नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने साल 1984 में दिल्ली के सुल्तानपुरी सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई टाल दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.
भाई की हत्या का आरोप
पहले की सुनवाई के दौरान इस मामले के चश्मदीद गवाह जोगिंदर सिंह ने क्रास-एग्जामिनेशन के दौरान कहा था कि सज्जन कुमार और दूसरे आरोपियों ने मेरे भाई की हत्या की और जेवरात वगैरह लूट लिए.
28 मार्च 2019 को जोगिंदर सिंह ने अपने बयान में पटियाला हाउस कोर्ट को बताया था कि सज्जन कुमार ने भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें उकसाने का काम किया था. जोगिंदर सिंह ने कहा था कि जब वो पुलिस के पास एफआईआर लिखवाने पहुंचा तो पुलिस ने सज्जन कुमार का नाम लिखने से इनकार कर दिया. जोगिंदर सिंह ने कहा था कि उस दंगे में उसके भाई की हत्या कर दी गई.
सज्जन कुमार अभी जेल में बंद हैं
7 मार्च 2019 को इस मामले की मुख्य गवाह चाम कौर का क्रास-एग्जामिनेशन खत्म हुआ था. सज्जन कुमार एक दूसरे सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दिल्ली की जेल में बंद हैं. सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर 2018 को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर किया था.
सुल्तानपुर का मामला है
ये केस सुल्तानपुर का है. इस केस को दर्ज करने का आदेश सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनी नानावती आयोग ने दिया था.
16 नवंबर 2018 को इस केस की मुख्य गवाह चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान कोर्ट में उपस्थित सज्जन कुमार की पहचान की थी. उसके बाद 20 सितंबर 2018 को चाम कौर ने आरोप लगाया था कि उन्हें कोर्ट में गवाही देने से रोका जा रहा है. चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी.
धमकी देने का आरोप लगाया था
चाम कौर ने कहा था कि उन्हें फोन पर धमकी दी जा रही है कि अगर उसने कोर्ट में गवाही दी तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाएं. चाम कौर ने कहा था कि 19 सितंबर 2018 की रात दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के पूर्व कांग्रेस विधायक जय किशन के लोगों ने उसके घर आकर धमकी दी. उन्हें पैसे का भी लालच दिया गया.