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Body Pain : खराब शारीरिक पॉश्चर के कारण होती है ये परेशानी, जानिए बचने के उपाय

आहार-व्यायाम सहित सेहत की अनदेखी के कारण पिछले कुछ समय से हर उम्र के लोगों में रीढ़ की हड्डी व आसपास की मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं तथा गर्दन, कंधों, कमर व पैरों में दर्द व अकड़न जैसी समस्याओं के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. जानकारों की माने तो इसके लिए पॉश्चर में खराबी एक बड़ा कारण है. Bad posture side effects .

bad posture side effects bad Body posture
गर्दन, कंधों, कमर व पैरों में दर्द व अकड़न
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Published : May 10, 2023, 2:37 PM IST

Updated : May 13, 2023, 9:20 AM IST

क्या आप भी काम के बाद कंधों, गर्दन या कमर में तनाव, तेज दर्द या अकड़न महसूस करते हैं? या कभी कभी सोकर उठने के बाद भी कमर में दर्द खासकर कमर के निचले हिस्से में दर्द व उठने में असहजता महसूस करते हैं? और क्या आपको कम अंतराल में गर्दन, कंधों या कमर में चनके आते हैं? तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसा आपके खराब पॉश्चर के कारण हो सकता है. हड्डी रोग विशेषज्ञों तथा फिजियोथेरेपिस्ट के प्राप्त आंकड़ों की माने तो पिछले कुछ सालों में हड्डी व मांसपेशियों में रोग या दुर्घटना के चलते होने वाली समस्याओं से ज्यादा खराब लाइफस्टाइल तथा खराब पॉश्चर व उसके कारण रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाले दबाव के कारण हर उम्र के लोगों में गर्दन, कंधों, कमर व हिप जॉइंट्स में दर्द, अकड़न तथा असहजता के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है.

खराब पॉश्चर करता है ज्यादा बीमार
प्रीतमपुर दिल्ली के तोमर फिजियोथेरेपी क्लिनिक के चिकित्सक डॉ रतन तोमर बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में हर उम्र के लोगों में मांसपेशियों में दर्द या मसल्स पेन, कमर अकड़ने , कमर, कंधों व गर्दन में दर्द व उनके जाम होने जैसी समस्याओं के मामले काफी ज़्यादा देखने में आने लगे हैं. वह बताते हैं कि उनके पेशेंट में से लगभग 40% ऐसे मरीज हैं जो युवा हैं और खराब पॉश्चर के चलते होने वाले अपर व लोअर बैक पेन तथा शोल्डर पेन के लिए फिजियोथेरेपी ले रहे हैं.

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गर्दन में दर्द व अकड़न

वहीं देहरादून के वरिष्ठ हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ हेम जोशी भी मानते हैं कमर दर्द, गर्दन व कंधों में दर्द व अकड़न या टेक्स्ट नेक , रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से व निचले हिस्से तथा हिप्स व जांघों के ऊपरी हिस्से में दर्द , कमर में अकड़न, कमर या गर्दन का जाम हो जाना या चनका आना जैसी समस्याओं के लिए गलत पॉश्चर काफी हद तक जिम्मेदार रहता है. और यही नहीं कई बार इस तरह की समस्याएं, ध्यान ना देने पर हड्डी व जोडों के स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.

