नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान पिछले 21 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने यहां साधारण जीवन की तरह अपनी एक दिनचर्या बना ली है. उसी दिनचर्या के चलते रात का खाना खाकर सोने के बीच में जो समय मिलता है, उसमें सभी संगत एक साथ बैठकर नाम सिमरन करती है.
गुरु का नाम लेकर यहां एक साथ मिलकर किसान अपना समय बिताते हैं और उसके बाद इसी टेंट में सोकर पूरी रात गुजार देते हैं. सुबह उठते ही फिर से सेवा और लंगर की तैयारी शुरू हो जाती है.
देश के अलग-अलग कोने से यहां किसान एकजुट हुए हैं. खासतौर पर पंजाब से भारी संख्या में किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे. पंजाब के पटियाला से आए हुए किसानों ने अपना एक टेंट बनाया है. यहां 24 घंटे लंगर चलता है. किसान भजन-कीर्तन और नाम-सिमरन करके रात को सोने चले जाते हैं.
पटियाला से आए हुए किसानों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि उनकी दिनचर्या किस तरह से रहती है. किसानों ने सिमरन कर जल्द आंदोलन खत्म करने की प्रार्थना की. साथ ही कहा कि वो प्रार्थना कर सरकार के लिए सद्बुद्धि की दुआ कर रहे हैं.