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नांगलोई में कूड़े के ढेर में लगी भीषण आग, इलाके में फैला धुएं का गुबार - Nangloi

नांगलोई इलाके में एक बार फिर कूड़े के ढेर में आग लगने की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. यहां खुलेआम निगम के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

नांगलोई में कूड़े के ढेर में लगी भीषण आग,
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Published : Oct 20, 2019, 8:30 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के नांगलोई इलाके में एक ऐसी जगह है, जहां पर आग लगने की खबरें कभी कबार नहीं बल्कि दिन में कई बार होती है. दमकल विभाग को इसी जगह पर कूड़े के ढेर में आग लगने के बाद एक दिन में कई-कई बार फोन आता है. जिसकी वजह से दमकल विभाग के अधिकारी भी परेशान हो चुके हैं.

कूड़े के ढेर में लगी भीषण आग

नियमों की उड़ रही धज्जियां
कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में प्लास्टिक, रबड़ और फैक्ट्री का वेस्ट मटेरियल होता है. जिसकी वजह से इलाके में धुएं का गुबार सा बन जाता है और लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. बता दें कि वैसे तो नियम है कि फैक्ट्री वेस्ट और प्लास्टिक किसी भी कूड़े के ढेर में नहीं डालना चाहिए, लेकिन नगर निगम के नियमों की यहां खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

राजधानी दिल्ली में भले ही प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन यहां पर इन तमाम प्रयासों के ऊपर पानी फेरा जा रहा है और कूड़े में प्लास्टिक, रबड़ और फैक्ट्री का मेटेरियल डालकर आग लगाई जा रही है. जिसके कारण कई गुना प्रदूषण बढ़ जाता है. लेकिन यहां ना तो कोई लोगों को रोकने वाला है और ना ही उन पर कार्रवाई करने वाला है.

नई दिल्ली: दिल्ली के नांगलोई इलाके में एक ऐसी जगह है, जहां पर आग लगने की खबरें कभी कबार नहीं बल्कि दिन में कई बार होती है. दमकल विभाग को इसी जगह पर कूड़े के ढेर में आग लगने के बाद एक दिन में कई-कई बार फोन आता है. जिसकी वजह से दमकल विभाग के अधिकारी भी परेशान हो चुके हैं.

कूड़े के ढेर में लगी भीषण आग

नियमों की उड़ रही धज्जियां
कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में प्लास्टिक, रबड़ और फैक्ट्री का वेस्ट मटेरियल होता है. जिसकी वजह से इलाके में धुएं का गुबार सा बन जाता है और लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. बता दें कि वैसे तो नियम है कि फैक्ट्री वेस्ट और प्लास्टिक किसी भी कूड़े के ढेर में नहीं डालना चाहिए, लेकिन नगर निगम के नियमों की यहां खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

राजधानी दिल्ली में भले ही प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन यहां पर इन तमाम प्रयासों के ऊपर पानी फेरा जा रहा है और कूड़े में प्लास्टिक, रबड़ और फैक्ट्री का मेटेरियल डालकर आग लगाई जा रही है. जिसके कारण कई गुना प्रदूषण बढ़ जाता है. लेकिन यहां ना तो कोई लोगों को रोकने वाला है और ना ही उन पर कार्रवाई करने वाला है.

Intro:दिल्ली के नांगलोई इलाके में कूड़े के ढेर में लगी भीषण आग एक दिन में कई कई बार होती है आग लगने की कॉल ...दमकल के अधिकारी भी हो चुके हैं परेशान दमकल अधिकारियों का कहना कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में पनिया और रबड़ के साथ-साथ फैक्ट्री का वेस्ट होता है, जिसकी वजह से सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है कई बार आग लगने की घटना होने के बावजूद भी लोगों को कूड़ा डालने से यहां पर रोकने वाला कोई भी नहीं नजर आता.....
Body:दिल्ली के नांगलोई इलाके में एक ऐसी जगह है जहां पर आग लगने की ख़बरें कभी कबार नहीं बल्कि दिन में कई बार होती है दमकल विभाग को इसी जगह पर कूड़े के ढेर में आग लगने की एक दिन में कई-कई कॉल मिलती है जिसकी वजह से दमकल विभाग के अधिकारी भी परेशान हो चुके हैं खास बात यह है कि कूड़े के ढेर में भारी मात्रा में पनिया रबड़ और फैक्ट्री का वेस्ट मटेरियल होता है जिसकी वजह से इलाके में धुएं का गुबार सा बन जाता है और लोगों का सांस लेना तक मुश्किल होता है वैसे तो नियम है कि फैक्ट्री वेस्ट और पनिया किसी भी कूड़े के ढेर में नहीं डालनी चाहिए लेकिन नगर निगम के इस नियमों की यहां पर खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं राजधानी दिल्ली में भले ही प्रदूषण को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यहां पर इन तमाम प्रयासों के ऊपर पानी फेरा जा रहा है और कूड़े में पनिया रबड़ और फैक्ट्री का मेटेरियल डालकर जब आग लगती है तो कई गुना प्रदूषण बढ़ जाता है लेकिन यहां ना तो कोई लोगों को रोकने वाला है और ना ही उन पर कार्रवाई करने वाला...

बाईट--दमकल अधिकारी

Conclusion:जरूरत है कि जल्द से जल्द संबंधित विभाग द्वारा उन लोगों पर उचित और कड़ी कार्रवाई की जाए जो लोग इस जगह पर आए दिन कूड़े की शक्ल में पनिया रबड़ फैक्ट्री वेस्ट मटेरियल डालते हैं ...जिसकी वजह से बार-बार आग लगती है और प्रदूषण का स्तर भी कई गुना बढ़ता है
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