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गर्दन में दर्द व अकड़न

वह बताते हैं कि इस तरह के दर्द की समस्या कामकाजी लोगों या ऐसे लोगों में ज्यादा देखने में आती हैं जो देर तक लगातार कुर्सी पर बैठकर या कंप्यूटर के सामने बैठकर कार्य करते हैं. दरअसल ज्यादा देर तक सिर झुका कर बैठने से या ऐसी अवस्था में बैठने से जहां गर्दन, कंधों व रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ता हो ,कमर के ऊपरी हिस्से, गर्दन व कंधों के बीच तथा कंधों में तेज खिंचाव या तीखा दर्द महसूस होने लगता है. इसके अलावा कई लोगों को इस अवस्था के चलते गर्दन व सिर के पिछले हिस्से में दर्द व भारीपन, पूरी कमर में दर्द, कमर के निचले हिस्से में विशेषकर टेल बोन या हिप्स के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द तथा चुभन होने लगती है. वह बताते हैं कि सिर्फ उठने, चलने या बैठने में खराब पॉश्चर के कारण ही नहीं बल्कि कई बार गलत ढंग से लेटने या झुकने, भारी चीज उठाने, कूदने या दौड़ने के कारण भी इस तरह की समस्याएं हो सकती है. डॉ जोशी बताते हैं कि खराब पॉशचर के अलावा हड्डियों व मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों में सूजन, उनका क्षतिग्रस्त होना या उनमें लचीलेपन में कमी , अलग-अलग प्रकार की अर्थराईटिस, स्लिप डिस्क, स्पोंडिलाइटिस, साइटिका, शोल्डर जॉइंट्स से जुड़ी समस्याएं तथा जोडों से जुड़ी समस्याएं व रोग भी इस तरह के दर्द व परेशानियों का कारण बन सकते हैं.

सावधानी
डॉ हेम जोशी बताते हैं कि अगर हड्डी या मांसपेशी संबंधी कोई समस्या आनुवंशिक ना हो या किसी गंभीर रोग का परिणाम ना हो, तो काफी हद तक सही आहार, सही जीवनशैली, शारीरिक सक्रियता तथा सही समय पर सही उपचार से उनसे सरलता से राहत पाई जा सकती है. वह बताते हैं कि आज के दौर में खानपान में गड़बड़ी आमतौर पर देखी जाती है. जिसके कारण हड्डियों व मांसपेशियों को स्वस्थ व मजबूत रखने के लिए शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है. वहीं कई बार जो पोषण मिलता भी है उसका सही तरह से अवशोषण नहीं हो पाता है. हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है कि ऐसे आहार का सेवन किया जाए जिनमें कैल्शियम, सभी प्रकार के विटामिन विशेषकर विटामिन डी तथा खनिज भरपूर मात्रा में हों. इसके अलावा नियमित व्यायाम भी हड्डियों व मांसपेशियों की मजबूती को बढ़ाते हैं.

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कंधों में दर्द

कैसे पाएं राहत
डॉ जोशी बताते हैं कि सही पॉश्चर का पालन करने से तथा कुछ सावधानियों को बरतने से इस तरह की समस्याओं में काफी राहत मिल सकती है. इस तरह के दर्द व अन्य समस्याओं से बचाव व उनसे राहत पाने में कुछ बातें काफी मददगार हो सकती हैं , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  1. हमेशा पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार तथा जरूरी मात्रा में पानी का सेवन करें.
  2. नियमित तौर पर योग, व्यायाम या कम से कम स्ट्रेचिंग अभ्यास करें.
  3. आगे की तरफ झुक कर, हमेशा कंधे झुका कर या टेढ़े-मेढ़े होकर ना बैठे.
  4. कुर्सी-मेज पर बैठकर कोई भी काम करते समय कमर से बहुत ज्यादा झुक कर तथा सिर को देर तक नीचे की तरफ लटका कर ना बैठे . यदि लंबे समय तक बैठकर कार्य करना हो तो ध्यान रहे की कमर, घुटने व गर्दन बिल्कुल सीधे हो तथा नियमित अंतराल पर अपनी कुर्सी से उठ कर थोड़ा चलते फिरते रहे.
  5. लगातार गर्दन झुकाए हुए स्मार्टफोन की स्क्रीन देखने से टेक्स्ट नेक की समस्या हो सकती है. जब भी आप मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप पर कार्य करें तो ध्यान रखें की वह आपकी आंखों की सिधाई में हो.
  6. लेट कर मोबाइल देखने से बचें..
  7. सोते समय मोटे तकिए से परहेज करें. विशेष तौर पर ऐसे लोग जो पहले से ही कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हो उन्हें पतला तकिया लेकर सोना चाहिए और यदि संभव हो तो किसी भी प्रकार का तकिया ना ले.
  8. कमर से आगे की ओर झुककर कोई भी भारी या हल्का सामान उठाते समय ध्यान रखें.
  9. कभी भी झटके से आगे की तरफ नहीं झुकना चाहिए.
  10. यदि आगे की तरफ झुक कर उठने में कमर पर दबाव या किसी अन्य प्रकार की समस्या महसूस हो तो आगे की तरफ झुक कर सामान उठाने के बजाय घुटनों के बल बैठ कर सामान उठाने का प्रयास करें.

