ETV Bharat / sukhibhava

हल्की फुल्की समस्याओं को अनदेखा करना महिलाओं के लिए पड़ सकता है भारी - PCOD

किसी भी समस्या के उत्पन्न होने पर हमारा शरीर अलग-अलग तरीकों से संकेत देने लगता है. विशेष तौर पर महिलाओं के शरीर की संरचना ऐसी है कि यदि उनके प्रजनन अंगों में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने लगती है तो उनका शरीर अलग-अलग तरीकों से उसके संकेत देना शुरू कर देता है. लेकिन ज्यादातर महिलाएं या तो चिकित्सक के पास जाने के डर से या लापरवाही के चलते उन संकेतों को अनदेखा करती हैं. लेकिन इन संकेतों की अनदेखी कई बार उनके स्वास्थ्य पर भारी भी पड़ सकती है.

common health problems faced by women, female health, PCOS, PCOD, menstrual problems in women
महिलों में समस्या
author img

By

Published : Dec 11, 2021, 2:10 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 4:34 PM IST

उम्र के हर पड़ाव के साथ महिलाएं अपने शरीर में अलग-अलग प्रकार के बदलावों का अनुभव करती हैं. लेकिन कम आयु में अज्ञानता के कारण तो आयु बढ़ने के साथ लापरवाही के चलते महिलायें, अपने शरीर में होने वाली असहजता तथा हल्की फुल्की समस्याओं को अनदेखा करने लगती हैं, जैसे पेडू या पेट के निचले हिस्से में दर्द, असामान्य डिस्चार्ज तथा माहवारी संबंधी समस्याएं आदि.

उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती हैं कि महिलाओं में अलग-अलग उम्र में विभिन्न कारणों से प्रजनन अंगों या योनि में संक्रमण, डिस्चार्ज की समस्या, पेट में लगातार दर्द होने जैसी समस्या, पेशाब में संक्रमण तथा कई बार मासिक चक्र के अलावा भी हल्का फुल्का रक्तस्राव होना या अनियमित रक्तस्त्राव की समस्या नजर आ सकती है, जो ध्यान ना देने पर किसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकती है. इन संकेतों को कई बार संक्रमणों या बीमारियों के लक्षणों में भी गिना जाता है. डॉ विजयलक्ष्मी के अनुसार महिलाओं में नजर आने वाली कुछ आम समस्याएं तथा उनके कारण इस प्रकार हैं.

अनियमित मासिक चक्र

महिलाओं में किसी भी उम्र में मासिक चक्र का अनियमित होना सामान्य नहीं होता है. आमतौर पर महिलाएं मासिक चक्र में ज्यादा अनियमितताएं होने, जैसे एक चक्र से दूसरे चक्र के बीच की लंबी अवधि, कभी-कभी मासिक धर्म का ना होना, मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव में ज्यादा क्लॉट्स निकलना तथा अन्य समस्याओं को लेकर तब तक ज्यादा गंभीर नहीं होती हैं जब तक शरीर पर उनके गंभीर प्रभाव नजर आने शुरू नही हो जाते हैं. जो सही नहीं है. आमतौर पर अनियमित मासिक चक्र तथा मासिक धर्म से जुड़ी कई समस्याएं पी.एस.ओ.एस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का लक्षण हो सकती हैं. दरअसल यह समस्या एक हार्मोनल डिसऑर्डर होता है जिसके चलते प्रजनन क्षमता कम होने का खतरा भी हो सकता है.

मासिक धर्म के अतिरिक्त भी रक्तस्राव होना

मासिक धर्म के अतिरिक्त रक्तस्राव होना भी सामान्य बात नहीं होती है. डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती हैं कि कई बार प्रजनन अंगों या योनि में संक्रमण के जरूरत से ज्यादा बढ़ जाने या गर्भाशय या किसी अन्य प्रजनन अंग में गंभीर समस्या होने पर भी मासिक धर्म के अतिरिक्त रक्तस्राव हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर संपूर्ण जांच करानी जरूरी होती है, क्योंकि इसे सर्वाइकल या गर्भाशय के कैंसर के संकेत या लक्षण हो सकते हैं.

पेट के निचले हिस्से में दर्द

महिलाओं में यह समस्या काफी आम होती है. डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती हैं कि हमारे पेट के निचले हिस्से में हमारी आंते, मूत्राशय, गर्भाशय और अंडाशय जैसे अंग होते हैं. इन अंगों में किसी भी प्रकार की समस्या होने या संक्रमण होने पर आमतौर पर सबसे पहले पेट के निचले हिस्से में हल्का-हल्का दर्द होने जैसे लक्षण नजर आते हैं. आमतौर पर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, जो कि काफी सामान्य बात है. लेकिन मासिक धर्म के अतिरिक्त पेलविक यानी पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द कई बार अंडाशय या गर्भाशय में समस्याओं के कारण भी हो सकता है. इसके अलावा पेट के निचले हिस्से में नियमित दर्द एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में भी शामिल है. इसलिए यदि मासिक धर्म के अतिरिक्त पेट के निचले हिस्से में लगातार मीठा मीठा दर्द बना रहने लगे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.

योनि से होने वाला स्राव

डॉ विजयलक्ष्मी बताती है कि महिलाओं में वेजाइनल डिसचार्ज यानी योनि से होने वाला डिस्चार्ज एक आम समस्या है, जिसे लेकर ज्यादातर महिलाएं ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. लेकिन योनि से होने वाले स्राव की मात्रा यदि बढ़ने लगे तथा उनके रंग में परिवर्तन होने लगे, या फिर उनमें दुर्गंध आने लगे तो यह किसी प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन, यीस्ट इनफेक्शन या एसटीआई यानी यौन संचारित रोग या संक्रमण का संकेत हो सकता है. ऐसा होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना बहुत जरूरी हो जाता है.

