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चीन के वैज्ञानिक नवाचार से मानव को लाभ मिला

चीन ने विज्ञान व तकनीक के नवाचार में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है. चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने विश्व में सबसे पहले कोविड-19 टीके का नैदानिक परीक्षण डेटा जारी किया है. इससे एक बार फिर चीन की वैज्ञानिक नवाचार क्षमता देखने मिली है.

Scientific innovation of china
चीन का वैज्ञानिक नवाचार
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Published : Oct 6, 2020, 1:13 PM IST

हाल ही में चीनी वैज्ञानिक छन वेई ने चीन में कोविड-19 टीके के अध्ययन का परिचय देते हुए कहा कि हमने सबसे पहले विश्व में नैदानिक परीक्षण डेटा जारी किया, जो अमेरिका की अपेक्षा पांच घंटों से अधिक तेज हो गयी. साथ ही दूसरे चरण के नैदानिक परीक्षण से संबंधित डेटा भी 22 और 24 जुलाई को द लैंसेट पत्रिका में जारी हुई है. वह भी विश्व में सबसे पहले है.

अचानक आयी कोविड-19 महामारी के सामने चीन की वैज्ञानिक नवाचार क्षमता फिर एक बार नजर आई है. वह 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन में विज्ञान व तकनीक की प्रगति का एक सूक्ष्म जगत बन गयी. चीन ने इसलिए विज्ञान व तकनीक के नवाचार में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, क्योंकि चीनी नेता इस पर कायम रहते हैं कि नवाचार विकास का नेतृत्व करने वाली प्रथम शक्ति है. साथ ही चीन में नवाचार की प्रगति को अध्ययन के लिये ज्यादा पूंजी लगाने और नवाचार वातावरण का सुधार करने से लाभ मिला है.

वर्ष 2019 में चीन ने वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये 22.1 खरब युआन खर्च किया था, जो यूरोपीय संघ के औसत स्तर से ऊपर है. उनके अलावा पीढ़ी दर पीढ़ी चीनी वैज्ञानिकों द्वारा दिखायी गयी वैज्ञानिक भावना चीन में वैज्ञानिक व तकनीकी विकास को बढ़ावा देने की मूल्यवान शक्ति भी है.

पांच वर्षों के विकास से चीन के वैज्ञानिक नवाचार ने उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिये शक्तिशाली ऊर्जा डाल दी है. वर्ष 2019 में चीन की विज्ञान व तकनीक प्रगति की योगदान दर 59.5 प्रतिशत तक पहुंच गयी और इस वर्ष 60 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने की संभावना होगी.

हाल ही में चीनी वैज्ञानिक छन वेई ने चीन में कोविड-19 टीके के अध्ययन का परिचय देते हुए कहा कि हमने सबसे पहले विश्व में नैदानिक परीक्षण डेटा जारी किया, जो अमेरिका की अपेक्षा पांच घंटों से अधिक तेज हो गयी. साथ ही दूसरे चरण के नैदानिक परीक्षण से संबंधित डेटा भी 22 और 24 जुलाई को द लैंसेट पत्रिका में जारी हुई है. वह भी विश्व में सबसे पहले है.

अचानक आयी कोविड-19 महामारी के सामने चीन की वैज्ञानिक नवाचार क्षमता फिर एक बार नजर आई है. वह 13वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन में विज्ञान व तकनीक की प्रगति का एक सूक्ष्म जगत बन गयी. चीन ने इसलिए विज्ञान व तकनीक के नवाचार में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, क्योंकि चीनी नेता इस पर कायम रहते हैं कि नवाचार विकास का नेतृत्व करने वाली प्रथम शक्ति है. साथ ही चीन में नवाचार की प्रगति को अध्ययन के लिये ज्यादा पूंजी लगाने और नवाचार वातावरण का सुधार करने से लाभ मिला है.

वर्ष 2019 में चीन ने वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये 22.1 खरब युआन खर्च किया था, जो यूरोपीय संघ के औसत स्तर से ऊपर है. उनके अलावा पीढ़ी दर पीढ़ी चीनी वैज्ञानिकों द्वारा दिखायी गयी वैज्ञानिक भावना चीन में वैज्ञानिक व तकनीकी विकास को बढ़ावा देने की मूल्यवान शक्ति भी है.

पांच वर्षों के विकास से चीन के वैज्ञानिक नवाचार ने उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिये शक्तिशाली ऊर्जा डाल दी है. वर्ष 2019 में चीन की विज्ञान व तकनीक प्रगति की योगदान दर 59.5 प्रतिशत तक पहुंच गयी और इस वर्ष 60 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने की संभावना होगी.

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