चिकित्सक से सलाह जरूरी
डॉ हेम जोशी बताते हैं कि दर्द चाहे शरीर के किसी भी हिस्से में हो , कारण और दर्द की तीव्रता के आधार पर ही चिकित्सक समस्या का इलाज करते हैं. जैसे आमतौर पर पॉश्चर जनित कारणों से होने वाले दर्द में चिकित्सक दर्द निवारक क्रीम, ठंडी या गर्म सिकाई, हल्के फुल्के व्यायाम तथा कभी कभी हल्के हाथ से मालिश के साथ बहुत ही हल्की दर्द निवारक दवा के सेवन की सलाह देते हैं. वहीं किसी रोग या जटिल अवस्था में कमर में ज्यादा दर्द होने पर दवा के साथ साथ बेड रेस्ट या सर्जरी की सलाह भी दी सकती है.

डॉ हेम जोशी, वरिष्ठ हड्डीरोग विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ खास समस्याओं में इलाज के साथ फिजियोथेरेपी कराना भी लाभकारी होता है. वह बताते कि यदि दर्द या चनके की शुरुआती अवस्था में दर्द निवारक क्रीम या माइल्ड पेन किलर से राहत ना मिले और हिलने डुलने में या काम करने में ज्यादा समस्या महसूस होने लगे तो चिकित्सक से जांच जरूर करवानी चाहिए. क्योंकि कभी- कभी समस्या की अनदेखी करना उसे ज्यादा बढ़ा सकता है. Bad posture side effects .

High bp से हड्डियां हो सकती है कमजोर, लंबी हड्डियों पर दुष्प्रभाव ज्यादा

क्या आप भी काम के बाद कंधों, गर्दन या कमर में तनाव, तेज दर्द या अकड़न महसूस करते हैं? या कभी कभी सोकर उठने के बाद भी कमर में दर्द खासकर कमर के निचले हिस्से में दर्द व उठने में असहजता महसूस करते हैं? और क्या आपको कम अंतराल में गर्दन, कंधों या कमर में चनके आते हैं? तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसा आपके खराब पॉश्चर के कारण हो सकता है. हड्डी रोग विशेषज्ञों तथा फिजियोथेरेपिस्ट के प्राप्त आंकड़ों की माने तो पिछले कुछ सालों में हड्डी व मांसपेशियों में रोग या दुर्घटना के चलते होने वाली समस्याओं से ज्यादा खराब लाइफस्टाइल तथा खराब पॉश्चर व उसके कारण रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाले दबाव के कारण हर उम्र के लोगों में गर्दन, कंधों, कमर व हिप जॉइंट्स में दर्द, अकड़न तथा असहजता के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है.

खराब पॉश्चर करता है ज्यादा बीमार
प्रीतमपुर दिल्ली के तोमर फिजियोथेरेपी क्लिनिक के चिकित्सक डॉ रतन तोमर बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में हर उम्र के लोगों में मांसपेशियों में दर्द या मसल्स पेन, कमर अकड़ने , कमर, कंधों व गर्दन में दर्द व उनके जाम होने जैसी समस्याओं के मामले काफी ज़्यादा देखने में आने लगे हैं. वह बताते हैं कि उनके पेशेंट में से लगभग 40% ऐसे मरीज हैं जो युवा हैं और खराब पॉश्चर के चलते होने वाले अपर व लोअर बैक पेन तथा शोल्डर पेन के लिए फिजियोथेरेपी ले रहे हैं.

