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शरीर, मन और रिश्तों, सभी को प्रभावित करता है शारीरिक सम्बन्ध ना बनाना

सेक्स को एक बेहतरीन स्ट्रेस बस्टर यानी तनाव को दूर करने वाली गतिविधि माना जाता है। सिर्फ तनाव की स्तिथि में ही नही बल्कि महिलाओं और पुरुषों में सेक्स को कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन बढ़ती उम्र, रोग या किसी अन्य कारण से जब लोग संभोग करना बंद कर देते हैं तो उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर उसका काफी प्रभाव पड़ता है।

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शारीरिक सम्बन्ध ना बनाना
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Published : Aug 29, 2021, 10:01 AM IST

साइकोलॉजिस्ट और ‘सेविंग योर मैरिज बिफ़ोर इट स्टार्ट्स’ के लेखक लेस पैरोट के अनुसार,‘ ऐसे जोड़े जिनमें सेक्स बिल्कुल नहीं होता है , उनमें ऑक्सिटोसिन जैसे बॉन्डिंग हार्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। जिसका असर उनके आपसी प्यार और रिश्ते पर पड़ता है। जिसके चलते तनाव, शक और गुस्से जैसी भावनाएं प्रबल होने लगती है। हालांकि अपनी रिपोर्ट में वह यह भी कहते हैं,‘‘ऐसा ज़रूरी नहीं है कि हर सेक्सलेस कपल असंतुष्ट या नाख़ुश हो। सेक्स आपसी घनिष्टता का महज़ एक एक्सप्रेशन है। लेकिन चिकिसक और जानकार मानते हैं की सेक्स ना करना शरीर और मन दोनों पर नकारात्मक असर दिखा सकता है। आइए जानते हैं की विशेषज्ञों की राय में जो लोग सेक्स नहीं करते तो उनके शरीर पर और क्या-क्या प्रभाव पड़ सकते हैं।

रिश्तों पर असर

ज़्यादातर लोगों की ज़िंदगी में सेक्स की कमी का सीधा असर उनके रिश्ते पर होता है। जिसका असर उनके आपसी विश्वास, रिश्ते में रहने की ख़ुशी, संतुष्टि और किसी के द्वारा प्यार किए जाने की भावना में कमी के रूप में नजर आ सकता है। वहीं कई बार इस कारण दंपति उपेक्षित भी महसूस कर सकते हैं और उनमें झगड़े बढ़ सकते हैं।

चिंता व तनाव का बढ़ना

वर्ष 2010 में जनरल ऑफ फैमिली साइकोलॉजी में दैनिक तनाव व यौन सक्रियता के बीच संबंध तथा सबंधित प्रतिक्रयाओं को लेकर प्रकाशित एक अध्धयन में और अध्धयन का विषय रही उन महिलाओं ने दैनिक तनाव की बात स्वीकारी थी ,जो सेक्स को लेकर न के बराबर या बिल्कुल भी सक्रिय नहीं थीं। इस अध्धयन में एक स्थानीय महिला कालेज की छात्राओं को विषय बनाया गया था। दरअसल सेक्स करने से शरीर में एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता हैं। तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाले ये न्यूरोकेमिकल्स चिंता या तनाव के प्रभावों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, ऑक्सीटोसिन का आपको नींद में मदद करने का अतिरिक्त लाभ होता है। यदि आप नियमित रूप से सेक्स नहीं करते हैं, तो आपका शरीर इन हॉर्मोन्स को कम रिलीज करता है, जिससे तनाव का सामना करना अधिक मुश्किल हो सकता है।

नींद में कमी

सेक्स का अभाव शरीर में प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन जैसे आरामदायक नींद को बढ़ावा देने वाले हार्मोन के निर्माण और स्राव को प्रभावित करता है। जिससे व्यक्ति की नींद की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है।

दर्द में राहत

अपने मन को किसी भी दर्द और पीड़ा से निकालने के लिए सेक्स एक अच्छा तरीका हो सकता है। दरअसल शारीरिक संबंधों से मिली संतुष्टि के चलते शरीर को एंडोर्फिन और अन्य हार्मोन जारी होता है, जो सिर, पीठ और पैर के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। वहीं इससे गठिया दर्द और मासिक धर्म में ऐंठन में भी मदद मिलती है।

