नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार नजफगढ़ नाले की सफाई का काम युद्ध स्तर पर करवा रही है. इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने के लिए यह काम तेज गति से चल रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नजफगढ़ ड्रेन की सफाई के लिए बनाई गई उच्चाधिकारियों की कमेटी के साथ समीक्षा बैठक की और नजफगढ़ नाले के प्रदूषण को खत्म करने के लिए बनाए गए 1-1 प्रोजेक्ट की समीक्षा पूरी गंभीरता से की.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए दिल्ली सरकार की पहली प्राथमिकता यमुना से प्रदूषण को खत्म करना है. नजफगढ़ नाले का पानी यमुना में गिरने से पहले उसे पूरी तरह ट्रीट करना बेहद जरूरी है. इसके लिए सरकार लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जिससे अनऑथराइज्ड कॉलोनी मेसी व नेटवर्क बिछाने, एसटीपी डीटीपी का निर्माण इत्यादि शामिल है. नजफगढ़ नाले में दिल्ली के कुल वेस्ट वाटर डिस्चार्ज का दो तिहाई हिस्सा जाता है. ऐसे में यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में नजफगढ़ नाले के पानी को यमुना में गिरने से पहले ट्रीट करना बेहद जरूरी है.
उन्होंने बताया कि नजफगढ़ नाले के दोनों और छावला से बसई दारापुर के बीच 27 किलोमीटर सड़क बनाने की योजना को डिस्कशन फेज में मंजूरी दी गई है. इस प्रोजेक्ट से पंजाबी बाग, पश्चिम विहार, निलोठी, बापरौला, ककरोला, नजफगढ़, द्वारका, विकासपुरी, उत्तम नगर, जनकपुरी, छावला सहित सैकड़ों कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को फायदा होगा. उन्हें जाम से भी मुक्ति मिलेगी. इसे बनाने में करीब 350 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए शानदार ट्रैक व साइकिल ट्रैक का निर्माण भी किया जाएगा. सड़क के दोनों ओर हरियाली का भी ध्यान रखा जाएगा और विभिन्न किस्म के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे.
ये भी पढ़ें : #YamunaRiver नदी से नाला बन गई साहिबी, सफाई के बाद निर्मल होगी यमुना
नजफगढ़ नाला दरअसल साहिबी नदी है. राजधानी में पिछले कुछ दशकों के दौरान साहिबी नदी की पहचान नजफगढ़ नाले के तौर पर हो गई है. साहिबी नदी राजस्थान से शुरू होकर नजफगढ़ से होते हुए सीधे यमुना से मिलती थी. अब केजरीवाल सरकार इस नाले को वापस साहिबी नदी के तौर पर पहचान दिलाने के प्रयास शुरू किए हैं. दौसा से यमुना में प्रवेश करने वाली नजफगढ़ ड्रेन करीब 57 किलोमीटर लंबी है. इसमें धासा से छावला तक 18 किलोमीटर का ग्रामीण स्ट्रेच है इसके बाद यह अर्बन स्टेट में पहुंचती है.
ये भी पढ़ें : नजफगढ़ नाले में मरी मिली सैकड़ों मछलियां, बीमारियों का खतरा बढ़ा