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इस बार घाघरा नहीं धोती पहनकर आएगा रावण, विदेशों में भी भेजे जाते हैं पुतले - Effigy Workers

इस बार रावण का पुतला घाघरे में नहीं बल्कि देसी स्टाइल धोती पहनकर लोगों के सामने आएगा. वहीं कलाकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रावण का पुतला बनाने में महंगाई आड़े हाथों आ रही है.

जगह-जगह बनाई जा रही है रावण की प्रतिमाएं
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Published : Sep 27, 2019, 9:41 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में मेट्रो स्टेशनों के नीचे आजकल रावण बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. जहां कलाकार इस बार रावण की वेशभूषा को बिल्कुल अलग तरह से लोगों के सामने पेश करेंगे.

जगह-जगह बनाई जा रही है रावण की प्रतिमाएं

इस बार रावण का पुतला घाघरे में नहीं बल्कि देसी स्टाइल धोती पहनकर लोगों के सामने आएगा. वहीं कलाकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रावण का पुतला बनाने में महंगाई आड़े हाथों आ रही है.

महंगाई की वजह से कारीगर परेशान
महंगाई की वजह से कलाकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी दिल्ली की रामलीला पूरे विश्व में मशहूर है और यहां का दशहरा देखने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं. ऐसे में इस बार दशहरे में कुछ अलग ही देखने को मिलेगा. जहां रावण बनाने वाले कारीगर अब रावण की वेशभूषा में काफी तब्दीली करेंगे.

जहां रावण को पहले की तरह घाघरा नहीं बल्कि यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में पहनी जाने वाली धोती पहनाकर उसका दहन करेंगे. पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इन दिनों कलाकार रावण को बनाने में जुटे हुए हैं. जहां एक तरफ महंगाई और आर्थिक तंगी से यह कलाकार जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रावण की बिक्री को भी लेकर इन्हें चिन्ता सता रही है.

रावण का पुतला बनाने की तैयारी शुरू
दिल्ली में 25 साल से रावण का पुतला बनाने वाले एक कलाकार ने बताया कि रावण बनाने की तैयारी दशहरे से 3 महीने पहले से शुरू कर दी जाती है, जिसमें बांस की कारीगरी की जाती है. बांस को तोड़ना, फाड़ना, मोड़ना और फिर रस्सियों से बांधना और उसे आकार देकर रावण तैयार किया जाता है. एक रावण बनाने के लिए बांस, लोहे की तारें, नारियल की रस्सियां, सुतली, कागज और साड़ियों की जरूरत होती है और इन्हीं सामानों से रावण को बनाकर तैयार किया जाता है. उसके बाद पेंट, रंग आदि से उसकी साज-सज्जा की जाती है. हालांकि रावण के पुतले को खरीदने वाला ही इस पुतले में आतिशबाजी और बम पटाखे लगाकर इसका दहन करता है.

विदेशों में भी भेजे जाते हैं रावण
वहीं कलाकार के मुताबिक महंगाई के चलते पिछली बार भी रावण की बिक्री बहुत कम हुई थी और इस बार भी रावण को बनाने और उसकी बिक्री को लेकर काफी कमी देखने को मिल रही है. जहां एक रावण का पुतला बनाने के लिए लगभग 7500 रुपए से लेकर 20000 रुपए तक की लागत आती है.

जहां रावण 5 फीट से लेकर 50 फीट तक का बनाया जाता है और इसकी बिक्री लगभग 10,000 रूपये से लेकर 50,000 रुपये तक होती है. वहीं दिल्ली के बने रावण विदेशों में भी भेजे जाते हैं.

फिलहाल सोने की लंका में रहने वाला रावण अब आर्थिक तंगी और महंगाई के चलते बेहाल हो रहा है. जहां उसके पुतले को बनाने और उसके दहन में भी लोगों को दिक्कतें आने लगी है.

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में मेट्रो स्टेशनों के नीचे आजकल रावण बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं. जहां कलाकार इस बार रावण की वेशभूषा को बिल्कुल अलग तरह से लोगों के सामने पेश करेंगे.

जगह-जगह बनाई जा रही है रावण की प्रतिमाएं

इस बार रावण का पुतला घाघरे में नहीं बल्कि देसी स्टाइल धोती पहनकर लोगों के सामने आएगा. वहीं कलाकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रावण का पुतला बनाने में महंगाई आड़े हाथों आ रही है.

महंगाई की वजह से कारीगर परेशान
महंगाई की वजह से कलाकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी दिल्ली की रामलीला पूरे विश्व में मशहूर है और यहां का दशहरा देखने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं. ऐसे में इस बार दशहरे में कुछ अलग ही देखने को मिलेगा. जहां रावण बनाने वाले कारीगर अब रावण की वेशभूषा में काफी तब्दीली करेंगे.

जहां रावण को पहले की तरह घाघरा नहीं बल्कि यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में पहनी जाने वाली धोती पहनाकर उसका दहन करेंगे. पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इन दिनों कलाकार रावण को बनाने में जुटे हुए हैं. जहां एक तरफ महंगाई और आर्थिक तंगी से यह कलाकार जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रावण की बिक्री को भी लेकर इन्हें चिन्ता सता रही है.

