नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने जोर-शोर से सड़कों की बदहाली को दूर करने की घोषणा की थी. कुछ इलाकों में उनके विधायकों ने सड़कों को ठीक कराने की शुरुआत भी की थी, लेकिन घोषणा के सालभर बाद भी राजौरी गार्डन की सड़क बदहाल है. सड़क की ये हाल तब है, जब चारों तरफ जिले के 4 ताकतवर कार्यालय हैं.
एक तरफ डीएम ऑफिस, साथ में डीसी ऑफिस. दूसरी तरफ डीसीपी ऑफिस और दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (डूसिब) कार्यालय हैं. यहां कई मॉल और रेस्टोरेंट हैं. सभी कार्यालयों के अधिकारी यहीं से गुजरते हैं, बावजूद सड़कों की बदहाली की कहानी समझ से पड़े है.
वहीं राहगीर इस बदहाली के कारण परेशान हैं. सड़कों पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं. जहां कई बार दुर्घटना भी हो जाती है. वहीं बारिश के दिनों में पानी भर जाने के कारण लोगों को और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोग भी हैरान हैं कि इतने सरकारी दफ्तर होने के बावजूद सड़क की बदहाली खत्म नहीं हुई है.
संबंधित विभाग की लापरवाही
इस सड़क को बनाने की जिम्मेदारी डूसिब विभाग की है. कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस सड़क का एक बार नहीं, बल्कि कई बार टेंडर हुआ. लेकिन उस टेंडर में तय हुई दर को लेकर सहमति नहीं बन पाई और बार-बार टेंडर रद्द होता रहा.