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रक्षा मंत्रालय के इंजीनियर्स का प्रमोशन को लेकर अनोखा प्रोटेस्ट, बिना लंच ब्रेक के कर रहे काम - दो दिन काली पट्टी बांध नहीं कर रहे लंच

Unique protest by Defense Ministry engineers regarding promotion: ऑल इंडिया मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज के सिविल इंजीनियर एसोसिएशन के बैनर तले इंजीनियर्स अपने प्रमोशन को लेकर अनोखा विरोध कर रहे हैं. सहायक अभियंता से कार्यकारी अभियंता की पदोन्नति साल 2016 से पेंडिंग में है. इसको लेकर वह हफ्ते में दो दिन यानी बुधवार और शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर बिना लंच ब्रेक के काम कर रहे हैं.

रक्षा मंत्रालय के इंजीनियर्स का प्रमोशन को लेकर प्रोटेस्ट
रक्षा मंत्रालय के इंजीनियर्स का प्रमोशन को लेकर प्रोटेस्ट
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 29, 2023, 3:25 PM IST

रक्षा मंत्रालय के इंजीनियर्स का प्रमोशन को लेकर प्रोटेस्ट

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज यानी (mes) के सिविल इंजीनियर एसोसिएशन के सदस्य प्रमोशन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड इलाके में किया जा रहा है. इसमें इंजीनियर्स सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को हाथों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते हैं. इस दौरान वे दोपहर का लंच भी नहीं करते हैं.

ये भी पढ़ें : बढ़ सकती है रेल यात्रियों की मुश्किलें, 95 प्रतिशत कर्मचारी ओपीएस के लिए हड़ताल पर सहमत

एमईएस में तैनात सहायक अभियंता से कार्यकारी अभियंता की पदोन्नति वर्ष 2016 (07 वर्ष) से ​​लंबित है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया गया, लेकिन हमेशा अनसुना ही किया गया. हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद एसोसिएशन ने विरोध का यह गांधीवादी तरीका अपनाया है.

सिविल मैकेनिक और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से संबंधित विभिन्न निर्माण और मरम्मत कार्य हम अधिक उत्साह के साथ कर रहे हैं ताकि रख-रखाव सेवाओं और परियोजना में कोई बाधा न हो. रक्षा मंत्रालय से अपील है कि प्रमोशन फाइल को फिर से चालू किया जाए. ताकि अच्छे पद से रिटायर हो सके. एमईएस के देश भर में 700 से अधिक कार्यालय हैं और इसमें 7000 से अधिक सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता कार्यरत हैं.

ऑल इंडिया एमईएस सिविलियन इंजीनियर्स एसोसिएशन 1978 में अस्तित्व में आया था. यह भारत का सबसे बड़ा इंजीनियर एसोसिएशन है. एमईएस पूरे वर्ष भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, डीआरडीओ, तट रक्षक और कुछ अन्य केंद्रीय सरकारी विभागों के लिए सभी सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से संबंधित बुनियादी ढांचे और रख-रखाव आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

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रक्षा मंत्रालय के इंजीनियर्स का प्रमोशन को लेकर प्रोटेस्ट

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज यानी (mes) के सिविल इंजीनियर एसोसिएशन के सदस्य प्रमोशन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड इलाके में किया जा रहा है. इसमें इंजीनियर्स सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को हाथों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते हैं. इस दौरान वे दोपहर का लंच भी नहीं करते हैं.

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एमईएस में तैनात सहायक अभियंता से कार्यकारी अभियंता की पदोन्नति वर्ष 2016 (07 वर्ष) से ​​लंबित है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया गया, लेकिन हमेशा अनसुना ही किया गया. हर जगह से निराशा हाथ लगने के बाद एसोसिएशन ने विरोध का यह गांधीवादी तरीका अपनाया है.

सिविल मैकेनिक और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से संबंधित विभिन्न निर्माण और मरम्मत कार्य हम अधिक उत्साह के साथ कर रहे हैं ताकि रख-रखाव सेवाओं और परियोजना में कोई बाधा न हो. रक्षा मंत्रालय से अपील है कि प्रमोशन फाइल को फिर से चालू किया जाए. ताकि अच्छे पद से रिटायर हो सके. एमईएस के देश भर में 700 से अधिक कार्यालय हैं और इसमें 7000 से अधिक सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता कार्यरत हैं.

ऑल इंडिया एमईएस सिविलियन इंजीनियर्स एसोसिएशन 1978 में अस्तित्व में आया था. यह भारत का सबसे बड़ा इंजीनियर एसोसिएशन है. एमईएस पूरे वर्ष भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, डीआरडीओ, तट रक्षक और कुछ अन्य केंद्रीय सरकारी विभागों के लिए सभी सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से संबंधित बुनियादी ढांचे और रख-रखाव आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

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