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यौन संबंधों को लेकर बदलता नई पीढ़ी का नजरिया - Precaution regarding sexual health

सुरक्षित शारीरिक संबंधों और उनसे जुड़ी समस्याओं और बीमारियों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देशय से हर साल 4 सितंबर को दुनिया भर में 'वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ' दिवस मनाया जाता है. जिसमें अलग-अलग संस्थाएं मिलकर कई तरह के जागरूकता अभियान चलती है तथा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं. इस साल इस अभियान की थीम है 'सेक्शुअल प्लेजर इन टाइम्स ऑफ कोविड-19'.

world sexual health day
विश्व यौन स्वास्थ्य दिवस
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Published : Sep 5, 2020, 12:50 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 9:50 AM IST

हमारे देश में यौन स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है, जिस पर खुल कर बात करने में लोग हिचकिचाते है. पुरानी पीढ़ी के लोग आज भी कोई यौन समस्या या बीमारी होने पर चिकित्सक के पास ये सोच कर जाने से कतराते है कि लोग क्या कहेंगे. लेकिन नई पीढ़ी की सोच अब बदल रही है. धीरे-धीरे ही सही लेकिन लोगों की सोच में बदलाव आना शुरू हुआ है. लोग यौन संबंधों, उनसे जुड़ी समस्याओं तथा अपनी प्राथमिकताओं पर अपने विचार रखने लगे हैं. लेकिन अभी भी ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है. लोगों की इस बदलती सोच के पीछे डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया का भी बड़ा हाथ रहा है.

वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे का आयोजन

आमजन में यौन स्वास्थ्य तथा समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 4 सितंबर को 'वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे' मनाया जाता है. इस वर्ष इस अभियान का विषय रहा है 'कोविड 19 के समय में यौन सुख. इस अवसर पर विश्व यौन स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएएस) ने दुनिया भर में अपने सभी साथी संगठनों से इस संबंध में सामाजिक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की है.

यौन स्वास्थ्य को लेकर समाज की सोच

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) कहती है की यौन स्वास्थ्य को लेकर समाज एक सकारात्मक सोच अपनाए, इसके लिए जरूरी है की लोग पहले इसे एक निषेध विषय समझना बंद करें. यौन संबंध मानव शरीर की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो ना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है, जरूरी है की लोग इस सच को माने तथा इस विषय पर खुली सोच के साथ चर्चा करें. यौन स्वास्थ्य को लेकर समाज में यदि जागरूकता बढ़ती है, तो कहीं ना कहीं उसका फायदा परिवार तथा समाज में व्याप्त यौनिक हिंसा, लिंगभेद, आपसी संबंधों में जबरदस्ती तथा एसटीआई जैसी समस्याओं में काफी हद तक कमी आ सकती है.

यौन संचारित रोग (एसटीआई)

हमारे समाज में लोग खुलेआम सेक्स शब्द सुनकर बगले झांकने लगते हैं. लेकिन हर व्यक्ति अपनी कल्पनाओं तथा निजी क्षणों में उसकी कामना जरूर करता है, विशेष तौर पर पुरुष. कई बार लोग शारीरिक संबंधों को लेकर इतने उत्तेजित रहते हैं की वह अनैतिक तथा एक से ज्यादा साथियों के साथ यौनचार से भी परहेज नहीं करते. इस अनुभव के लिए वे पैसे खर्च करने में भी हिचकिचाते नहीं है. ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन जरूरी है जो व्यक्ति एक से ज्यादा साथियों के साथ अंतरंग संबंधों में लिप्त हो, तो वह सुरक्षित सेक्स को प्राथमिकता दे तथा संबंधों के दौरान सभी जरूरी सावधानीयां बरते. क्योंकि सुरक्षित संबंधों के अभाव में वे यौन संचारित रोगों का शिकार हो सकते हैं.

यौन संचारित रोग जिन्हें एसटीआई नाम से जाना जाता है, असुरक्षित यौन संबंधों से फैलते है. डब्ल्यूएचओ की माने तो प्रतिदिन दुनियाभर में लगभग 8 से 10 लाख लोग यौन संचारित रोगों का शिकार बनते है.

