ETV Bharat / sukhibhava

भारतीय अभी तय नहीं कर पाए कोरोना वैक्सीन लेंगे या नहीं : सर्वे

11 हजार लोगों पर किये गये एक सर्वेक्षण में पूछा गया कि वे टीकाकरण लेंगे या नहीं. सर्वेक्षण के अनुसार उत्तरदाताओं में से 53 फीसदी लोग टीकाकरण लेने को लेकर अनिश्चित है. युवाओं के मुकाबले वयस्क एवं वरिष्ठ वैक्सीन लेने के लिए इतने इच्छुक नहीं हैं.

Indian uncertain about taking vaccination
भारतीय टीकाकरण लेने को लेकर अनिश्चित
author img

By

Published : Dec 18, 2020, 12:17 PM IST

भारत की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी ने कोरोनावायरस वैक्सीन लेने के प्रति सावधानी और सतर्कता व्यक्त की है. एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. एक सर्वेक्षण में लगभग 11 हजार उत्तरदाताओं ने भाग लिया और अपनी राय पेश की. इसमें वैक्सीन प्राप्त करने से लेकर कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए सरकारी उपायों के बारे में और राष्ट्रव्यापी बंद सहित कई पहलुओं पर लोगों के विचार सामने आए.

सर्वेक्षण में यह पता चला कि 11 हजार उत्तरदाताओं में से 53 प्रतिशत आबादी कोविड वैक्सीन (टीका) लेने के बारे में अनिश्चित है. सर्वेक्षण में सामने आया कि उनमें से 43 प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हैं और वैक्सीन की प्रभावशीलता के बारे में एक प्रारंभिक राय रखते हैं, जबकि 10 प्रतिशत वैक्सीन लेने के ही खिलाफ हैं.

सर्वे में शामिल 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे वैक्सीन लेने के इच्छुक हैं, और वास्तव में इसका इंतजार कर रहे हैं. लिंग के आधार पर देखें तो महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक सतर्क नजर आती हैं. जहां 48 प्रतिशत महिलाएं आबादी वैक्सीन लेना चाहती है, वहीं सिर्फ 42 पुरुष वैक्सीन लेना चाहते हैं.

सर्वे में उम्र के साथ, वैक्सीन लेने की इच्छा कम होती दिखाई दी. वयस्क (45-60) और वरिष्ठ (60 प्लस) वैक्सीन लेने के लिए इतने इच्छुक नहीं हैं, जितनी युवा आबादी है. लोगों में वैक्सीन के बाद संभावित जटिलताओं के बारे में चिंता इसका एक कारण हो सकता है.

सर्वेक्षण के आयोजक ने कहा, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन आशावान है कि कोविड-19 के लिए सुरक्षित और प्रभावी टीके जल्द ही सफलतापूर्वक विकसित किए जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि वैक्सीन का निर्माण एक मजबूत पाइपलाइन में है और कुछ पहले ही अगले चरण में पहुंच ही चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार ने लॉकडाउन लागू करने से लेकर काफी लोगों के बीच परीक्षण क्षमता में तेजी से सुधार के लिए चिकित्सा उद्योग को 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करने जैसे कदम उठाए हैं. सरकार ने कई तरह की पहल की हैं.' आयोजक ने कहा कि केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर काम किया जा रहा है.

भारत की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी ने कोरोनावायरस वैक्सीन लेने के प्रति सावधानी और सतर्कता व्यक्त की है. एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है. एक सर्वेक्षण में लगभग 11 हजार उत्तरदाताओं ने भाग लिया और अपनी राय पेश की. इसमें वैक्सीन प्राप्त करने से लेकर कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए सरकारी उपायों के बारे में और राष्ट्रव्यापी बंद सहित कई पहलुओं पर लोगों के विचार सामने आए.

सर्वेक्षण में यह पता चला कि 11 हजार उत्तरदाताओं में से 53 प्रतिशत आबादी कोविड वैक्सीन (टीका) लेने के बारे में अनिश्चित है. सर्वेक्षण में सामने आया कि उनमें से 43 प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हैं और वैक्सीन की प्रभावशीलता के बारे में एक प्रारंभिक राय रखते हैं, जबकि 10 प्रतिशत वैक्सीन लेने के ही खिलाफ हैं.

सर्वे में शामिल 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे वैक्सीन लेने के इच्छुक हैं, और वास्तव में इसका इंतजार कर रहे हैं. लिंग के आधार पर देखें तो महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक सतर्क नजर आती हैं. जहां 48 प्रतिशत महिलाएं आबादी वैक्सीन लेना चाहती है, वहीं सिर्फ 42 पुरुष वैक्सीन लेना चाहते हैं.

सर्वे में उम्र के साथ, वैक्सीन लेने की इच्छा कम होती दिखाई दी. वयस्क (45-60) और वरिष्ठ (60 प्लस) वैक्सीन लेने के लिए इतने इच्छुक नहीं हैं, जितनी युवा आबादी है. लोगों में वैक्सीन के बाद संभावित जटिलताओं के बारे में चिंता इसका एक कारण हो सकता है.

सर्वेक्षण के आयोजक ने कहा, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन आशावान है कि कोविड-19 के लिए सुरक्षित और प्रभावी टीके जल्द ही सफलतापूर्वक विकसित किए जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि वैक्सीन का निर्माण एक मजबूत पाइपलाइन में है और कुछ पहले ही अगले चरण में पहुंच ही चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार ने लॉकडाउन लागू करने से लेकर काफी लोगों के बीच परीक्षण क्षमता में तेजी से सुधार के लिए चिकित्सा उद्योग को 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करने जैसे कदम उठाए हैं. सरकार ने कई तरह की पहल की हैं.' आयोजक ने कहा कि केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर काम किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.