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Corona : कोरोना से ठीक हो चुके बुजुर्गों में ये बीमारी होने का जोखिम दोगुना - corona infected elders

Case Western University के इस नए अध्ययन के निष्कर्ष में भी कोविड 19 और अल्जाइमर रोग के बीच "द्विपक्षीय संबंध" होने, यानी एक समस्या होने पर दूसरे के होने का जोखिम होने तथा उनके प्रभावों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होने की संभावना जताई गई है. Corona infected recovered elders have more alzheimer risk .

elders disease alzheimer risk
अल्जाइमर रोग
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Published : Sep 30, 2022, 5:11 PM IST

कोविड 19 संक्रमण से ठीक होने के लंबे समय बाद तक भी पीड़ितों में अलग-अलग तरह के पार्श्व प्रभाव नजर आने के मामले काफी ज्यादा देखे जा रहे हैं. इन प्रभावों में अस्थाई मनोभ्रंश के साथ याददाश्त में कमी भी काफी आम है. लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि कोरोना से ठीक हो चुके बुजुर्गों में एक साल बाद भी अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम काफी ज्यादा होता है. विशेषतौर पर यह जोखिम 85 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में अपेक्षाकृत ज्यादा देखा जा सकता है. Corona infected recovered elders have more alzheimer risk .

केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Case Western Reserve University School of Medicine) के शोधकर्ताओं ने हाल ही में कोविड 19 और अल्जाइमर के बीच संबंध को जानने के लिए यह शोध किया था. शोध में कहा गया है कि हालांकि इस बात को लेकर अधिक शोध कि आवश्यकता है कि कोविड 19 संक्रमण अल्जाइमर के होने का कारण बन सकता है या फिर अल्जाइमर पीड़ितों को संक्रमण होने की आशंका ज्यादा होती है, या ये दोनों ही रोग एक दूसरे की गंभीरता को बढ़ा सकते हैं, लेकिन इस शोध में इस बात की पुष्टि जरूर हुई है कि इन दोनों रोगों के बीच में संबंध होता है. और एक समस्या से पीड़ित व्यक्ति में दूसरी समस्या होने का जोखिम (Alzheimer risk) ज्यादा होता है.

क्या कहता है शोध : जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज (Journal of Alzheimer's Disease) में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि कोविड 19 संक्रमण का शिकार रहे वृद्ध लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होने के जोखिम दोगुना होता है, और यह संक्रमण से ठीक होने एक साल भी पीड़ित को प्रभावित कर सकता है. शोध की सह-लेखक तथा प्रोफेसर डॉ पामेला डेविस (Dr. Pamela Davis) ने शोध के निष्कर्ष में बताया है कि अल्जाइमर रोग से जुड़े कारक व्यक्ति में संज्ञानात्मक हानि का कारण बनते हैं. ऐसे में कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव जैसे तीव्र सूजन तथा तंत्रिका तंत्र व मस्तिष्क पर प्रभाव पीड़ित में क्या अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ा सकता है! या पहले से ही इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति की अवस्था को प्रभावित कर सकता है !, इसी के बारे में ज्यादा जानने के उद्देश्य से यह शोध किया गया है.

इस अध्ययन में कुछ अन्य संबंधित शोधों के नतीजों का भी विश्लेषण किया गया है. ग़ौरतलब है कि वर्ष 2021 में हुए एक अन्य शोध के नतीजों कहा गया था कि पहले से मनोभ्रंश से पीड़ित लोगों में कोविड 19 संक्रमण होने, उसके कारण अस्पताल में भर्ती होने और यहाँ तक उनमें मृत्यु का खतरा भी ऐसे लोगों के मुकाबले ज्यादा होता है जिन्हे डिमेंशिया नहीं हो. Case Western Reserve University School of Medicine के इस नए अध्ययन के निष्कर्ष में भी कोविड 19 और अल्जाइमर रोग के बीच "द्विपक्षीय संबंध" होने, यानी एक समस्या होने पर दूसरे के होने का जोखिम होने तथा उनके प्रभावों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होने की संभावना जताई गई है.

