों को करने का तरीका इस प्रकार है।
बटरफ्लाई एक्सरसाइज(तितली आसन)
![butterfly pose, योनि में कसाव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12192140_butterfly.jpg)
- तितली आसन करने के लिए अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा कर के बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
- अब पैरों को मोड़कर हाथों की उंगलियों को पैरों के पंजों के ऊपर लाकर आपस में मिला दें। इस दौरान आपकी एडियां शरीर से सटी हुई होनी चाहिए।
- सामान्य रूप से सांस लेते हुए दोनों पैरों को एक साथ ऊपर ले जाएं और फिर नीचे लाएं। आपको ऐसा 15 से 20 बार करना है।
लेटरल लंजेस
लेटरल लंजेस शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर काम करती है। इस व्यायाम से पीठ, जांघ और पैरों को मजबूती मिलती है।
- इस व्यायाम के लिए आप सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब दाहिने पैर को तिरछे पीठ और निचले दाहिने घुटने के पीछे ले जाने की कोशिश करें और झुकें।
- कुछ देर इस स्थिति में रुकने के बाद आप सीधे होकर दूसरे पैर के साथ भी इसी प्रक्रिया को दोहराएं.
कीगल एक्सरसाइज
कीगल एक्सरसाइज की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे कहीं भी कर सकती हैं और किसी को पता भी नहीं चलेगा। कीगल एक्सरसाइज पेल्विक फ्लोर की मसल्स पर काम करके समस्या की जड़ तक जाती हैं।
- इस व्यायाम में 5 सेकंड के लिए अपनी पेल्विक मसल्स को सिकोड़ें और फिर छोड़ दें।
- इसे 15 बार दोहराएं और फिर आराम करें।
- आप इनमें से जितने चाहें उतने सेट एक दिन में कर सकती हैं। इसे आप बैठकर या लेटकर आसानी से कर सकती हैं।
साधारण या जंप स्क्वाट्स
![योनि में कसाव, चाइल्ड पोज (बालासन )](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12192140_squat.jpg)
स्क्वाट एक असरदार व्यायाम है। यह महिलाओं की आपकी पेल्विक मांसपेशियों के लिए विशेष रूप से प्रभावी होते हैं।
- स्क्वाट करने के लिए अपने पैरों को अपने हिप्स की चौड़ाई में खोलकर खड़ी हो जाएं और उन्हें अपने शरीर से 30 डिग्री के कोण पर थोड़ा मोड़ें।
- अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे ऐसे बैठें जैसे आपके नीचे किसी कुर्सी पर बैठी हैं।
- जब आप सीधा ऊपर की ओर जाती हैं तो अपनी एड़ी से ऊपर की ओर धक्का देना याद रखें। जब सही तरीके से किया जाता है, तो स्क्वाट वास्तव में आपके घुटनों और पीठ को मजबूत कर सकता है, जिससे उन्हें चोट लगने से बचाया जा सकता है।नियमित तौर पर स्क्वाट करने से योनि में कसाव आने के साथ ही हिप्स और पेट भी कस जाता है।
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चाइल्ड पोज (बालासन )
![योनि में कसाव, चाइल्ड पोज (बालासन )](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12192140_balasana.jpg)
चाइल्ड पोज व्यायाम जिसे बलासन या शिशुआसन के नाम से भी जाना जाता है, योनि में कसाव उत्पन्न करने में मदद करता है । सिर्फ योनि ही नही इसके नियमित अभ्यास से पूरे शरीर की मांसपेशिया चुस्त होती हैं।
- इस व्यायाम को करने के लिए अपनी एड़ियों पर बैठ जाएँ,कूल्हों पर एड़ी को रखें,आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाये।
- हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर (अगर ये आरामदायक ना हो तो आप एक हथेली के ऊपर दूसरी हथेली को रखकर माथे को आराम से रखें।)
- धीरे से छाती से जाँघो पर दबाव दें। और थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें ।
- धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें। विश्राम करें।