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अपराध का शिकार होने पर DLSA करेगा आपकी मदद...जानिए कैसे

डीएलएसए पश्चिम जिला के सचिव विनोद मीणा ने बताया कि यहां पर उनका काम लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह देना, लोक अदालत लगवाना और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की स्कीम के तहत पीड़ितों को मुआवजा देना है.

कानूनी समस्या में फंसने पर डीएलएसए करेगा आपकी मदद, etv bharat
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Published : Sep 26, 2019, 10:40 AM IST

Updated : Sep 26, 2019, 1:25 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में अगर आप किसी गंभीर अपराध का शिकार होते हैं और आप खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं तो यह ख्याल अपने दिमाग से निकाल दीजिए. विधिक सेवा प्राधिकरण न केवल आपको मुफ्त कानूनी सलाह देने के लिए तैयार है बल्कि कई मामलों में वह पीड़ित को लाखों रुपये का मुआवजा भी दे रही है. इसके लिए आवश्यकता है केवल आपको डीएलएसए से संपर्क करने की.

कानूनी समस्या में फंसने पर डीएलएसए करेगा आपकी मदद

विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) पश्चिम जिला के सचिव विनोद मीणा ने बताया कि यहां पर उनका काम लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह देना, लोक अदालत लगवाना और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की स्कीम के तहत पीड़ितों को मुआवजा देना है. उन्होंने बताया कि मुआवजा देने की यह योजना 2011 में शुरू की गई थी. 2015 एवं 2018 में पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजे की राशि को बढ़ाया गया है.

कौन ले सकते हैं मुआवजा
विनोद मीणा ने बताया कि किसी भी अपराध में गंभीर चोट आने पर डीएलएसए से मुआवजा लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार सड़क हादसों में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से लोगों की मौत हो जाती है. इस तरह के मामलों में डीएलएसए की तरफ से तीन से 10 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है. उन्होंने बताया एसिड अटैक की पीड़ित हो या कोई आग में झुलसने वाला, प्रत्येक शख्स डीएलएसए से मुआवजा ले सकता है. इसके लिए उन्हें केवल डीएलएसए को एक आवेदन देना होगा. इस आवेदन पर कमेटी सुनवाई कर मुआवजे की राशि तय करती है.

मुफ्त में दी जाती है कानूनी सलाह
सचिव विनोद मीणा ने बताया कि भारत के संविधान के आर्टिकल 39 कैपिटल (ए) के तहत प्रत्येक नागरिक को मुफ्त कानूनी सलाह लेने का अधिकार है. इसलिए सभी जिला अदालतों में डीएलएसए की तरफ से मुफ्त कानूनी सलाह दी जाती है. कोई भी गरीब व्यक्ति, महिला, नाबालिक, वरिष्ठ नागरिक (दो लाख से कम वार्षिक आय), विकलांग, एससी/एसटी मुफ्त कानूनी सलाह ऑफिस जा कर ले सकते हैं. यहां पर डीएलएसए के अधिवक्ता मौजूद रहते हैं जो उनके मामले को सुनेंगे और फिर बाद में उनकी पैरवी करेंगे.

विभिन्न जगह खोले गए लीगल एड क्लीनिक
विनोद मीणा ने बताया कि जो लोग कोर्ट जाकर डीएलएसए से संपर्क नहीं करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए लीगल एड क्लीनिक चलाए जा रहे हैं. विभिन्न डीएम के दफ्तरों एवं श्रम विभाग के दफ्तरों में लीगल एड क्लीनिक खोले गए हैं. यहां पर सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक अधिवक्ता मौजूद रहते हैं. लोग उनसे सीधा संपर्क कर कानूनी मदद ले सकते हैं. यह मदद पूरी तरह से नि:शुल्क होती है.

टोल फ्री नंबर 1516 पर भी मिलती है जानकारी
सचिव के अनुसार मुफ्त कानूनी सलाह के लिए एक हेल्पलाइन भी मौजूद है. 1516 नंबर पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति कानूनी जानकारी हासिल कर सकता है.

नई दिल्ली: राजधानी में अगर आप किसी गंभीर अपराध का शिकार होते हैं और आप खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं तो यह ख्याल अपने दिमाग से निकाल दीजिए. विधिक सेवा प्राधिकरण न केवल आपको मुफ्त कानूनी सलाह देने के लिए तैयार है बल्कि कई मामलों में वह पीड़ित को लाखों रुपये का मुआवजा भी दे रही है. इसके लिए आवश्यकता है केवल आपको डीएलएसए से संपर्क करने की.

कानूनी समस्या में फंसने पर डीएलएसए करेगा आपकी मदद

विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) पश्चिम जिला के सचिव विनोद मीणा ने बताया कि यहां पर उनका काम लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह देना, लोक अदालत लगवाना और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की स्कीम के तहत पीड़ितों को मुआवजा देना है. उन्होंने बताया कि मुआवजा देने की यह योजना 2011 में शुरू की गई थी. 2015 एवं 2018 में पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजे की राशि को बढ़ाया गया है.

कौन ले सकते हैं मुआवजा
विनोद मीणा ने बताया कि किसी भी अपराध में गंभीर चोट आने पर डीएलएसए से मुआवजा लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार सड़क हादसों में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से लोगों की मौत हो जाती है. इस तरह के मामलों में डीएलएसए की तरफ से तीन से 10 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है. उन्होंने बताया एसिड अटैक की पीड़ित हो या कोई आग में झुलसने वाला, प्रत्येक शख्स डीएलएसए से मुआवजा ले सकता है. इसके लिए उन्हें केवल डीएलएसए को एक आवेदन देना होगा. इस आवेदन पर कमेटी सुनवाई कर मुआवजे की राशि तय करती है.

