क्या आपको ऐसा लगता है कि आपका यौनिक जीवन उत्साह और नयेपन के अभाव में उदासीन हो गया है, तो आप अकेली नहीं हैं. आज की दौड़ती भागती जिंदगी में हम एक ढर्रे पर जिंदगी जीने के आदी हो गए हैं. जो कई बार बहुत ही उबाऊ हो जाती है. एक व्यस्क स्त्री के लिए स्वस्थ शारीरिक संबंध उतना ही जरूरी है, जितना की किसी पुरुष के लिए. चिकित्सक भी मानते हैं कि यदि आप एक अच्छी सेक्स लाइफ जी रहें हैं, तो न सिर्फ आपका शरीर तंत्र बल्कि आपका मानसिक स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है.
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पौष्टिक भोजन
एंडरोलॉजिस्ट डॉ. राहुल रेड्डी ने इस संबंध में चर्चा करते हुए पांच ऐसे तथ्यों के बारे में बताया, जो महिलाओं के यौन जीवन को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं. डॉ. रेड्डी बताते हैं कि शारीरिक, मानसिक या यौनिक, किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है पौष्टिक आहार. महिलाओं को ऐसे भोजन करना चाहिए, जो विटामिन, ओमेगा थ्री, प्राकृतिक वसा और मिनरल और फाइबर जैसे पौष्टिक तत्वों से तो भरपूर हो ही साथ ही उनके हार्मोन को भी संतुलित रखने में मदद करें.
विशेषतौर पर मेथी या मेथी दाना जैसी प्राकृतिक औषधीयों का महिलाओं को नियमित सेवन करना चाहिए, क्योंकि वह उनके हार्मोन सहित उनके संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालती है. इसके अतिरिक्त विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन बी6, बी3, विटामिन ए तथा मैग्निशियम जैसे मिनरल महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होते हैं. ये महिलाओं में सेक्स हार्मोन बढ़ाने का भी काम करते हैं.
व्यायाम हैं जरूरी
पौष्टिक भोजन के साथ नियमित व्यायाम भी बहुत जरूरी है. व्यस्कता की श्रेणी में आने के बाद से महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव आने लगते हैं. कभी बढ़ता वजन, कोई संक्रमण, कभी हार्मोन संबंधी, तो कभी जनानांगों संबंधी कोई परेशानी. ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें और शारीरिक साफ-सफाई के साथ व्यायाम और नियमित टहलने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.
तनाव से बचें
मानसिक तनाव एक ऐसी स्थिति है, जो न सिर्फ महिलाओं के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है, बल्कि उनके शरीर में हार्मोन संतुलन को भी प्रभावित करती हैं. वैसे भी स्वस्थ यौनिक जीवन के लिए तनाव को वर्जित कहा गया है. ऐसे में तनाव से दूरी बना कर रखना महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है. चिकित्सकों का यह भी मानना है कि यदि महिलाएं हल्के-फुल्के तनाव या अवसाद की शिकार है तो संतुष्टिदायक संसर्ग उसके तनाव को काफी हद तक कम करता है.
आपसी संवाद
एक समय था जब सेक्स को एक वर्जित शब्द माना जाता था, साथ ही इस संबंध में चर्चा भी अशोभनीय मानी जाती थी. लेकिन बदलते परिवेश का एक बहुत ही सकारात्मक असर हमारे समाज पर यह हुआ है कि निजी रिश्तों पर आधारित बहुत सी वर्जनाएं टूटी हैं. लोग इन विषयों पर अब खुल कर बात करने लगे है. स्वस्थ शारीरिक रिश्तों के लिए भी संवाद बहुत जरूरी है. आपसी पसंद, इच्छाएं और जिज्ञासाओं को लेकर यदि महिलाएं एक स्वस्थ संवाद अपने साथी के साथ स्थापित करती है, तो काफी हद तक दोनों एक दूसरे के साथ आनंद से भरपूर यौनिक जीवन जी सकते हैं.
निजी अंगों की देखभाल
किसी भी प्रकार का संक्रमण, जो आपके जनानांगों को संक्रमित या प्रभावित करता हौ, वह आपके यौन संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए जरूरी है न सिर्फ शारीरिक संबंधों के दौरान बल्कि सामान्यतः भी महिलाएं अपने जनानांगों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखे.