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पश्चिमी दिल्ली: MCD के राजन बाबू टीबी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल का दूसरा दिन - हड़ताल पर राजन बाबू टीबी अस्पताल का नर्सिंग अस्पताल

एमसीडी का नर्सिंग स्टाफ तीन महीने से बकाया वेतन नहीं मिलने की वजह से हड़ताल पर चला गया है. एमसीडी के राजन बाबू टीबी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि उनकी यूनियन को तोड़ने की भी कोशिश की गई.

nursing staff of MCD Hospital second day of strike
MCD अस्पताल का नर्सिंग अस्पताल का दूसरा दिन
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Published : Jan 12, 2021, 7:06 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना काल में एमसीडी के जिस नर्सिग स्टाफ ने अपना अहम योगदान दिया. वही नर्सिग स्टाफ अपने 3 महीने की वेतन न मिलने की वजह से इतनी ठिठुरता सर्दी में खुले आसमान के नीचे हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो गया है.आज उनकी हड़ताल का दूसरा दिन है.

MCD अस्पताल का नर्सिंग अस्पताल का दूसरा दिन

नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल का दूसरा दिन

कर्मचारियों ने एमसीडी पर उनकी यूनिटी को तोडकर उनकी यूनियन कमजोर करने का आरोप लगाया. वहीं साथ ही केजरीवाल और केन्द्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि ना तो उनके पास मकान मालिक को देने के लिये पैसे हैं. और ना ही वह घर का राशन खरीदने के पैसे है.

ये भी पढ़ें- सड़क हादसे में केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक गंभीर रूप से घायल, पत्नी की मौत

उनके हालात इतने बदतर हो चुके है कि समय से ईएमआई ना चुका पाने की वजह से बैंक उनको डिफाल्टर घोषित कर रहे हैं. इसी वजह से कर्मचारी अपना विरोध प्रकट करने के लिये धरना देकर नारेबाजी कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है जब तक उनकी पूरी बकाया तीन माह की सैलरी, एरियल, बोनस और बाकी फंड की रकम नहीं मिलेगी, वह हडताल खत्म नहीं करेंगे.

नई दिल्ली: कोरोना काल में एमसीडी के जिस नर्सिग स्टाफ ने अपना अहम योगदान दिया. वही नर्सिग स्टाफ अपने 3 महीने की वेतन न मिलने की वजह से इतनी ठिठुरता सर्दी में खुले आसमान के नीचे हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो गया है.आज उनकी हड़ताल का दूसरा दिन है.

MCD अस्पताल का नर्सिंग अस्पताल का दूसरा दिन

नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल का दूसरा दिन

कर्मचारियों ने एमसीडी पर उनकी यूनिटी को तोडकर उनकी यूनियन कमजोर करने का आरोप लगाया. वहीं साथ ही केजरीवाल और केन्द्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि ना तो उनके पास मकान मालिक को देने के लिये पैसे हैं. और ना ही वह घर का राशन खरीदने के पैसे है.

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उनके हालात इतने बदतर हो चुके है कि समय से ईएमआई ना चुका पाने की वजह से बैंक उनको डिफाल्टर घोषित कर रहे हैं. इसी वजह से कर्मचारी अपना विरोध प्रकट करने के लिये धरना देकर नारेबाजी कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है जब तक उनकी पूरी बकाया तीन माह की सैलरी, एरियल, बोनस और बाकी फंड की रकम नहीं मिलेगी, वह हडताल खत्म नहीं करेंगे.

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