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सुबह जल्दी नाश्ता करने की आदत कम कर सकती है टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम

सुबह जल्दी नाश्ता करने की आदत लोगों में न सिर्फ टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करती है बल्कि उसे नियंत्रण में रखने में भी मदद करती है. हाल में जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शोध के निष्कर्षों में शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है.

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टाइप 2 डायबिटीज
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Published : Oct 22, 2021, 3:32 PM IST

समय पर भोजन करना स्वस्थ आदतों में से गिना जाता है. चिकित्सा शास्त्र की सभी विधाएं जैसे एलोपैथी, आयुर्वेद आदि सुबह का नाश्ता , दोपहर का भोजन तथा रात का भोजन नियत समय पर करने की सलाह देते हैं. यह आदत न सिर्फ हमारे पाचन को दुरुस्त रखती है बल्कि शरीर में ऊर्जा को लगातार बनाए रखने में मदद करती है. चिकित्सक विशेषकर पोषण विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य परिसतिथ्यों में सुबह का नाश्ता हमारी अच्छी हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है , लेकिन मधुमेह रोगियों के लिए सुबह सही समय पर नाश्ता करना बहुत जरूरी होता है, जिससे उनके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहे. हाल ही में हुए एक शोध में भी सामने आया है की सुबह जल्दी नाश्ता करने से टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है.

जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन (Journal of Nutrition) में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोग जो सुबह 8:30 बजे से पहले नाश्ता कर लेते हैं उनमें देर से नाश्ता करने वाले लोगों के मुकाबले इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का जोखिम कम होता है. साथ ही समय प्रतिबंधित नाश्ते से अन्य चयापचय संबंधी विकारों (पाचन तथा आंतों से जुड़े विकार ) के जोखिम को भी कम किया जा सकता है. सुबह जल्दी नाश्ता करने की आदत से न सिर्फ मधुमेह बल्कि ओबेसिटी यानी ज्यादा वजन और मोटापे की समस्या में भी राहत पाई जा सकती है जो न सिर्फ मधुमेह बल्कि कई अन्य रोगों की गंभीरता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है. गौरतलब है कि इस शोध को द एंडोक्राइन सोसाइटी (Endocrine Society) के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था.

इसी संबंध में ETV भारत सुखीभवा ने नोएडा के जनरल फिजीशियन डॉ. केवल ध्यानी से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि मधुमेह रोगियों का सही समय पर , सही मात्रा में तथा मधुमेह के मद्देनजर उचित भोजन करना न सिर्फ उनके सामान्य स्वास्थ्य के लिए बल्कि मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए बेहद जरूरी होता है. वह बताते हैं कि भोजन में जरा सी लापरवाही मधुमेह से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को बेहद प्रभावित करती हैं. यहीं नही उन्हे अन्य रोगों को लेकर भी संवेदनशील बनाती हैं.

गौरतलब है की मधुमेह रोग में हमारा शरीर इंसुलिन के उत्पादन तथा उसके उपयोग में कमजोर तथा समस्या बढ़ने पर असमर्थ होने लगता है, जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जरूरी होता है. जिसके कारण शरीर में कमजोरी , थकान तथा ऊर्जा में कमी महसूस होने लगती है . इसी के चलते मधुमेह पीड़ितों को जल्दी-जल्दी भूख और प्यास भी लगने लगती है. ऐसे में शरीर में लगातार ऊर्जा बनाए रखने के लिए मधुमेह रोगियों का हमेशा सही समय पर आहार ग्रहण करना तथा खाली पेट ना रहना बहुत जरूरी होता है. विशेषतौर सुबह उठने के बाद जल्दी नाश्ता किया जाना उनके लिए बहुत जरूरी होता है.

मधुमेह पीड़ित लोग नाश्‍ते में दलिया, ओट्स, स्मूदी, सब्जी -चपाती , ताजे फलों , उबले अंडे , इडली, डोसा, चीला, चिवड़ा, पोहा तथा उपमा आदि का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इनमें फाइबर तथा अन्य जरूरी पोषक तत्व उचित मात्रा में पाए जाते हैं.

डॉ ध्यानी बताते हैं की मधुमेह रोगियों को हमेशा ऐसे भोजन से परहेज करना चाहिए जिनमें शर्करा की मात्रा ज्यादा हो. इसके लिए बहुत जरूरी है की वे चिकित्सक से इस बात की विस्तार से जानकारी लें की वह क्या खा सकते हैं और क्या नहीं. चूंकि मधुमेह को वर्तमान समय में जीवनशैली जनित समस्या भी माना जाने लगा है ऐसे में इसे नियंत्रित रखने के लिए सही और पौष्टिक भोजन के साथ ही भोजन से जुड़े अन्य नियम तथा स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना भी बहुत जरूरी है.

