मीठा शहतूत जितना खाने में स्वादिष्ट होता है उतना ही सेहत के लिए गुणी होता है यहाँ तक की शहतूत की तुलना लोग जड़ी-बूटी से भी करते है। लेकिन आमतौर परलोग इसके गुणों के बारे में ज्यादा जानते नहीं हैं ।
शहतूत एक दुर्लभ फल हैं और एशिया के समशीतोष्ण क्षेत्रों में उगते हैं। इनमें डायटरी फाइबर अच्छी मात्रा में होता है,इसलिए ये पेट के लिए अच्छे होते हैं। इटली के एफ.डी रिटिस इंस्टिट्यूट और कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ सेक्रेड हार्ट द्वारा किए गए एक शोध में सामने आया है की शहतूत खाने से वजन कम होता है।
शहतूत के गुण
जानकार बताते हैं की शहतूत शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है,जिससे हृदय संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। वहीं सफेद शहतूत, विशेष रूप से, शरीर के शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।गौरतलब है की शहतूत में एंटीऑक्सिडेंट और एंथोसायनिन व रेस्वेराट्रोल जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते है, जो ट्यूमर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में मदद करते हैं और कैंसर से बचाते हैं।
शहतूत रक्त प्रवाह में सुधार करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और पोटेशियम रक्त वाहिकाओं के कार्य को सरल करते है और रक्तचाप को कम करने में मदद करते है।
शहतूत लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह एनीमिक लोगों के लिए फायदेमंद होता है।
भौगोलिक पारिसतिथ्यों से प्रभावित हो सकते हैं शहतूत के गुण
यांग एक्स, यांग एल, झेंगएच द्वारा पबमेड में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शहतूत में मिलने वाले फैटी एसिड की मात्रा, उसके अन्य गुण तथा उसकी संरचना विभिन्न भौगोलिक व पारिस्थितिक स्थितियों के अनुसार भिन्न हो सकती है। शोध के दौरान अलग अलग भौगोलिक व वातावरणीय पारिसतिथ्यों वाले शहतूतों का अध्धयन किया गया जिसमें पाया गया की चीनी शहतूत के फलों में कुल लिपिड 7.55% था,जिसमें 87.5% असंतृप्त वसा अम्ल थे।चीनी शहतूत के फलों में उच्चतम फैटी एसिड सामग्री लिनोलिक एसिड( सी18:2 79.4% ,पामिटिक एसिड (सी16:2) 8.6% और ओलिक एसिड (सी18:1) 7.5% पाया गया। वहीं तुर्की के शहतूत में सबसे अधिक फैटी एसिड सामग्री लिनोलिक एसिड (सी18:2) 57.3%, पामिटिक एसिड (सी16:0) 22.4% था। उनमें लिनोलेनिक एसिड (सी18:3) होने की जानकारी नही मिली।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
गाजर की तरह शहतूत भी आंखों के लिए अच्छा होता है।शहतूत में ज़ेक्सैन्थिन होता है, जो आंखों की कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है। शहतूत में मौजूद कैरोटीनॉयड मोतियाबिंद और धब्बेदार अध: पतन को रोकने में सहायता करते हैं। शहतूत प्रतिरक्षा प्रणाली और मस्तिष्क की कार्य क्षमता को सुधारने में मदद करता है।यह विटामिन सी, विटामिन के और कैल्शियम से भरपूर होता है जो हड्डियों के क्षरण और विकारों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया आदि को रोकने में मदद करता है।
वहीं सफेद शहतूत एक कसैला लेकिन जीवाणुनाशक फल माना जाता है। इनमें लीवर को मजबूत करने की क्षमता होती है।
एंटी-एजिंग में मदद करता करता है
शहतूत में रेस्वेराट्रॉल होता है जो त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनती है। साथ ही यह एंटी-एजिंग गुणों से भी भरपूर होता है।शहतूत में मौजूद बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को बेअसर करते हैं, झुर्रियों को कम करते हैं, त्वचा पर दाग-धब्बों को रोकते हैं। नियमित रूप से शहतूत खाने से बाल चमकदार और स्वस्थ बनते हैं।
हर तरह से इस्तेमाल हो सकता है शहतूत
साइंसडायरेक्ट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शहतूत की पत्ते, तने और जड़ में पाए जाने वाले और जैविक रूप से सक्रिय फार्माकोकाइनेटिक यौगिकों का मनुष्य जीवन को बेहतर बनाने में उपयोग किया जाता है। फार्माकोकाइनेटिक यौगिकों के उपयोग से तैयार फार्मास्यूटिकल, खाद्य, कॉस्मेटिक और स्वास्थ्य देखभाल संबंधी उत्पाद बेहतरीन गुणवत्ता वाले होते हैं। रेशम उत्पादन में भी शहतूत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ।