अब तक चीन के पांच टीकों का संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, पाकिस्तान, पेरू आदि देशों में तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही कई अन्य टीकों के पहले और दूसरे चरण के नैदानिक परीक्षण को आगे बढ़ाया जा रहा है. चीन को आशा है कि वह विकासशील देशों में टीकों की पहुंच और सामथ्र्य प्राप्ति में योगदान दे सकेगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 18 नवम्बर को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोरोना वायरस का मुकाबला करने का मजबूत हथियार है. कोविड-19 महामारी का प्रकोप होने के बाद चीन सरकार ने तुरंत निष्क्रिय टीके, पुन: संयोजक प्रोटीन वैक्सीन, एडेनोवायरस वेक्टर वैक्सीन, प्रभावित इन्फ्लूएंजा वायरस वेक्टर वैक्सीन और न्यूक्लिक एसिड वैक्सीन पांच तकनीकी लाइनों का इंतजाम किया, और सुव्यवस्थित रूप से संबंधित अनुसंधान व विकास कार्य को किया.
प्रवक्ता चाओ के अनुसार, संबंधित देशों के साथ टीके के अनुसंधान और विकास में सहयोग करने के साथ-साथ चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), वैक्सीन और टीकाकरण के लिए वैश्विक गठबंधन (जीएवीआई), महामारी की तैयारी नवाचार के लिए गठबंधन (सीईपीआई) आदि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ घनिष्ठ संपर्क और सहयोग किया.
चीन ने डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रस्तावित 'कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण के लिए नए साधनों के विकास, उत्पादन और निष्पक्ष प्राप्ति के लिए वैश्विक सहयोग' पहल और 'एकता योजना' अंतरराष्ट्रीय बहु-केंद्र वाले नैदानिक परीक्षण में भाग लिया. इसके साथ ही चीन ने 'कोविड-19 वैक्सीन कार्यान्वयन योजना' में भी हिस्सा लिया, उद्देश्य है कि टीकों के उचित वितरण के संवर्धन किया जाएगा. विकासशील देशों को वैक्सीन की प्राप्ति सुनिश्चित की जाएगी और अधिक सक्षम देशों को 'कार्यान्वयन योजना' के समर्थन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.