नई दिल्ली: एक तरफ अधिक वैक्सीनेशन को लेकर सरकार दावे कर रही है कि करीब पचास फीसदी लोगों के डबल डोज लक चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ इन दावों को धता बताते हुए एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें लोगों के बिना वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाए सर्टिफिकेट वेबसाइट पर अपलोड हो रहा है. इसकी वजह से लोगों को दूसरा डोज लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों का चक्कर काटना पड़ रहा है.
अब नया मामला मायुपुरी इलाके से आया है, जिसमें एक युवक वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्र पर चक्कर काट रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब वह गुरुवार को मायापुरी इंडस्ट्रियल इलाके के एक स्वास्थ्य केंद्र पर सेकंड डोज लगवाने गया तो उसे बताया गया कि उसने अपना दूसरा डोज बिहार में लगवा लिया है. पीड़ित ने हेल्पलाइन नंबर पर जब पता किया तो कोई मदद नहीं मिली. सब जगह से एक ही जवाब आ रहा था कि आपने वैक्सीन का दूसरा डोज लगवा लिया है. ऐसे में उसे स्वास्थ्य केंद्र पर दूसरा डोज नहीं लगाया जा सकता है.
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जानकारी के अनुसार इस युवक ने बिहार में लगभग तीन महीने पहले वैक्सीन का पहला डोज लगाया था और कुछ दिन बाद काम पर दिल्ली लौट आया. लेकिन दूसरा डोज लगने संबंधित सर्टिफिकेट वेबसाइट पर कैसे और कहां से अपलोड हो गया यह उनकी समझ से बाहर है. युवक का कहना है कि काम छोड़ कर दो दिनों से स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा है. अब पीड़ित इस बात से परेशान है कि ओमीक्रोन का खतरा बढ़ रहा है ऐसे में वैक्सीन कैसे लगवाए. वहीं स्वस्थ्य केन्द्र पर तैनात सिविल डिफेंसकर्मी का कहना है कि कई ऐसे मामले आते हैं और इसमें अधिकतर मामले यूपी बिहार के हैं.
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राजधानी में कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में वह बिना वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाए अपने आप को कैसे और कब तक सुरक्षित रह सकता है. साफ है कि एक तरफ तो सरकार 100 करोड़ से अधिक वैक्सीनेशन को लेकर अपने अच्छे कामों के दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बिना वैक्सीन लगे सर्टिफिकेट जारी करना एक बड़े घोटाले की तरफ इशारा करता है.
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