नई दिल्ली: एशिया की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली तिहाड़ जेल में 1 महीने के अंदर दो गैंगस्टर की हत्या का मामला सामने आने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल जेल नंबर 8 के हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद सुनील मान उर्फ टिल्लू के ऊपर गोगी गैंग के लोगों ने लोहे के ग्रिल से हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई है. इस हत्याकांड के बाद तिहाड़ जेल में बंद वीआईपी कैदियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
प्रिंस तेवतिया और अंकित गुर्जर की हो चुकी है हत्या: इससे पहले पिछले महीने तिहाड़ के जेल नंबर 3 में बंद गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जबकि इस हमले में 3 कैदी घायल हुए थे. इतना ही नहीं इससे पहले कई मामलों में अपराधी अंकित गुर्जर की भी हत्या कर दी गई थी. हालांकि जेल प्रशासन समय-समय पर सुरक्षा बलों के साथ अभियान चलाकर तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों से मोबाइल, धारदार हथियार और ड्रग भी बरामद करता रहा है. इसके बावजूद भी इन चीजों का मिलना.
दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड डीसीपी एलएनराव कहते हैं कि तिहाड़ जेल जो कभी सबसे सुरक्षित जेल के रूप में जाना जाता था, लेकिन जिस जेल का जेल महानिदेशक ही रिश्वत लेने के कथित आरोपों में निलंबित हो चुका हो, वहां की सुरक्षा राम भरोसे ही होगी. गंभीर मुद्दा यह है कि आखिर जब अदालत से सजायाफ्ता मुलजिम जेल में ही जिंदा नहीं रखे जा सकते तो फिर अब देश की अदालतें टिल्लू ताजपुरिया या अन्य गैंगस्टर को कहां ले जाकर बंद करें.
तिहाड़ जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन: जेल नंबर एक में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बंद हैं. साथ ही दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल नंबर 7 में बंद है, जबकि दिल्ली का नामी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जेल नंबर 8 और 9 में हुई है. हालांकि बाकी जेलों से इस जेल की दूरी है, लेकिन जिस तरह से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे सुरक्षा को लेकर सवाल उठना लाजमी है.
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