कैसे हुआ शोध: इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने ट्राईनेटएक्स एनालिटिक्स प्लेटफार्म (TriNetX analytics platform) का उपयोग किया था. जिसके तहत 50 राज्यों के लगभग 70 स्वास्थ्य संगठनों में इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट विज़िट करने वाले 95 मिलियन से अधिक लोगों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का नैदानिक डेटा एकत्रित किया गया था और उनका विश्लेषण किया गया था. इस शोध में शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले 6.2 मिलियन ऐसे वयस्कों को प्रतिभागियों के रूप में शामिल किया था जिन्होंने किसी समस्या के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट लिया था.

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया जिसमें एक समूह में वे लोग थे जिन्हे फरवरी 2020 से मई 2021 के बीच संक्रमण हुआ था वहीं दूसरे समूह में वे लोग थे जो इस अवधि में संक्रमण का शिकार नहीं हुए थे. दोनों समूहों में प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण अलग-अलग आयु समूह (65 से 74, 75 से 84, और 85 वर्ष और अधिक उम्र) उनके लिंग तथा अन्य कई कारकों के आधार पर किया गया था. शोधकर्ताओं ने कोविड 19 से ठीक होने के एक साल के भीतर अल्जाइमर रोग होने की आशंका का अनुमान लगाने के लिए प्रतिभागियों का “कपलान-मीयर विश्लेषण” (Kaplan-Meier analysis) भी किया गया था.

अल्जाइमर रोग का खतरा लगभग दोगुना : शोध में पाया गया कि जिन वृद्ध लोगों को कोविड 19 संक्रमण हुआ था उनमें एक वर्ष के भीतर अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम–दूसरे समूह की तुलना में 50 से 80% अधिक था. शोध में यह भी सामने आया का कि कोविड 19 से ठीक होने के एक वर्ष में वृद्ध लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम लगभग दोगुना (0.35% से 0.68%) हो गया था. यह जोखिम 85 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में सबसे अधिक देखा गया था.

Dr Pamela Davis बताती हैं कि हालांकि शोध के बाद भी इस बात को कहना कठिन है कि "कोविड 19 संक्रमण अल्जाइमर रोग के प्रभाव को बढ़ाने का कारण बन सकता है, लेकिन इस बात से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता है कि ये दोनों अवस्थाएं एक-दूसरे के लिए ट्रिगर कि भूमिका निभा सकती हैं. इसलिए कोविड 19 और अल्जाइमर रोग के बीच सभी प्रकार के संबंधों तथा संबंधित कारकों को जानने के लिए अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें : IIT ने लाइलाज बीमारी अल्जाइमर का समय रहते पता लगाने में सहायक तकनीक विकसित की

कोविड 19 संक्रमण से ठीक होने के लंबे समय बाद तक भी पीड़ितों में अलग-अलग तरह के पार्श्व प्रभाव नजर आने के मामले काफी ज्यादा देखे जा रहे हैं. इन प्रभावों में अस्थाई मनोभ्रंश के साथ याददाश्त में कमी भी काफी आम है. लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि कोरोना से ठीक हो चुके बुजुर्गों में एक साल बाद भी अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम काफी ज्यादा होता है. विशेषतौर पर यह जोखिम 85 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में अपेक्षाकृत ज्यादा देखा जा सकता है. Corona infected recovered elders have more alzheimer risk .

केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Case Western Reserve University School of Medicine) के शोधकर्ताओं ने हाल ही में कोविड 19 और अल्जाइमर के बीच संबंध को जानने के लिए यह शोध किया था. शोध में कहा गया है कि हालांकि इस बात को लेकर अधिक शोध कि आवश्यकता है कि कोविड 19 संक्रमण अल्जाइमर के होने का कारण बन सकता है या फिर अल्जाइमर पीड़ितों को संक्रमण होने की आशंका ज्यादा होती है, या ये दोनों ही रोग एक दूसरे की गंभीरता को बढ़ा सकते हैं, लेकिन इस शोध में इस बात की पुष्टि जरूर हुई है कि इन दोनों रोगों के बीच में संबंध होता है. और एक समस्या से पीड़ित व्यक्ति में दूसरी समस्या होने का जोखिम (Alzheimer risk) ज्यादा होता है.