जानकारों की मानें तो 30 से ज्यादा अलग-अलग बैक्टीरिया यानि जीवाणु, विषाणु यानि वायरस तथा पैरासाइट यानि परजीवी असुरक्षित शारीरिक संबंधों के जरिए लोगों में फैलते है. इनमें से 8 रोग जनक कारक काफी गंभीर बीमारियों के रूप में विकसित होते हैं. ये बीमारियां किसी भी प्रकार के प्राकृतिक तथा अप्राकृतिक संभोग से फैल सकती हैं.

यौन संचारित रोगों को 2 श्रेणियों में बांटा जाता है. पहला ठीक हो सकने वाले रोग और दूसरा ठीक ना हो सकने वाले रोग.

1. ठीक हो सकने वाले रोग

सिफलिस, गोनोरिया ,क्लैमाइडिया, ट्रयकोमोइसीस ऐसे रोग है, जो ठीक हो सकते है.

2. लाइलाज रोग

हेपेटाइटिस बी, हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (एचपीवी), एचआईवी, तथा ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपी) लाइलाज बीमारियां है. इन रोगों को जड़ से समाप्त करना फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन दवाइयों और सही इलाज की मदद से इनको नियंत्रण में रखा जा सकता है, बशर्ते ये बीमारियां सही समय पर संज्ञान में आ जाए.

सुरक्षित सेक्स के लिए ध्यान देने योग्य बातें

  • एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचें.
  • अपनी यौन सक्रियता के बारे में अपने साथी को जागरूक रखें.
  • किसी भी तरह की समस्या होने पर या एक रिश्ते में बंधने से पहले अपनी व अपने साथी की शारीरिक जांच करवाने से हिचकिचाएं नहीं.
  • हेपेटाइटिस बी तथा एचपीवी का टीका जरूर लगवाएं.
  • शारीरिक संबंधों के दौरान हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें.
  • अवांछित गर्भावस्था से बचने के लिए महिलायें गर्भनिरोधक दवाइयों या अन्य साधनों की मदद ले सकती है.
  • यदि शारीरिक संतुष्टि के लिए किसी प्रकार के सेक्स में इस्तेमाल होने वाले खिलौनों या उपकरणों की मदद ली जा रही है, तो जरूरी है की उनकी साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए.

हमारे देश में यौन स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है, जिस पर खुल कर बात करने में लोग हिचकिचाते है. पुरानी पीढ़ी के लोग आज भी कोई यौन समस्या या बीमारी होने पर चिकित्सक के पास ये सोच कर जाने से कतराते है कि लोग क्या कहेंगे. लेकिन नई पीढ़ी की सोच अब बदल रही है. धीरे-धीरे ही सही लेकिन लोगों की सोच में बदलाव आना शुरू हुआ है. लोग यौन संबंधों, उनसे जुड़ी समस्याओं तथा अपनी प्राथमिकताओं पर अपने विचार रखने लगे हैं. लेकिन अभी भी ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है. लोगों की इस बदलती सोच के पीछे डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया का भी बड़ा हाथ रहा है.

वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे का आयोजन

आमजन में यौन स्वास्थ्य तथा समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 4 सितंबर को 'वर्ल्ड सेक्शुअल हेल्थ डे' मनाया जाता है. इस वर्ष इस अभियान का विषय रहा है 'कोविड 19 के समय में यौन सुख. इस अवसर पर विश्व यौन स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएएस) ने दुनिया भर में अपने सभी साथी संगठनों से इस संबंध में सामाजिक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की है.

यौन स्वास्थ्य को लेकर समाज की सोच

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) कहती है की यौन स्वास्थ्य को लेकर समाज एक सकारात्मक सोच अपनाए, इसके लिए जरूरी है की लोग पहले इसे एक निषेध विषय समझना बंद करें. यौन संबंध मानव शरीर की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो ना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है, जरूरी है की लोग इस सच को माने तथा इस विषय पर खुली सोच के साथ चर्चा करें. यौन स्वास्थ्य को लेकर समाज में यदि जागरूकता बढ़ती है, तो कहीं ना कहीं उसका फायदा परिवार तथा समाज में व्याप्त यौनिक हिंसा, लिंगभेद, आपसी संबंधों में जबरदस्ती तथा एसटीआई जैसी समस्याओं में काफी हद तक कमी आ सकती है.