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गर्दन में दर्द व अकड़न

वहीं देहरादून के वरिष्ठ हड्डीरोग विशेषज्ञ डॉ हेम जोशी भी मानते हैं कमर दर्द, गर्दन व कंधों में दर्द व अकड़न या टेक्स्ट नेक , रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से व निचले हिस्से तथा हिप्स व जांघों के ऊपरी हिस्से में दर्द , कमर में अकड़न, कमर या गर्दन का जाम हो जाना या चनका आना जैसी समस्याओं के लिए गलत पॉश्चर काफी हद तक जिम्मेदार रहता है. और यही नहीं कई बार इस तरह की समस्याएं, ध्यान ना देने पर हड्डी व जोडों के स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.

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गर्दन में दर्द व अकड़न

वह बताते हैं कि इस तरह के दर्द की समस्या कामकाजी लोगों या ऐसे लोगों में ज्यादा देखने में आती हैं जो देर तक लगातार कुर्सी पर बैठकर या कंप्यूटर के सामने बैठकर कार्य करते हैं. दरअसल ज्यादा देर तक सिर झुका कर बैठने से या ऐसी अवस्था में बैठने से जहां गर्दन, कंधों व रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ता हो ,कमर के ऊपरी हिस्से, गर्दन व कंधों के बीच तथा कंधों में तेज खिंचाव या तीखा दर्द महसूस होने लगता है. इसके अलावा कई लोगों को इस अवस्था के चलते गर्दन व सिर के पिछले हिस्से में दर्द व भारीपन, पूरी कमर में दर्द, कमर के निचले हिस्से में विशेषकर टेल बोन या हिप्स के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द तथा चुभन होने लगती है. वह बताते हैं कि सिर्फ उठने, चलने या बैठने में खराब पॉश्चर के कारण ही नहीं बल्कि कई बार गलत ढंग से लेटने या झुकने, भारी चीज उठाने, कूदने या दौड़ने के कारण भी इस तरह की समस्याएं हो सकती है. डॉ जोशी बताते हैं कि खराब पॉशचर के अलावा हड्डियों व मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियों में सूजन, उनका क्षतिग्रस्त होना या उनमें लचीलेपन में कमी , अलग-अलग प्रकार की अर्थराईटिस, स्लिप डिस्क, स्पोंडिलाइटिस, साइटिका, शोल्डर जॉइंट्स से जुड़ी समस्याएं तथा जोडों से जुड़ी समस्याएं व रोग भी इस तरह के दर्द व परेशानियों का कारण बन सकते हैं.

सावधानी
डॉ हेम जोशी बताते हैं कि अगर हड्डी या मांसपेशी संबंधी कोई समस्या आनुवंशिक ना हो या किसी गंभीर रोग का परिणाम ना हो, तो काफी हद तक सही आहार, सही जीवनशैली, शारीरिक सक्रियता तथा सही समय पर सही उपचार से उनसे सरलता से राहत पाई जा सकती है. वह बताते हैं कि आज के दौर में खानपान में गड़बड़ी आमतौर पर देखी जाती है. जिसके कारण हड्डियों व मांसपेशियों को स्वस्थ व मजबूत रखने के लिए शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है. वहीं कई बार जो पोषण मिलता भी है उसका सही तरह से अवशोषण नहीं हो पाता है. हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है कि ऐसे आहार का सेवन किया जाए जिनमें कैल्शियम, सभी प्रकार के विटामिन विशेषकर विटामिन डी तथा खनिज भरपूर मात्रा में हों. इसके अलावा नियमित व्यायाम भी हड्डियों व मांसपेशियों की मजबूती को बढ़ाते हैं.