इम्यूनिटी पर भी पड़ता है असर

अगर आप शारीरिक संबंध नहीं बना रहे हैं तो इसका असर आपके इम्यून सिस्टम पर भी पड़ सकता है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि जब लोग शारीरिक संबंध बनाते हैं तो शरीर में इम्यूनोग्लोबिन केमिकल लगातार बढ़ता है। इसके बढ़ने का यह फल होता है कि इससे हमारा शरीर कई तरह के रोगों से लड़ सकता है। लेकिन इसकी कमी से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इससे आप जल्दी बीमार पड़ने लग जाते हैं।

आपकी त्वचा पर भी पड़ता है प्रभाव

अगर आप शारीरिक संबंध नहीं बना रहे हैं तो इसका असर आपकी त्वचा पर भी दिख सकता है। आपने सुना होगा कि अगर आप शारीरिक संबंध लगातार बनाते हैं तो इससे आपकी त्वचा भी चमकदार हो जाती है। यौन संबंध बनाने पर शरीर में डोपामाइन हार्मोन बढ़ता है और इससे हमारी त्वचा साफ और चमकदार होती है। हालांकि, अगर आप शारीरिक संबंध नहीं बनाते हैं तो इससे आपकी त्वचा पर उम्र का असर दिख सकता है।

उच्च रक्तचाप तथा ह्रदय रोग का खतरा

इस तथ्य से सभी वाकिफ हैं की सेक्स करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। अगर आप सेक्स करना छोड़ देते हैं और आप ज्यादा उम्र के हो रहे हैं तो रक्तचाप बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है जो की ह्रदय रोग का खतरा भी बढ़ा सकता है। वहीं सेक्स ना करने से शरीर मे एस्ट्रोजन और एण्ड्रोजन हार्मोन का इस्तेमाल कम हो जाता है जिसका असर ह्रदय के स्वास्थ्य पर पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

याददाश्त में कमी की समस्या

सेक्स करने से आपके दिमाग मे नए ब्रेन सेल्स का जन्म होता है लेकिन यदि नियमित सेक्स में कमी आने लगे तो मस्तिष्क में सेल्स निर्माण पर असर पड़ता है, जो यारदाश्त में कमजोरी के रूप में सामने आता है। कनाडा की एक यूनिवर्सिटी द्वारा इस संबंध में की गई की रिसर्च में पाया गया था कि यौन संबंध बनाने से महिलाओं की याददाश्त तेज़ होती है।

पुरुषों के जननांग स्वास्थ्य पर असर

जो पुरुष सेक्स करना छोड़ देते हैं, जानकार बताते हैं की आमतौर पर उनके लिंग में तनाव कम हो जाता है। जो कई बार इरेक्टाईल डिसफ़ंक्शन का कारण भी बनता है। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है की जो पुरुष सेक्स गतिविधियों में सक्रिय नहीं होते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका अधिक होती है।

महिलाओं के जननांग स्वास्थ पर असर

महिला रोग चिकित्सकों की मानें तो लंबे समय तक सेक्स न करने से योनि में सूखेपन या खुरदुरेपन की समस्या होने लगती है। खासतौर पर बड़ी उम्र की महिलाएं जो लंबे अंतराल पर संभोग करती है उन्हे योनि में चिकनाई की कमी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं सेक्स ना करने महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द भी महसूस होता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के एक शोध के बारें में जानकारी देते हुए अध्ययनकर्ता मेगन अर्नोट बताती हैं की, "अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि अगर कोई महिला यौन संबंध नहीं बना रही है और गर्भधारण का कोई मौका नहीं है, तो शरीर अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) बंद कर देता है। जिसके कारण महिला की प्रतिरक्षा क्षमता बिगड़ जाती है, जिससे शरीर में बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। यह शोध 2,936 महिलाओं से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है, जो कि 1996/1997 में एसडब्ल्यूएएन अध्ययन के तहत किया गया था। इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जो महिलाएं मिड लाइफ (35 व इससे अधिक उम्र) में बार-बार संभोग नहीं करती हैं, उनमें जल्द मेनोपॉज देखने को मिलती है।

