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कोविड-19 से बचाने वाले एंटीबॉडी में तेजी से आ रही है गिरावट: अध्ययन

कोविड-19 के संक्रमण से बचाने वाले एंटीबॉडी में तेजी से गिरावट आ रही है. एक अध्ययन के अनुसार वायरस से रक्षा करने वाले एंटीबॉडी में समय के साथ कमी आ रही है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली में गिरावट देखी जा रही है.

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Published : Oct 28, 2020, 12:24 PM IST

Rapid fall in antibodies
एंटीबॉडी में तेजी से गिरावट

ब्रिटेन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके व्यक्ति को संक्रमण से बचाने वाले एंटीबॉडी 'तेजी से घट रहे हैं', जिसके कारण कोविड-19 संक्रमण से लंबे समय तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बने रहने की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं.

'इम्पीरियल कॉलेज लंदन' के एक अध्ययन के तहत इंग्लैंड में 3 लाख 65 हजार से अधिक लोगों की जांच की गई. अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस से रक्षा करने वाले एंटीबॉडी समय के साथ कम हो रहे हैं, जो संकेत देते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता केवल कुछ ही महीने बनी रह सकती है.

अध्ययन करने वाले अनुसंधानकर्ताओं में शामिल रहे प्रोफेसर वेंडी बार्कले ने कहा, 'हर बार सर्दी के मौसम में लोगों को संक्रमित करने वाला कोरोना वायरस छह से 12 महीने बाद लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है.'

उन्होंने कहा, 'हमें आशंका है कि कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार वायरस से संक्रमित होने पर भी शरीर इसी तरह प्रतिक्रिया देता है.'

'इम्पीरियल कॉलेज लंदन' में निदेशक पॉल इलियॉट ने कहा, 'हमारे अध्ययन दर्शाते हैं कि समय के साथ उन लोगों की संख्या में कमी देखी गई है, जिनमें एंटीबॉडी हैं.'

अध्ययन में कहा गया है कि एंडीबॉडी कम होने के मामले युवाओं की अपेक्षा 75 साल और इससे अधिक आयु के लोगों में अधिक पाए गए हैं.

ब्रिटेन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके व्यक्ति को संक्रमण से बचाने वाले एंटीबॉडी 'तेजी से घट रहे हैं', जिसके कारण कोविड-19 संक्रमण से लंबे समय तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बने रहने की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं.

'इम्पीरियल कॉलेज लंदन' के एक अध्ययन के तहत इंग्लैंड में 3 लाख 65 हजार से अधिक लोगों की जांच की गई. अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस से रक्षा करने वाले एंटीबॉडी समय के साथ कम हो रहे हैं, जो संकेत देते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता केवल कुछ ही महीने बनी रह सकती है.

अध्ययन करने वाले अनुसंधानकर्ताओं में शामिल रहे प्रोफेसर वेंडी बार्कले ने कहा, 'हर बार सर्दी के मौसम में लोगों को संक्रमित करने वाला कोरोना वायरस छह से 12 महीने बाद लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है.'

उन्होंने कहा, 'हमें आशंका है कि कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार वायरस से संक्रमित होने पर भी शरीर इसी तरह प्रतिक्रिया देता है.'

'इम्पीरियल कॉलेज लंदन' में निदेशक पॉल इलियॉट ने कहा, 'हमारे अध्ययन दर्शाते हैं कि समय के साथ उन लोगों की संख्या में कमी देखी गई है, जिनमें एंटीबॉडी हैं.'

अध्ययन में कहा गया है कि एंडीबॉडी कम होने के मामले युवाओं की अपेक्षा 75 साल और इससे अधिक आयु के लोगों में अधिक पाए गए हैं.

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