bad posture side effects bad Body posture
कंधों में दर्द

कैसे पाएं राहत
डॉ जोशी बताते हैं कि सही पॉश्चर का पालन करने से तथा कुछ सावधानियों को बरतने से इस तरह की समस्याओं में काफी राहत मिल सकती है. इस तरह के दर्द व अन्य समस्याओं से बचाव व उनसे राहत पाने में कुछ बातें काफी मददगार हो सकती हैं , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  1. हमेशा पौष्टिक तत्वों से भरपूर आहार तथा जरूरी मात्रा में पानी का सेवन करें.
  2. नियमित तौर पर योग, व्यायाम या कम से कम स्ट्रेचिंग अभ्यास करें.
  3. आगे की तरफ झुक कर, हमेशा कंधे झुका कर या टेढ़े-मेढ़े होकर ना बैठे.
  4. कुर्सी-मेज पर बैठकर कोई भी काम करते समय कमर से बहुत ज्यादा झुक कर तथा सिर को देर तक नीचे की तरफ लटका कर ना बैठे . यदि लंबे समय तक बैठकर कार्य करना हो तो ध्यान रहे की कमर, घुटने व गर्दन बिल्कुल सीधे हो तथा नियमित अंतराल पर अपनी कुर्सी से उठ कर थोड़ा चलते फिरते रहे.
  5. लगातार गर्दन झुकाए हुए स्मार्टफोन की स्क्रीन देखने से टेक्स्ट नेक की समस्या हो सकती है. जब भी आप मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप पर कार्य करें तो ध्यान रखें की वह आपकी आंखों की सिधाई में हो.
  6. लेट कर मोबाइल देखने से बचें..
  7. सोते समय मोटे तकिए से परहेज करें. विशेष तौर पर ऐसे लोग जो पहले से ही कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हो उन्हें पतला तकिया लेकर सोना चाहिए और यदि संभव हो तो किसी भी प्रकार का तकिया ना ले.
  8. कमर से आगे की ओर झुककर कोई भी भारी या हल्का सामान उठाते समय ध्यान रखें.
  9. कभी भी झटके से आगे की तरफ नहीं झुकना चाहिए.
  10. यदि आगे की तरफ झुक कर उठने में कमर पर दबाव या किसी अन्य प्रकार की समस्या महसूस हो तो आगे की तरफ झुक कर सामान उठाने के बजाय घुटनों के बल बैठ कर सामान उठाने का प्रयास करें.

चिकित्सक से सलाह जरूरी
डॉ हेम जोशी बताते हैं कि दर्द चाहे शरीर के किसी भी हिस्से में हो , कारण और दर्द की तीव्रता के आधार पर ही चिकित्सक समस्या का इलाज करते हैं. जैसे आमतौर पर पॉश्चर जनित कारणों से होने वाले दर्द में चिकित्सक दर्द निवारक क्रीम, ठंडी या गर्म सिकाई, हल्के फुल्के व्यायाम तथा कभी कभी हल्के हाथ से मालिश के साथ बहुत ही हल्की दर्द निवारक दवा के सेवन की सलाह देते हैं. वहीं किसी रोग या जटिल अवस्था में कमर में ज्यादा दर्द होने पर दवा के साथ साथ बेड रेस्ट या सर्जरी की सलाह भी दी सकती है.

डॉ हेम जोशी, वरिष्ठ हड्डीरोग विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ खास समस्याओं में इलाज के साथ फिजियोथेरेपी कराना भी लाभकारी होता है. वह बताते कि यदि दर्द या चनके की शुरुआती अवस्था में दर्द निवारक क्रीम या माइल्ड पेन किलर से राहत ना मिले और हिलने डुलने में या काम करने में ज्यादा समस्या महसूस होने लगे तो चिकित्सक से जांच जरूर करवानी चाहिए. क्योंकि कभी- कभी समस्या की अनदेखी करना उसे ज्यादा बढ़ा सकता है. Bad posture side effects .

High bp से हड्डियां हो सकती है कमजोर, लंबी हड्डियों पर दुष्प्रभाव ज्यादा

Last Updated : May 13, 2023, 9:20 AM IST
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