रावण का पुतला बनाने की तैयारी शुरू
दिल्ली में 25 साल से रावण का पुतला बनाने वाले एक कलाकार ने बताया कि रावण बनाने की तैयारी दशहरे से 3 महीने पहले से शुरू कर दी जाती है, जिसमें बांस की कारीगरी की जाती है. बांस को तोड़ना, फाड़ना, मोड़ना और फिर रस्सियों से बांधना और उसे आकार देकर रावण तैयार किया जाता है. एक रावण बनाने के लिए बांस, लोहे की तारें, नारियल की रस्सियां, सुतली, कागज और साड़ियों की जरूरत होती है और इन्हीं सामानों से रावण को बनाकर तैयार किया जाता है. उसके बाद पेंट, रंग आदि से उसकी साज-सज्जा की जाती है. हालांकि रावण के पुतले को खरीदने वाला ही इस पुतले में आतिशबाजी और बम पटाखे लगाकर इसका दहन करता है.

विदेशों में भी भेजे जाते हैं रावण
वहीं कलाकार के मुताबिक महंगाई के चलते पिछली बार भी रावण की बिक्री बहुत कम हुई थी और इस बार भी रावण को बनाने और उसकी बिक्री को लेकर काफी कमी देखने को मिल रही है. जहां एक रावण का पुतला बनाने के लिए लगभग 7500 रुपए से लेकर 20000 रुपए तक की लागत आती है.

जहां रावण 5 फीट से लेकर 50 फीट तक का बनाया जाता है और इसकी बिक्री लगभग 10,000 रूपये से लेकर 50,000 रुपये तक होती है. वहीं दिल्ली के बने रावण विदेशों में भी भेजे जाते हैं.

फिलहाल सोने की लंका में रहने वाला रावण अब आर्थिक तंगी और महंगाई के चलते बेहाल हो रहा है. जहां उसके पुतले को बनाने और उसके दहन में भी लोगों को दिक्कतें आने लगी है.

Intro:लोकेशन--दिल्ली/सुभास नगर
स्लग--धोती वाला रावण
रिपोर्ट--ओपी शुक्ला

पश्चिमी दिल्ली:- पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में मेट्रो स्टेशनों के नीचे आजकल रावण बनाने की तैयारियां जोरों पर है! जहां यह कलाकार इस बार रावण की वेशभूषा को बिल्कुल अलग तरह से लोगों के सामने पेश करेंगे ! जहां इस बार रावण का पुतला घांघरे में नहीं बल्कि देसी स्टाइल धोती पहनकर लोगों के सामने आएगा ! वही कलाकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रावण का पुतला बनाने में महंगाई आड़े हाथों आ रही है ! जिसकी वजह से कलाकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ! हालांकि प्रशासन की तरफ से भी उन्हें सपोर्ट मिल रहा है! लेकिन महंगाई और जगह की कमी की वजह से परेशानी हो रही है !Body:राजधानी दिल्ली की रामलीला पूरे विश्व में मशहूर है और यहां का दशहरा देखने के लिए देश और विदेश से लोग आते हैं ! ऐसे में इस बार दशहरे में कुछ अलग ही देखने को मिलेगा ! जहां रावण बनाने वाले लोग अब रावण की वेशभूषा में काफी तब्दीली करेंगे ! जहां रावण को पहले की तरह घाँघरा नहीं बल्कि यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में पहनी जाने वाली धोती पहनाकर उसका दहन करेंगे ! जहां पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इन दिनों कलाकार रावण को बनाने में जुटे हुए हैं ! जहां एक तरफ महंगाई और आर्थिक तंगी से यह कलाकार जूझ रहे हैं ! वहीं दूसरी तरफ रावण की बिक्री को भी लेकर इन्हें चिन्ता सता रही है ! दिल्ली में 25 साल से रावण का पुतला बनाने वाले एक कलाकार ने बताया कि रावण बनाने की तैयारी दशहरे से 3 महीने पहले से शुरू कर दी जाती है ! जिसमें बांस की कारीगरी की जाती है ! बांस को तोड़ना, फाड़ना, मोड़ना और फिर रस्सियों से बांधना और उसे आकार देकर रावण तैयार किया जाता है ! जिसके लिए कलाकार और हेल्पर की जरूरत होती है ! जहां इस महंगाई में कलाकार और हेल्पर मिलना मुश्किल हो रहा है ! वही एक रावण बनाने के लिए बांस, लोहे की तारें, नारियल की रस्सिया, सुतली, कागज और साड़ियों की जरूरत होती है! और इन्हीं सामानों से रावण को बनाकर तैयार किया जाता है! उसके बाद पेंट, रंग आदि से उसकी साज-सज्जा की जाती है ! हालांकि रावण के पुतले को खरीदने वाला ही इस पुतले में आतिशबाजी और बम पटाखे लगाकर इसका दहन करता है ! वहीँ कलाकार के मुताबिक महंगाई के चलते पिछली बार भी रावण की बिक्री बहुत कम हुई थी ! और इस बार भी रावण को बनाने और उसकी बिक्री को लेकर काफी कमी देखने को मिल रही है ! जहां एक रावण का पुतला बनाने के लिए लगभग 7500 रुपए से लेकर 20000 रुपए तक की लागत आती है ! जहां रावण 5 फीट से लेकर 50 फीट तक का बनाया जाता है ! और इसकी बिक्री लगभग 10,000 रूपये से लेकर 50,000 रुपये तक होती है ! वही दिल्ली के बने रावण विदेशों में भी भेजे जाते हैं !Conclusion:बाईट--पवन कुमार ,पुतला बनाने वाला कलाकार

फिलहाल सोने की लंका में रहने वाला रावण अब आर्थिक तंगी और महंगाई के चलते बेहाल हो रहा है ! जहां उसके पुतले को बनाने और उसके दहन में भी लोगों को दिक्कतें आने लगी है ! बरहाल कुछ भी हो हमेशा की तरह इस बार भी रावण दहन बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा



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