नई दिल्ली: साउथ दिल्ली नगर निगम ने कूड़े का बेहतर इस्तेमाल कर कॉलोनी में खाद बनाने की योजना शुरू की, जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. फिलहाल दिल्ली के राजौरी गार्डन और सुभाष नगर इलाके में इसकी शुरुआत की गई है.
पार्कों में होता है कंपोस्ट का यूज
साउथ एमसीडी ने वेस्ट जोन में गीले कूड़े से खाद बनाने की योजना की शुरुआत कुछ समय पहले ही की थी. इस योजना का नाम बॉक्स कम्पोस्टिंग है. इसमें कंपोस्ट तैयार होने के बाद हॉर्टिकल्चर विभाग को दे दिया जाता और वे अलग-अलग पार्कों में इस कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं. इस स्वदेशी तरीके से बना कंपोस्ट किसी भी पौधे के विकास के साथ-साथ दवा के रूप में भी काम करता है.
इस बॉक्स कम्पोस्टिंग की अच्छी बात ये है कि इसे अलग-अलग कॉलोनियों या सोसायटियों में इस्तेमाल किया जा रहा है. जहां 400 किलो गिला कूड़ा जमा होता है और वेस्ट जोन में राजौरी गार्डन और सुभाष नगर के फ्लैटों में इस योजना को लगाया गया है. अब तक एमसीडी 2 टन कंपोस्ट बनाकर पार्कों में इस्तेमाल कर चुकी है. इस योजना की खास बात ये है कि इसकी शुरुआत करना मतलब आम के आम और गुठलियों के दाम हैं क्योंकी इससे कूड़े की समस्या तो खत्म होती ही है साथ ही कंपोस्ट भी मिल जाता है.
योजना का होगा विस्तार
साउथ एमसीडी वेस्ट जोन में इस योजना की रूपरेखा तैयार करने वाले राजीव जैन का कहना है कि आने वाले दिनों में और जगहों पर इसकी शुरुआत की जाएगी, जिससे इधर-उधर कूड़े् के फैले रहने की समस्या भी खत्म होगी. इससे तैयार होने वाला कंपोस्ट आम लोगों को भी दिया जाएगा. जहां भी रोज 400 किलो गीला कूड़ा जमा हो, वहां इस स्कीम की शुरुआत हो सकती है. एमसीडी अधिकारी ने लोगों से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग देने की अपील है. इस बॉक्स कम्पोस्टिंग में गीला कूड़े में 5 फीसदी लकड़ी का बुरादा, मिट्टी और पुरानी खाद मिलाई जाती है. 3 हफ्ते में खाद तैयार और कूड़ा खत्म हो जाता है.