नई दिल्ली: बीती रात तिहाड़ जेल के बाहर उन कैदियों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया और जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, जिनके जेल में बंद कैदियों की जमानत पर रिहाई होने वाली थी. लेकिन रात एक बजे तक उनकी रिहाई किसी कारण से नहीं हो पाई, रिहाई एक बजे के बाद हुई.
तिहाड़ जेल किसी न किसी वजह से अक्सर सुर्खियों में बना रहता है. कभी जेल के अंदर कैदी की हत्या, तो झगड़े और मारपीट को लेकर तिहाड़ जेल चर्चा में रहता है. बीती रात एक बार फिर तिहाड़ जेल के बाहर हंगामा हो गया. हंगामा तिहाड़ जेल नंबर चार के बाहर उन कैदियों के परिजन कर रहे थे जो अपनों के जेल से जमानत पर रिहाई की उम्मीद लेकर जेल के बाहर पहुंचे थे. लेकिन रिहाई देर रात एक बजे तक नहीं हो पाई.
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कैदियों की देर रात एक बजे तक रिहाई नहीं हुई तो नाराज परिजनों ने जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, बाद में जेल प्रशासन के समझाने बुझाने और स्थानीय पुलिस के आने के बाद मामला शांत हुआ. मिली जानकारी के अनुसार जेल से प्रतिदिन जमानत पर कैदी बाहर आते हैं और इसका तय समय 12 बजे तक है. लेकिन बीती रात 12 बजे तक जब कैदियों की रिहाई नहीं हो पाई है, तो इसके बाद कैदी के परिजन परेशान हो गए और जानकारी के अनुसार उन्हें जेल प्रशासन की तरफ से तब तक कोई पुख्ता जानकारी भी नहीं बताई जा रही थी कि आखिर रिहाई में देरी किस वजह से हो रही है और इसी बात से गुस्साए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया.
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कैदियों की रिहाई एक बजे के बाद हुई तब इन कैदियों और उनके परिजनों ने मिलकर नारेबाजी की क्योंकि देर रात ट्रांसपोर्ट की परेशानी के साथ-साथ सुरक्षा का भी सवाल इनलोगों ने उठाया. इस संबंध में तिहार जेल के डीजी संदीप गोयल से जब फोन पर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि कुछ कैदियों की रिहाई से जुड़े दस्तावेज की स्क्रूटनी की वजह से और दूसरी तकनीकी वजहों से रात में कैदियों की जमानत पर रिहाई में देरी हुई जिसको लेकर संशय की स्थिति बन गई थी लेकिन अब सब कुछ सामान्य है.
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