सभी जानते हैं कि यदि घर का कोई एक सदस्य बीमार पड़ता है तो परेशानी सिर्फ उसे ही नहीं बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी उठानी पड़ती है। विशेष तौर पर कोरोनावायरस की बात करें तो यदि परिवार में किसी को यह संक्रमण हुआ है तो उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक तनाव और विभिन्न प्रकार की परेशानियां झेलनी पडती हैं। कोरोना पीड़ितों की देखभाल कर रहे लोग या केयरगिवर भी किस तरह से अपना ध्यान रख सकते हैं इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभवा की टीम ने क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट काजल यू दवे से जानकारी ली।
सिर्फ रोग व रोगी नही, माहौल भी बढ़ाता है चिंताएं
काजल यू दवे बताती है कि तनाव एक ऐसी मानसिक अवस्था है जो कोरोना पीड़ितो की देखभाल कर रहे लोगों में सबसे ज्यादा देखने में आती है। मरीज की देखभाल के साथ ही उसकी अवस्था को लेकर चिंता, कहीं परिवार के और लोगों में भी संक्रमण न फैल जाए इस बात की चिंता, संक्रमण के बारे में पता चलने पर समाज की प्रतिक्रिया सहित बहुत से ऐसे ही कारण होते हैं जो मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त परिवार के सदस्यों में संक्रमण की पुष्टि होने पर दोस्तों जानकारों और पड़ोसियों द्वारा बिन मांगी सलाह और टोटके भी लोगों की मानसिक अवस्था को बहुत प्रभावित करते हैं।
यहीं नहीं, मरीज को जांच और इलाज के लिए जब अस्पताल ले जाना होता है तो कोरोना प्रोटोकॉल के चलते तमाम नियम और पाबंदियां भी मरीज तथा उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति की समस्याएं ज्यादा बढ़ा देती हैं। परिस्थितियां उस समय ज्यादा भारी हो जाती है जब देखभाल करने वाला व्यक्ति कम उम्र का हो या फिर युवा बच्चों को अपने माता-पिता की देखभाल करनी पडती है। मां-बाप या परिवार के किसी सदस्य को खोने का डर या फिर उनके क़्वारंटीन होने के समय उनके साथ ना रह पाने के कारण उत्पन्न डर और बेबसी उनके मानसिक स्वास्थ्य को लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है।
समय में जब चारों तरफ संत्रास की स्थिति फैली हुई है चारों तरफ फैली नकारात्मक खबरों से लोग एक अलग प्रकार के मानसिक दबाव का सामना कर रहे हैं। ना सिर्फ कोरोनाबल्कि अन्य बीमारियों की भी लगातार सुनने में आने वाली घटनाओं सोशल नेटवर्किंग साइट पर लगातार लोगों की मृत्यु संबंधी सूचनाओं के बारे में संदेशों ने लोगों के तनाव और अवसाद को काफी ज्यादा बढ़ाया है।
पढ़ें : लॉक डाउन में बढ़ी पुरुषों में यौनिक अस्वस्थता
रोगी की देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए पांच उपयोगी टिप्स.
काजल दवे बताती हैं कि ऐसी परिस्थितियों में यदि पीड़ित की देखभाल करने वाला व्यक्ति स्वयं किसी प्रकार की शारीरिक समस्या या फिर संक्रमण का ही प्रभाव झेल रहा हो तो वह अपनी देखभाल बेहतर तरीके से नहीं कर पाता है। ऐसे में छोटे छोटे उपायों व सावधानियों से वह अपनी शारीरिक व मानसिक स्तिथि को नियंत्रण में रख सकता है। इसके लिए निम्नलिखित टिप्स की मदद ली जा सकती है।
किन बातों का ध्यान रखें पीड़ितों की देखभाल करने वाले केयरगिवर
- रोग या सामान्य अवस्था में भी किसी भी प्रकार का संदेह या आशंका होने पर दोस्तों और पड़ोसियों से जानकारी लेने की बजाय सीधे चिकित्सक से संपर्क करें।
- पीड़ित का इलाज कर रहे चिकित्सक पर भरोसा रखें।
- अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करें जिससे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का आप बेहतर तरीके से सामना कर सकें।
- वर्तमान समय में लोगों की चिंताओं को दूर करने तथा उनसे बात करने के लिए बहुत सी हेल्पलाइन सुविधाएं मौजूद है, ऐसी में किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव या समस्या महसूस होने पर इन हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके बात की जा सकती है।
- मानसिक स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए ऐसे में व्यायाम, मेडिटेशन तथा मंडला सहित विभिन्न प्रकार की थेरेपियों की मदद ली जा सकती है जो मानसिक दबाव को कम करने में मदद करती हैं।
- बच्चों और युवाओं की देखभाल करने वालों के लिए बहुत जरूरी है कि वह संयम और धैर्य के साथ उनका ध्यान रखें, क्योंकि आमतौर पर टीनएज बच्चों या छोटे बच्चों में बीमार होने पर हद से ज्यादा चिड़चिड़ापन होने जैसी समस्याएं देखने में आती हैं।
- परिवार का माहौल सकारात्मक तथा खुशमिजाज बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए, इससे ना सिर्फ रोगी बल्कि उसका ध्यान रखने वाला व्यक्ति तथा परिवार के अन्य सदस्य भी हल्का चिंता मुक्त तथा खुशमिजाज महसूस कर सकें।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए davekajal26@gmail.कॉम पर संपर्क किया जा सकता है