नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के विकासपुरी थाने में महीने भर पहले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार चोरी मामले में छानबीन के लिए 2 दिन पहले पीड़ित के पास आईओ का नंबर आया. इसके बाद फोन करने पर पता चला कि आईओ की मौत 2 साल पहले हो चुकी है. हालांकि, पुलिस इसे लापरवाही नहीं, बल्कि तकनीकी खामी बता रही है. वहीं, अब इस केस में दूसरा आईओ नियुक्त किया गया है.
विकासपुरी थाना इलाके में महीने भर पहले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की चोरी हुई कार का पुलिस अब तक पता नहीं लगा पाई है. पीड़ित द्वारा चोरी हुई कार की एफआईआर दर्ज कराने के 1 महीने बाद पीड़ित को उस केस में जांच के लिए आईओ का नाम और नंबर बताया गया था. पीड़ित को लगा कि अब इस केस में आईओ नियुक्त होने के बाद उनके कार का पता लग सकता है, क्योंकि कार चोरी का सीसीटीवी फुटेज भी पीड़ित के पास था.
पीड़ित ने जैसे आईओ के नंबर पर फोन किया तो उस फोन को आईओ के परिवार के किसी सदस्य ने उठाया और यह बताया कि आपको जिसने भी ये नंबर दिया है, उनकी 2 साल पहले मौत हो चुकी है. ऐसी बात सुनकर पीड़ित विकासपुरी थाना पहुंचा और पुलिस अधिकारियों को सारी बात बताई. इसके बाद पुलिस ने गलती मानी और उस केस के लिए दूसरे आईओ को नियुक्त किया.
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बता दें, पीड़ित अभिषेक अपने परिवार के साथ विकासपुरी इलाके में रहते हैं और पिछले महीने वह एक समारोह से लौटकर घर आए थे. तभी उन्होंने घर से थोड़ी दूर गाड़ी पार्क कर दी, लेकिन अगली सुबह उनकी कार चोरी हो गई. मिली जानकारी के अनुसार कार डिजिटल लॉक्ड थी, जिसको चोरों ने खोल कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया. वहीं, अभी तक कार चोर का पता नहीं चल पाया है.
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