क्या कहता है शोध : जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज (Journal of Alzheimer's Disease) में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि कोविड 19 संक्रमण का शिकार रहे वृद्ध लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होने के जोखिम दोगुना होता है, और यह संक्रमण से ठीक होने एक साल भी पीड़ित को प्रभावित कर सकता है. शोध की सह-लेखक तथा प्रोफेसर डॉ पामेला डेविस (Dr. Pamela Davis) ने शोध के निष्कर्ष में बताया है कि अल्जाइमर रोग से जुड़े कारक व्यक्ति में संज्ञानात्मक हानि का कारण बनते हैं. ऐसे में कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव जैसे तीव्र सूजन तथा तंत्रिका तंत्र व मस्तिष्क पर प्रभाव पीड़ित में क्या अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ा सकता है! या पहले से ही इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति की अवस्था को प्रभावित कर सकता है !, इसी के बारे में ज्यादा जानने के उद्देश्य से यह शोध किया गया है.

इस अध्ययन में कुछ अन्य संबंधित शोधों के नतीजों का भी विश्लेषण किया गया है. ग़ौरतलब है कि वर्ष 2021 में हुए एक अन्य शोध के नतीजों कहा गया था कि पहले से मनोभ्रंश से पीड़ित लोगों में कोविड 19 संक्रमण होने, उसके कारण अस्पताल में भर्ती होने और यहाँ तक उनमें मृत्यु का खतरा भी ऐसे लोगों के मुकाबले ज्यादा होता है जिन्हे डिमेंशिया नहीं हो. Case Western Reserve University School of Medicine के इस नए अध्ययन के निष्कर्ष में भी कोविड 19 और अल्जाइमर रोग के बीच "द्विपक्षीय संबंध" होने, यानी एक समस्या होने पर दूसरे के होने का जोखिम होने तथा उनके प्रभावों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होने की संभावना जताई गई है.

कैसे हुआ शोध: इस अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने ट्राईनेटएक्स एनालिटिक्स प्लेटफार्म (TriNetX analytics platform) का उपयोग किया था. जिसके तहत 50 राज्यों के लगभग 70 स्वास्थ्य संगठनों में इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट विज़िट करने वाले 95 मिलियन से अधिक लोगों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का नैदानिक डेटा एकत्रित किया गया था और उनका विश्लेषण किया गया था. इस शोध में शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले 6.2 मिलियन ऐसे वयस्कों को प्रतिभागियों के रूप में शामिल किया था जिन्होंने किसी समस्या के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट लिया था.

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया जिसमें एक समूह में वे लोग थे जिन्हे फरवरी 2020 से मई 2021 के बीच संक्रमण हुआ था वहीं दूसरे समूह में वे लोग थे जो इस अवधि में संक्रमण का शिकार नहीं हुए थे. दोनों समूहों में प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण अलग-अलग आयु समूह (65 से 74, 75 से 84, और 85 वर्ष और अधिक उम्र) उनके लिंग तथा अन्य कई कारकों के आधार पर किया गया था. शोधकर्ताओं ने कोविड 19 से ठीक होने के एक साल के भीतर अल्जाइमर रोग होने की आशंका का अनुमान लगाने के लिए प्रतिभागियों का “कपलान-मीयर विश्लेषण” (Kaplan-Meier analysis) भी किया गया था.

अल्जाइमर रोग का खतरा लगभग दोगुना : शोध में पाया गया कि जिन वृद्ध लोगों को कोविड 19 संक्रमण हुआ था उनमें एक वर्ष के भीतर अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम–दूसरे समूह की तुलना में 50 से 80% अधिक था. शोध में यह भी सामने आया का कि कोविड 19 से ठीक होने के एक वर्ष में वृद्ध लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम लगभग दोगुना (0.35% से 0.68%) हो गया था. यह जोखिम 85 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में सबसे अधिक देखा गया था.

Dr Pamela Davis बताती हैं कि हालांकि शोध के बाद भी इस बात को कहना कठिन है कि "कोविड 19 संक्रमण अल्जाइमर रोग के प्रभाव को बढ़ाने का कारण बन सकता है, लेकिन इस बात से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता है कि ये दोनों अवस्थाएं एक-दूसरे के लिए ट्रिगर कि भूमिका निभा सकती हैं. इसलिए कोविड 19 और अल्जाइमर रोग के बीच सभी प्रकार के संबंधों तथा संबंधित कारकों को जानने के लिए अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है.

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