जन-जन को स्वस्थ शरीर हेतू सही पोषण ग्रहण करने के लिए जागरुक करने के उद्देश से 1 से 7 सितंबर तक 39वां राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2021 , 'फीडिंग स्मार्ट, राइट फ्रॉम स्टार्ट' थीम पर मनाया जा रहा है। इसी के चलते पोषण की जरूरत को लेकर ज्यादा जानकारी देते हुए विशेषज्ञ और फिटनेस विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर बताती हैं की "हमारा स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि हम क्या खाते हैं, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा शरीर क्या पचाता है। यदि हमारा आहार ठीक है तो हमारा पाचन ठीक रहेगा और अगर हमारा पाचन सही रहेगा तो हमारी त्वचा और बाल स्वस्थ रहेंगे और हम कोमोरबीटी जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि से दूर रह सकते हैं।
क्या है खराब पाचन?
रुजुता दिवेकर बताती हैं कि यदि हम तमाम प्रकार का पौष्टिक भोजन तथा अन्य खाद्य पदार्थ खाते हैं, लेकिन उसके बावजूद शरीर में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी या हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाये तो इसका तात्पर्य है की हमारे पाचन में समस्या है। क्योंकि पाचन तंत्र में खराबी होने पर हमारा शरीर भोजन से पोषक तत्वों को पूरी तरह अवशोषित करने में सफल नहीं हो पता है।
पोषक तत्वों का अवशोषण करना और खराब पदार्थो को शरीर से बाहर निकालना हमारे पाचन तंत्र का कार्य होता है। लेकिन यदि विभिन्न समस्याओं के चलते हमारा पाचन तंत्र यह काम सही ढंग से ना कर पाए और आपको नियमित रूप से गैस, पेट फूलना या एसिडिटी की समस्या होने लगे तो इसका तात्पर्य है की आपका पाचन सही तरह से नहीं हो रहा है।
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खराब पाचन के कारण
रुजुता दिवेकर के अनुसार निम्नलिखित पाँच बातें पाचन में समस्या होने के लिए जिम्मेदार मानी जा सकती हैं।
- पानी की कमी
दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीना या शरीर में पानी की कमी पाचन में समस्या उत्पन्न कर सकता है। इसलिए अपने साथ पानी की बोतल रखें जिससे आपको थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीना याद रहे। - चाय/कॉफी का अत्यधिक सेवन
यदि आप काली, हरी या दूध आधारित, चाय या कॉफी का सेवन कर रहे हैं तो सुनिश्चित करें कि एक दिन में 3 कप से अधिक चाय/कॉफी न लें। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि नियमित तौर पर शाम 4 बजे के बाद चाय/कॉफी से पूरी तरह से परहेज करें। यहां तक कि डिटॉक्स चाय या डिकैफ़ कॉफी भी नहीं लेनी चाहिए। - गलत अनुपात
खाना परोसते समय और खाते समय सुनिश्चित करें कि आप भोजन के सभी प्रकार सही मात्रा और अनुपात में खाएं। जैसे चावल की मात्रा दाल से थोड़ी अधिक होनी चाहिए और दाल की मात्रा भी सब्जी से ज्यादा होनी चाहिए। दाल या सब्जी का अधिक सेवन न करें या चावल और चपाती को पूरी तरह से परहेज न करें, क्योंकि इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। - अच्छे वसा की कमी सही नहीं
बहुत से लोग स्वास्थ्य या पतले होने के नाम पर घी, फुल-फैट दूध, मक्खन, मूंगफली जैसे अच्छे वसा को पुरी तरह से त्याग देते हैं या उसके अल्ट्रा-प्रोसेस्ड स्वरूप का सेवन करते हैं। जो सही नहीं है। गुड फैट हमारे पाचन को स्वस्थ रखते हैं। यदि आप उनका बिल्कुल भी सेवन नहीं करते हैं तो यह लंबी अवधि तक आपके पाचन पर असर डाल सकता है। बेहतर पाचन के लिए आप सही समय पर और सही मात्रा में अच्छे वसा का सेवन कर सकते हैं। - व्यायाम/शारीरिक गतिविधि की कमी
गतिहीन जीवन शैली और व्यायाम की कमी से भी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए प्रतिदिन नियमित रूप से टहलने या व्यायाम करने का नियम बनाएं। यदि आप सक्रिय हैं तो आपकी पाचन क्रिया बेहतर रहेगी। "याद रखें कि अच्छा पाचन इस बात से जुड़ा है कि आप अपने पैरों का कितना उपयोग करते हैं"।
पाचन में सुधार के लिए 5 टिप्स
पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर बताती हैं की इस पाँच तरीकों से आप अपने पाचन को बेहतर करने का प्रयास कर सकते हैं।
1. घी और गुड़
दोपहर के भोजन में आखिर में घी और गुड़ का इस्तेमाल करें। क्योंकि यह आंतों की लाइनिंग(परत) के लिए अच्छा होता है। गुड़ खाने से भोजन में फाइबर और आयरन बढ़ जाता है। यह आपको हाइड्रेट रखता है साथ ही मीठा खाने की लालसा से भी बचाता है। साथ ही गुड़ और घी का मिश्रण सांसों की दुर्गंध से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकता है। आप खाने के उपरांत 1 चम्मच गुड़ और 1 चम्मच घी ले सकते हैं।
2. एक केला अवश्य लें
केले में एक प्रीबायोटिक होता है, जो शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन का कार्य करता है। यह हर जगह आसानी से उपलब्ध है, इसलिए आप इसके साथ अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं या इसके साथ अपना लंच या डिनर खत्म कर सकते हैं। इसे आप शाम 4-6 बजे के बीच भी खा सकते हैं। केला आपके पेट के गुड बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है और आपके पाचन में सुधार करता है।
3. दही और किशमिश
दही और किशमिश , प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक बैक्टीरिया का मेल है। यह डकार जैसी समस्या, गैस के कारण नींद में खलल, इरिटेबल बोवेल सिस्टम ,पीसीओडी , या कमजोर पाचन की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। इसका सेवन हीमोग्लोबिन और बी12 के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करेगा। इसे आप लंच के बाद या दोपहर 3:30-4 बजे के बीच खा सकते हैं।
4. शारीरिक गतिविधि
अपनी दिनचर्या में नियमित व्यायाम करना सुनिश्चित करें। हालांकि, याद रखें कि व्यायाम के रूप में सिर्फ ज्यादा देर तक पैदल न चलें । योग को भी अपनी दिनचर्या में शामिल किए जा सकता है क्योंकि ऐसे कई आसन हैं जिनका अभ्यास पाचन प्रक्रियाओं को दुरुस्त रख सकता है। लेकिन जरूरी है की किसी प्रशिक्षित योग विशेषज्ञ से ही योग सीखें और हफ्ते में कम से कम 2-3 बार सही तरीके योग अभ्यास करें। इसके अलावा, घर या जिम में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी सुनिश्चित की जा सकती है।
5. अच्छी नींद लें
बहुत अधिक तनावग्रस्त होना, काम के प्रति उदासीन होना या थकान होने पर झपकी ना लेना भी पाचन को प्रभावित कर सकता है। बेहतर पाचन नींद की गुणवत्ता को भी बेहतर करता है। हर दोपहर 15-20 मिनट की झपकी , आपकी रात की नींद की गुणवत्ता में वृद्धि करती है। और जब आप अच्छी नींद लेते हैं, तो आप तरोताजा होकर उठते हैं और आपका पेट भी सही तरह से साफ होता है।