पढ़ें: आयुर्वेदिक उपायों से करें मधुमेह को नियंत्रित

समय पर भोजन करना स्वस्थ आदतों में से गिना जाता है. चिकित्सा शास्त्र की सभी विधाएं जैसे एलोपैथी, आयुर्वेद आदि सुबह का नाश्ता , दोपहर का भोजन तथा रात का भोजन नियत समय पर करने की सलाह देते हैं. यह आदत न सिर्फ हमारे पाचन को दुरुस्त रखती है बल्कि शरीर में ऊर्जा को लगातार बनाए रखने में मदद करती है. चिकित्सक विशेषकर पोषण विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य परिसतिथ्यों में सुबह का नाश्ता हमारी अच्छी हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है , लेकिन मधुमेह रोगियों के लिए सुबह सही समय पर नाश्ता करना बहुत जरूरी होता है, जिससे उनके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहे. हाल ही में हुए एक शोध में भी सामने आया है की सुबह जल्दी नाश्ता करने से टाइप 2 मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है.

जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन (Journal of Nutrition) में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोग जो सुबह 8:30 बजे से पहले नाश्ता कर लेते हैं उनमें देर से नाश्ता करने वाले लोगों के मुकाबले इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का जोखिम कम होता है. साथ ही समय प्रतिबंधित नाश्ते से अन्य चयापचय संबंधी विकारों (पाचन तथा आंतों से जुड़े विकार ) के जोखिम को भी कम किया जा सकता है. सुबह जल्दी नाश्ता करने की आदत से न सिर्फ मधुमेह बल्कि ओबेसिटी यानी ज्यादा वजन और मोटापे की समस्या में भी राहत पाई जा सकती है जो न सिर्फ मधुमेह बल्कि कई अन्य रोगों की गंभीरता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है. गौरतलब है कि इस शोध को द एंडोक्राइन सोसाइटी (Endocrine Society) के वार्षिक सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था.

इसी संबंध में ETV भारत सुखीभवा ने नोएडा के जनरल फिजीशियन डॉ. केवल ध्यानी से जानकारी ली. उन्होंने बताया कि मधुमेह रोगियों का सही समय पर , सही मात्रा में तथा मधुमेह के मद्देनजर उचित भोजन करना न सिर्फ उनके सामान्य स्वास्थ्य के लिए बल्कि मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए बेहद जरूरी होता है. वह बताते हैं कि भोजन में जरा सी लापरवाही मधुमेह से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य को बेहद प्रभावित करती हैं. यहीं नही उन्हे अन्य रोगों को लेकर भी संवेदनशील बनाती हैं.

गौरतलब है की मधुमेह रोग में हमारा शरीर इंसुलिन के उत्पादन तथा उसके उपयोग में कमजोर तथा समस्या बढ़ने पर असमर्थ होने लगता है, जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जरूरी होता है. जिसके कारण शरीर में कमजोरी , थकान तथा ऊर्जा में कमी महसूस होने लगती है . इसी के चलते मधुमेह पीड़ितों को जल्दी-जल्दी भूख और प्यास भी लगने लगती है. ऐसे में शरीर में लगातार ऊर्जा बनाए रखने के लिए मधुमेह रोगियों का हमेशा सही समय पर आहार ग्रहण करना तथा खाली पेट ना रहना बहुत जरूरी होता है. विशेषतौर सुबह उठने के बाद जल्दी नाश्ता किया जाना उनके लिए बहुत जरूरी होता है.

मधुमेह पीड़ित लोग नाश्‍ते में दलिया, ओट्स, स्मूदी, सब्जी -चपाती , ताजे फलों , उबले अंडे , इडली, डोसा, चीला, चिवड़ा, पोहा तथा उपमा आदि का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इनमें फाइबर तथा अन्य जरूरी पोषक तत्व उचित मात्रा में पाए जाते हैं.

डॉ ध्यानी बताते हैं की मधुमेह रोगियों को हमेशा ऐसे भोजन से परहेज करना चाहिए जिनमें शर्करा की मात्रा ज्यादा हो. इसके लिए बहुत जरूरी है की वे चिकित्सक से इस बात की विस्तार से जानकारी लें की वह क्या खा सकते हैं और क्या नहीं. चूंकि मधुमेह को वर्तमान समय में जीवनशैली जनित समस्या भी माना जाने लगा है ऐसे में इसे नियंत्रित रखने के लिए सही और पौष्टिक भोजन के साथ ही भोजन से जुड़े अन्य नियम तथा स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना भी बहुत जरूरी है.

पढ़ें: आयुर्वेदिक उपायों से करें मधुमेह को नियंत्रित

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