यौन संचारित रोग (एसटीआई)

हमारे समाज में लोग खुलेआम सेक्स शब्द सुनकर बगले झांकने लगते हैं. लेकिन हर व्यक्ति अपनी कल्पनाओं तथा निजी क्षणों में उसकी कामना जरूर करता है, विशेष तौर पर पुरुष. कई बार लोग शारीरिक संबंधों को लेकर इतने उत्तेजित रहते हैं की वह अनैतिक तथा एक से ज्यादा साथियों के साथ यौनचार से भी परहेज नहीं करते. इस अनुभव के लिए वे पैसे खर्च करने में भी हिचकिचाते नहीं है. ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन जरूरी है जो व्यक्ति एक से ज्यादा साथियों के साथ अंतरंग संबंधों में लिप्त हो, तो वह सुरक्षित सेक्स को प्राथमिकता दे तथा संबंधों के दौरान सभी जरूरी सावधानीयां बरते. क्योंकि सुरक्षित संबंधों के अभाव में वे यौन संचारित रोगों का शिकार हो सकते हैं.

यौन संचारित रोग जिन्हें एसटीआई नाम से जाना जाता है, असुरक्षित यौन संबंधों से फैलते है. डब्ल्यूएचओ की माने तो प्रतिदिन दुनियाभर में लगभग 8 से 10 लाख लोग यौन संचारित रोगों का शिकार बनते है.

जानकारों की मानें तो 30 से ज्यादा अलग-अलग बैक्टीरिया यानि जीवाणु, विषाणु यानि वायरस तथा पैरासाइट यानि परजीवी असुरक्षित शारीरिक संबंधों के जरिए लोगों में फैलते है. इनमें से 8 रोग जनक कारक काफी गंभीर बीमारियों के रूप में विकसित होते हैं. ये बीमारियां किसी भी प्रकार के प्राकृतिक तथा अप्राकृतिक संभोग से फैल सकती हैं.

यौन संचारित रोगों को 2 श्रेणियों में बांटा जाता है. पहला ठीक हो सकने वाले रोग और दूसरा ठीक ना हो सकने वाले रोग.

1. ठीक हो सकने वाले रोग

सिफलिस, गोनोरिया ,क्लैमाइडिया, ट्रयकोमोइसीस ऐसे रोग है, जो ठीक हो सकते है.

2. लाइलाज रोग

हेपेटाइटिस बी, हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (एचपीवी), एचआईवी, तथा ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपी) लाइलाज बीमारियां है. इन रोगों को जड़ से समाप्त करना फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन दवाइयों और सही इलाज की मदद से इनको नियंत्रण में रखा जा सकता है, बशर्ते ये बीमारियां सही समय पर संज्ञान में आ जाए.

सुरक्षित सेक्स के लिए ध्यान देने योग्य बातें

  • एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचें.
  • अपनी यौन सक्रियता के बारे में अपने साथी को जागरूक रखें.
  • किसी भी तरह की समस्या होने पर या एक रिश्ते में बंधने से पहले अपनी व अपने साथी की शारीरिक जांच करवाने से हिचकिचाएं नहीं.
  • हेपेटाइटिस बी तथा एचपीवी का टीका जरूर लगवाएं.
  • शारीरिक संबंधों के दौरान हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें.
  • अवांछित गर्भावस्था से बचने के लिए महिलायें गर्भनिरोधक दवाइयों या अन्य साधनों की मदद ले सकती है.
  • यदि शारीरिक संतुष्टि के लिए किसी प्रकार के सेक्स में इस्तेमाल होने वाले खिलौनों या उपकरणों की मदद ली जा रही है, तो जरूरी है की उनकी साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए.
Last Updated : Sep 7, 2020, 9:50 AM IST
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