आमतौर पर लोगों को लगता है कि डाइटिंग शरीर से चर्बी कम करने का या पतला होने का सबसे सरल तरीका होता है और चूंकि इसमें ज्यादा मेहनत नहीं लगती है तो कई लोग विशेषकर महिलायें बिना डाइटिंग से जुड़ी सावधानियों की जानकारी लिए कम मात्रा में भोजन करना शुरू कर देती हैं. जो सही नही होता है. डाइटिंग के नाम पर भोजन ना करना या कम करना शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर (Dieting side effects) काफी भारी पड़ सकता है.
शरीर स्वस्थ तभी माना जाता है जब वह निरोगी हो. शरीर को निरोगी रखने में हमारा वजन भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शरीर का वजन या उस पर चर्बी यदि जरूरत से ज्यादा हो शरीर में कई प्रकार की बीमारियों के होने की आशंका रहती है. वहीं मोटे शरीर को आकर्षक नही माना जाता है. ऐसे में लोग स्वस्थ रहने और पतला होने के लिए कई उपाय करते हैं जिनमें से एक डाइटिंग भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि डाइटिंग सही तरह से ना की जाय या जरूरत से ज्यादा कर ली जाय तो जान पर भारी भी पड़ सकती है!
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जान पर भारी ज्यादा डाइटिंग : लखनऊ में स्लिम एंड फिट सेंटर की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ साबिहा खान (Dr Sabiha Khan, dietician and nutritionist Slim and Fit Center in Lucknow) बताती हैं कि जरूरत से ज्यादा डाइटिंग कई शारीरिक व मानसिक रोगों व समस्याओं का कारण बन सकती है. वह बताती हैं कि आमतौर पर लोग इस सोच के साथ कि यह पतला होने का काफी सरल तरीका है, इसके बारें में बिना कोई जानकारी लिए या किसी चिकित्सक से सलाह लिए डाइटिंग के नाम बहुत कम मात्रा में भोजन करना शुरू कर देते हैं. यहाँ तक की कई बार कुछ लोग सिर्फ तरल आहार का सेवन शुरू कर देते हैं. इसका असर आहार से शरीर को मिलने वाले पोषण की मात्रा पर पड़ता है और शरीर में पोषण की कमी होने लगती है. ऐसा करना वेट लॉस (Weight loss dieting ) के सबसे अनहेल्दी तरीकों में से एक माना जाता है.
हमारे शरीर के सभी तंत्र सुचारू रूप से कार्य करते रहें तथा शरीर निरोगी व स्वस्थ रहे इसके लिए शरीर को पोषण (Body nutrition) मिलना बहुत जरूरी है जो हमें आहार से ही मिलता है. ऐसे में जब आहार की कमी के चलते शरीर में पोषण की मात्रा कम होने लगती है तो व्यक्ति रोगों व समस्याओं को लेकर ज्यादा संवेदनशील हो जाता है. वहीं कई बार इसके चलते व्यक्ति की जान पर भी खतरा बढ़ जाता है. डॉ सबीहा (Dr. Sabiha Khan)बताती हैं कि इस तरह से डायटिंग करने वालों को ना सिर्फ शारीरिक कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है बल्कि और भी कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याएं होती हैं जो शरीर में पोषण की कमी होने पर प्रभावित कर सकती हैं.
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रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर : डॉ सबीहा बताती है कि जब हम भोजन करते हैं तो उनमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों से हमारे शरीर की पोषण की जरूरत पूरी होती है. आहार से मिलने वाले इस पोषण से ही हमारे शरीर का विकास होता है, सभी तंत्रों को सही तरह से कार्य करने की शक्ति मिलती है, शरीर का मेटाबोलिज्म (Metabolism) अच्छा रहता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Dieting effect on immunity) मजबूत होती है. जिससे शरीर ना सिर्फ रोगों व संक्रमणों की चपेट में आने से बचा रहता है बल्कि यदि किसी कारणवश कोई रोग या समस्या हो भी जाए तो उससे ठीक होने की रफ्तार भी तेज होती है.
लेकिन जब बिना प्लानिंग के डाइटिंग (Dieting planning) के नाम पर लोग बहुत कम मात्रा में भोजन करने लगते हैं तो उनके शरीर में भोजन से मिलने वाले पोषण की मात्रा भी कम हो जाती है. जिसका नतीजा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी सहित कई अन्य प्रकार की शारीरिक व मानसिक बीमारियों के रूप में नजर आता है. यही नहीं कई बार इस तरह वजन कम करने से वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और शरीर पर जानलेवा प्रभाव भी हो सकता है.
संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर : डॉ सबीहा बताती है कि इस तरह के अनहेल्दी वेट लॉस (Unhealthy weight loss) का असर लोगों के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) और उनके बॉडी मास इंडेक्स पर भी पड़ता है. ऐसा करने से मांसपेशियों व हड्डियों में कमजोरी, उनमें दर्द व रोग होने तथा कई बार मांसपेशियों में कमी आने की आशंका भी बढ़ जाती है. वहीं कई बार इसके चलते व्यक्ति के पॉश्चर पर भी असर पड़ता है.
इसके अलावा शारीरिक कमजोरी, थकान, चक्कर आना, उल्टी-मतली की समस्या, पाचन संबंधी समस्याएं, नजरों का कमजोर होना, दिल की धड़कन का अनियमित होना तथा खाना खाने में परेशानी होना जैसी कई अन्य समस्याओं का भी उन्हे सामना करना पड़ सकता है. इसका प्रभाव पीड़ित के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है और आमतौर पर लोगों में चिंता, अवसाद, घबराहट और बेचैनी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
वह बताती हैं कि अनहेल्दी वेट लॉस का असर व्यक्ति के बालों तथा त्वचा के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. इस अवस्था में आमतौर पर लोगों का रंग पीला पड़ जाता है , त्वचा में रूखापन आने लगता है और आंखों के नीचे काले घेरे बन जाते हैं. इसके अलावा शरीर में पोषण की कमी के चलते बालों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है और बालों के टूटने, झड़ने तथा क्षतिग्रस्त होने की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती है.
डाइटिंग करें प्लान : डॉ सबीहा (Dr. Sabiha Khan) बताती है कि डाइटिंग का सही तात्पर्य है पौष्टिक आहार को संतुलित तथा नियंत्रित मात्रा में समयबद्ध तरीके से ग्रहण करना. इसलिए डाइटिंग के नाम वजन कम करने के लिए खाना-पीना नही छोड़ना चाहिए. जो लोग डाइटिंग करना चाहते हैं बहुत जरूरी है कि वह इसकी शुरुआत करने से पहले किसी आहार विशेषज्ञ से या जानकार से इस संबंध में पूरी जानकारी लें और उनकी सलाह पर अपनी डाइट तथा आहार की मात्रा को इस तरह से नियोजित करें कि शरीर को जरूरी मात्रा में पोषण मिलता रहे.
इसके अलावा संतुलित आहार के साथ-साथ व्यायाम को भी अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. क्योंकि वजन कम करने के लिए सही आहार के साथ व्यायाम करना भी बहुत जरूरी होता है. डॉ सबीहा (Dr. Sabiha Khan Nutritionist) बताती हैं कि तमाम सावधानियों के बाद भी यदि डाइटिंग के दौरान कमजोरी महसूस हो, ज्यादा थकान महसूस हो या पैरों में दर्द महसूस होने लगे तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य करना चाहिए.
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