पढ़ें: ऐसे पा सकती हैं महिलाएं बेहतर गुणवत्ता वाली नींद

साइकोलॉजिस्ट और ‘सेविंग योर मैरिज बिफ़ोर इट स्टार्ट्स’ के लेखक लेस पैरोट के अनुसार,‘ ऐसे जोड़े जिनमें सेक्स बिल्कुल नहीं होता है , उनमें ऑक्सिटोसिन जैसे बॉन्डिंग हार्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। जिसका असर उनके आपसी प्यार और रिश्ते पर पड़ता है। जिसके चलते तनाव, शक और गुस्से जैसी भावनाएं प्रबल होने लगती है। हालांकि अपनी रिपोर्ट में वह यह भी कहते हैं,‘‘ऐसा ज़रूरी नहीं है कि हर सेक्सलेस कपल असंतुष्ट या नाख़ुश हो। सेक्स आपसी घनिष्टता का महज़ एक एक्सप्रेशन है। लेकिन चिकिसक और जानकार मानते हैं की सेक्स ना करना शरीर और मन दोनों पर नकारात्मक असर दिखा सकता है। आइए जानते हैं की विशेषज्ञों की राय में जो लोग सेक्स नहीं करते तो उनके शरीर पर और क्या-क्या प्रभाव पड़ सकते हैं।

रिश्तों पर असर

ज़्यादातर लोगों की ज़िंदगी में सेक्स की कमी का सीधा असर उनके रिश्ते पर होता है। जिसका असर उनके आपसी विश्वास, रिश्ते में रहने की ख़ुशी, संतुष्टि और किसी के द्वारा प्यार किए जाने की भावना में कमी के रूप में नजर आ सकता है। वहीं कई बार इस कारण दंपति उपेक्षित भी महसूस कर सकते हैं और उनमें झगड़े बढ़ सकते हैं।

चिंता व तनाव का बढ़ना

वर्ष 2010 में जनरल ऑफ फैमिली साइकोलॉजी में दैनिक तनाव व यौन सक्रियता के बीच संबंध तथा सबंधित प्रतिक्रयाओं को लेकर प्रकाशित एक अध्धयन में और अध्धयन का विषय रही उन महिलाओं ने दैनिक तनाव की बात स्वीकारी थी ,जो सेक्स को लेकर न के बराबर या बिल्कुल भी सक्रिय नहीं थीं। इस अध्धयन में एक स्थानीय महिला कालेज की छात्राओं को विषय बनाया गया था। दरअसल सेक्स करने से शरीर में एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन हार्मोन रिलीज होता हैं। तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाले ये न्यूरोकेमिकल्स चिंता या तनाव के प्रभावों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, ऑक्सीटोसिन का आपको नींद में मदद करने का अतिरिक्त लाभ होता है। यदि आप नियमित रूप से सेक्स नहीं करते हैं, तो आपका शरीर इन हॉर्मोन्स को कम रिलीज करता है, जिससे तनाव का सामना करना अधिक मुश्किल हो सकता है।

नींद में कमी

सेक्स का अभाव शरीर में प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन जैसे आरामदायक नींद को बढ़ावा देने वाले हार्मोन के निर्माण और स्राव को प्रभावित करता है। जिससे व्यक्ति की नींद की मात्रा और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है।

दर्द में राहत

अपने मन को किसी भी दर्द और पीड़ा से निकालने के लिए सेक्स एक अच्छा तरीका हो सकता है। दरअसल शारीरिक संबंधों से मिली संतुष्टि के चलते शरीर को एंडोर्फिन और अन्य हार्मोन जारी होता है, जो सिर, पीठ और पैर के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। वहीं इससे गठिया दर्द और मासिक धर्म में ऐंठन में भी मदद मिलती है।