मुफ्त में दी जाती है कानूनी सलाह
सचिव विनोद मीणा ने बताया कि भारत के संविधान के आर्टिकल 39 कैपिटल (ए) के तहत प्रत्येक नागरिक को मुफ्त कानूनी सलाह लेने का अधिकार है. इसलिए सभी जिला अदालतों में डीएलएसए की तरफ से मुफ्त कानूनी सलाह दी जाती है. कोई भी गरीब व्यक्ति, महिला, नाबालिक, वरिष्ठ नागरिक (दो लाख से कम वार्षिक आय), विकलांग, एससी/एसटी मुफ्त कानूनी सलाह ऑफिस जा कर ले सकते हैं. यहां पर डीएलएसए के अधिवक्ता मौजूद रहते हैं जो उनके मामले को सुनेंगे और फिर बाद में उनकी पैरवी करेंगे.

विभिन्न जगह खोले गए लीगल एड क्लीनिक
विनोद मीणा ने बताया कि जो लोग कोर्ट जाकर डीएलएसए से संपर्क नहीं करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए लीगल एड क्लीनिक चलाए जा रहे हैं. विभिन्न डीएम के दफ्तरों एवं श्रम विभाग के दफ्तरों में लीगल एड क्लीनिक खोले गए हैं. यहां पर सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक अधिवक्ता मौजूद रहते हैं. लोग उनसे सीधा संपर्क कर कानूनी मदद ले सकते हैं. यह मदद पूरी तरह से नि:शुल्क होती है.

टोल फ्री नंबर 1516 पर भी मिलती है जानकारी
सचिव के अनुसार मुफ्त कानूनी सलाह के लिए एक हेल्पलाइन भी मौजूद है. 1516 नंबर पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति कानूनी जानकारी हासिल कर सकता है.

Intro:नई दिल्ली
राजधानी में अगर आप किसी गंभीर अपराध का शिकार होते हैं और आप खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं तो यह ख्याल अपने दिमाग से निकाल दीजिए. विधिक सेवा प्राधिकरण न केवल आपको मुफ्त कानूनी सलाह देने के लिए तैयार है बल्कि कई मामलों में वह पीड़ित को लाखों रुपये का मुआवजा भी दे रही है. इसके लिए आवश्यकता है केवल आपको डीएलएसए से संपर्क करने की.



Body:विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) पश्चिम जिला के सचिव विनोद मीणा ने बताया कि यहां पर उनका काम लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह देना, लोक अदालत लगवाना और नालसा की स्कीम के तहत पीड़ितों को मुआवजा देना है. उन्होंने बताया कि मुआवजा देने की यह योजना 2011 में शुरू की गई थी. 2015 एवं 2018 में पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजे की राशि को बढ़ाया गया है.


कौन ले सकते हैं मुआवजा
विनोद मीणा ने बताया कि किसी भी अपराध में गंभीर चोट आने पर डीएलएसए से मुआवजा लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार सड़क हादसों में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से लोगों की मौत हो जाती है. इस तरह के मामलों में डीएलएसए की तरफ से तीन से 10 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है. उन्होंने बताया एसिड अटैक की पीड़ित हो या कोई आग में झुलसने वाला, प्रत्येक शख्स डीएलएसए से मुआवजा ले सकता है. इसके लिए उन्हें केवल डीएलएसए को एक आवेदन देना होगा. इस आवेदन पर कमेटी सुनवाई कर मुआवजे की राशि तय करती है.


मुफ्त में दी जाती है कानूनी सलाह
सचिव विनोद मीणा ने बताया कि भारत के संविधान के आर्टिकल 39 कैपिटल (ए) के तहत प्रत्येक नागरिक को मुफ्त कानूनी सलाह लेने का अधिकार है. इसलिए सभी जिला अदालतों में डीएलएसए की तरफ से मुफ्त कानूनी सलाह दी जाती है. कोई भी गरीब व्यक्ति, महिला, नाबालिक, वरिष्ठ नागरिक (दो लाख से कम वार्षिक आय), विकलांग, एससी/एसटी मुफ्त कानूनी सलाह ऑफिस जा कर ले सकते हैं. यहां पर डीएलएसए के अधिवक्ता मौजूद रहते हैं जो उनके मामले को सुनेंगे और फिर बाद में उनकी पैरवी करेंगे.


विभिन्न जगह खोले गए लीगल एड क्लीनिक
विनोद मीणा ने बताया कि जो लोग कोर्ट जाकर डीएलएसए से संपर्क नहीं करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए लीगल एड क्लीनिक चलाए जा रहे हैं. विभिन्न डीएम के दफ्तरों एवं श्रम विभाग के दफ्तरों में लीगल एड क्लीनिक खोले गए हैं. यहां पर सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक अधिवक्ता मौजूद रहते हैं. लोग उनसे सीधा संपर्क कर कानूनी मदद ले सकते हैं. यह मदद पूरी तरह से निशुल्क होती है.


Conclusion:टोल फ्री नंबर 1516 पर भी मिलती है जानकारी
सचिव के अनुसार मुफ्त कानूनी सलाह के लिए एक हेल्पलाइन भी मौजूद है. 1516 नंबर पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति कानूनी जानकारी हासिल कर सकता है.
Last Updated : Sep 26, 2019, 1:25 PM IST
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