पढ़ें: कुछ टिप्स से पाएं मेनोपॉज से जुड़ी समस्याओं में राहत

उम्र के हर पड़ाव के साथ महिलाएं अपने शरीर में अलग-अलग प्रकार के बदलावों का अनुभव करती हैं. लेकिन कम आयु में अज्ञानता के कारण तो आयु बढ़ने के साथ लापरवाही के चलते महिलायें, अपने शरीर में होने वाली असहजता तथा हल्की फुल्की समस्याओं को अनदेखा करने लगती हैं, जैसे पेडू या पेट के निचले हिस्से में दर्द, असामान्य डिस्चार्ज तथा माहवारी संबंधी समस्याएं आदि.

उत्तराखंड की महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती हैं कि महिलाओं में अलग-अलग उम्र में विभिन्न कारणों से प्रजनन अंगों या योनि में संक्रमण, डिस्चार्ज की समस्या, पेट में लगातार दर्द होने जैसी समस्या, पेशाब में संक्रमण तथा कई बार मासिक चक्र के अलावा भी हल्का फुल्का रक्तस्राव होना या अनियमित रक्तस्त्राव की समस्या नजर आ सकती है, जो ध्यान ना देने पर किसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकती है. इन संकेतों को कई बार संक्रमणों या बीमारियों के लक्षणों में भी गिना जाता है. डॉ विजयलक्ष्मी के अनुसार महिलाओं में नजर आने वाली कुछ आम समस्याएं तथा उनके कारण इस प्रकार हैं.

अनियमित मासिक चक्र

महिलाओं में किसी भी उम्र में मासिक चक्र का अनियमित होना सामान्य नहीं होता है. आमतौर पर महिलाएं मासिक चक्र में ज्यादा अनियमितताएं होने, जैसे एक चक्र से दूसरे चक्र के बीच की लंबी अवधि, कभी-कभी मासिक धर्म का ना होना, मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव में ज्यादा क्लॉट्स निकलना तथा अन्य समस्याओं को लेकर तब तक ज्यादा गंभीर नहीं होती हैं जब तक शरीर पर उनके गंभीर प्रभाव नजर आने शुरू नही हो जाते हैं. जो सही नहीं है. आमतौर पर अनियमित मासिक चक्र तथा मासिक धर्म से जुड़ी कई समस्याएं पी.एस.ओ.एस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का लक्षण हो सकती हैं. दरअसल यह समस्या एक हार्मोनल डिसऑर्डर होता है जिसके चलते प्रजनन क्षमता कम होने का खतरा भी हो सकता है.

मासिक धर्म के अतिरिक्त भी रक्तस्राव होना

मासिक धर्म के अतिरिक्त रक्तस्राव होना भी सामान्य बात नहीं होती है. डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती हैं कि कई बार प्रजनन अंगों या योनि में संक्रमण के जरूरत से ज्यादा बढ़ जाने या गर्भाशय या किसी अन्य प्रजनन अंग में गंभीर समस्या होने पर भी मासिक धर्म के अतिरिक्त रक्तस्राव हो सकता है. यदि ऐसा होता है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर संपूर्ण जांच करानी जरूरी होती है, क्योंकि इसे सर्वाइकल या गर्भाशय के कैंसर के संकेत या लक्षण हो सकते हैं.

पेट के निचले हिस्से में दर्द

महिलाओं में यह समस्या काफी आम होती है. डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती हैं कि हमारे पेट के निचले हिस्से में हमारी आंते, मूत्राशय, गर्भाशय और अंडाशय जैसे अंग होते हैं. इन अंगों में किसी भी प्रकार की समस्या होने या संक्रमण होने पर आमतौर पर सबसे पहले पेट के निचले हिस्से में हल्का-हल्का दर्द होने जैसे लक्षण नजर आते हैं. आमतौर पर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, जो कि काफी सामान्य बात है. लेकिन मासिक धर्म के अतिरिक्त पेलविक यानी पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द कई बार अंडाशय या गर्भाशय में समस्याओं के कारण भी हो सकता है. इसके अलावा पेट के निचले हिस्से में नियमित दर्द एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में भी शामिल है. इसलिए यदि मासिक धर्म के अतिरिक्त पेट के निचले हिस्से में लगातार मीठा मीठा दर्द बना रहने लगे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.

योनि से होने वाला स्राव

डॉ विजयलक्ष्मी बताती है कि महिलाओं में वेजाइनल डिसचार्ज यानी योनि से होने वाला डिस्चार्ज एक आम समस्या है, जिसे लेकर ज्यादातर महिलाएं ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. लेकिन योनि से होने वाले स्राव की मात्रा यदि बढ़ने लगे तथा उनके रंग में परिवर्तन होने लगे, या फिर उनमें दुर्गंध आने लगे तो यह किसी प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन, यीस्ट इनफेक्शन या एसटीआई यानी यौन संचारित रोग या संक्रमण का संकेत हो सकता है. ऐसा होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना बहुत जरूरी हो जाता है.

पढ़ें: कुछ टिप्स से पाएं मेनोपॉज से जुड़ी समस्याओं में राहत

Last Updated : Dec 11, 2021, 4:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.