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दिल्ली सरकार अपने विफल प्रयासों का ठीकरा निगम पर फोड़ रही है: नरेंद्र चावला

एसडीएमसी के नेता सदन नरेंद्र चावला दिल्ली सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार कोई भी अभियान शुरू करने के नाम पर करोड़ों के विज्ञापन छपवा कर सिर्फ वाहवाही लूट रही है. जमीनी सतह पर सरकार ने कोई काम नहीं किया है.

Narendra chawla
नरेंद्र चावला
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Published : Oct 30, 2020, 8:23 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली सरकार के 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान को लेकर एसडीएमसी के नेता सदन व जनकपुरी के निगम पार्षद नरेंद्र चावला ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार को ना सिर्फ ढीट बताया है, बल्कि दिल्ली सरकार के द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी निंदा की है.

एसएमसीडी के सदन नेता नरेंद्र चावला ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना..

विफल है दिल्ली सरकार

नरेंद्र चावला ने बताया कि दिल्ली सरकार अपने विफल हुए प्रयासों का ठीकरा कभी केंद्र सरकार तो कभी निगम पर ही फोड़ती रहती है. नरेंद्र चावला के अनुसार आईआईटी कानपुर द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट में दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना नहीं, बल्कि उसकी खराब सड़कें और कई सालों पुराने वाहनों का सड़कों पर चलना है.

पराली से 1 से 5% के बीच ही होता है धुआं

आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के मुताबिक पराली जलाने से सिर्फ 1 से 5 प्रतिशत ही धुआं होता है, बाकी का प्रदूषण सड़क के किनारे जमी धूल मिट्टी, जर्जर सड़कों और निर्माणाधीन इमारतों की धूल मिट्टी से होता है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह कोई भी अभियान शुरू करने के नाम पर करोड़ों के विज्ञापन छपवा आते हैं और सिर्फ वाहवाही लूटते हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली सरकार के 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान को लेकर एसडीएमसी के नेता सदन व जनकपुरी के निगम पार्षद नरेंद्र चावला ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार को ना सिर्फ ढीट बताया है, बल्कि दिल्ली सरकार के द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी निंदा की है.

एसएमसीडी के सदन नेता नरेंद्र चावला ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना..

विफल है दिल्ली सरकार

नरेंद्र चावला ने बताया कि दिल्ली सरकार अपने विफल हुए प्रयासों का ठीकरा कभी केंद्र सरकार तो कभी निगम पर ही फोड़ती रहती है. नरेंद्र चावला के अनुसार आईआईटी कानपुर द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट में दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण पराली जलाना नहीं, बल्कि उसकी खराब सड़कें और कई सालों पुराने वाहनों का सड़कों पर चलना है.

पराली से 1 से 5% के बीच ही होता है धुआं

आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के मुताबिक पराली जलाने से सिर्फ 1 से 5 प्रतिशत ही धुआं होता है, बाकी का प्रदूषण सड़क के किनारे जमी धूल मिट्टी, जर्जर सड़कों और निर्माणाधीन इमारतों की धूल मिट्टी से होता है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह कोई भी अभियान शुरू करने के नाम पर करोड़ों के विज्ञापन छपवा आते हैं और सिर्फ वाहवाही लूटते हैं.

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