इम्यूनिटी पर भी पड़ता है असर

अगर आप शारीरिक संबंध नहीं बना रहे हैं तो इसका असर आपके इम्यून सिस्टम पर भी पड़ सकता है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि जब लोग शारीरिक संबंध बनाते हैं तो शरीर में इम्यूनोग्लोबिन केमिकल लगातार बढ़ता है। इसके बढ़ने का यह फल होता है कि इससे हमारा शरीर कई तरह के रोगों से लड़ सकता है। लेकिन इसकी कमी से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इससे आप जल्दी बीमार पड़ने लग जाते हैं।

आपकी त्वचा पर भी पड़ता है प्रभाव

अगर आप शारीरिक संबंध नहीं बना रहे हैं तो इसका असर आपकी त्वचा पर भी दिख सकता है। आपने सुना होगा कि अगर आप शारीरिक संबंध लगातार बनाते हैं तो इससे आपकी त्वचा भी चमकदार हो जाती है। यौन संबंध बनाने पर शरीर में डोपामाइन हार्मोन बढ़ता है और इससे हमारी त्वचा साफ और चमकदार होती है। हालांकि, अगर आप शारीरिक संबंध नहीं बनाते हैं तो इससे आपकी त्वचा पर उम्र का असर दिख सकता है।

उच्च रक्तचाप तथा ह्रदय रोग का खतरा

इस तथ्य से सभी वाकिफ हैं की सेक्स करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। अगर आप सेक्स करना छोड़ देते हैं और आप ज्यादा उम्र के हो रहे हैं तो रक्तचाप बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है जो की ह्रदय रोग का खतरा भी बढ़ा सकता है। वहीं सेक्स ना करने से शरीर मे एस्ट्रोजन और एण्ड्रोजन हार्मोन का इस्तेमाल कम हो जाता है जिसका असर ह्रदय के स्वास्थ्य पर पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

याददाश्त में कमी की समस्या

सेक्स करने से आपके दिमाग मे नए ब्रेन सेल्स का जन्म होता है लेकिन यदि नियमित सेक्स में कमी आने लगे तो मस्तिष्क में सेल्स निर्माण पर असर पड़ता है, जो यारदाश्त में कमजोरी के रूप में सामने आता है। कनाडा की एक यूनिवर्सिटी द्वारा इस संबंध में की गई की रिसर्च में पाया गया था कि यौन संबंध बनाने से महिलाओं की याददाश्त तेज़ होती है।

पुरुषों के जननांग स्वास्थ्य पर असर

जो पुरुष सेक्स करना छोड़ देते हैं, जानकार बताते हैं की आमतौर पर उनके लिंग में तनाव कम हो जाता है। जो कई बार इरेक्टाईल डिसफ़ंक्शन का कारण भी बनता है। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है की जो पुरुष सेक्स गतिविधियों में सक्रिय नहीं होते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका अधिक होती है।

महिलाओं के जननांग स्वास्थ पर असर

महिला रोग चिकित्सकों की मानें तो लंबे समय तक सेक्स न करने से योनि में सूखेपन या खुरदुरेपन की समस्या होने लगती है। खासतौर पर बड़ी उम्र की महिलाएं जो लंबे अंतराल पर संभोग करती है उन्हे योनि में चिकनाई की कमी के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं सेक्स ना करने महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द भी महसूस होता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के एक शोध के बारें में जानकारी देते हुए अध्ययनकर्ता मेगन अर्नोट बताती हैं की, "अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि अगर कोई महिला यौन संबंध नहीं बना रही है और गर्भधारण का कोई मौका नहीं है, तो शरीर अंडोत्सर्ग (ओव्यूलेशन) बंद कर देता है। जिसके कारण महिला की प्रतिरक्षा क्षमता बिगड़ जाती है, जिससे शरीर में बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। यह शोध 2,936 महिलाओं से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है, जो कि 1996/1997 में एसडब्ल्यूएएन अध्ययन के तहत किया गया था। इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जो महिलाएं मिड लाइफ (35 व इससे अधिक उम्र) में बार-बार संभोग नहीं करती हैं, उनमें जल्द मेनोपॉज देखने को मिलती है।

पढ़ें: ऐसे पा सकती हैं महिलाएं बेहतर गुणवत्ता वाली नींद

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