नई दिल्ली: राजधानी में अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस तकनीक का किस तरह से इस्तेमाल करती है. इसका उदाहरण राजौरी गार्डन इलाके में हिट एंड रन केस के खुलासे के बाद हुआ है. जिसमें इसी तकनीक के कारण जो केस पूरी तरह से ब्लाइंड था उसका खुलासा राजौरी गार्डन पुलिस ने किया. साथ ही आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
तकनीक का इस्तेमाल कर आरोपी तक पहुंची पुलिस
दरअसल 12 तारीख को एक पीसीआर कॉल हुई कि राजौरी गार्डन फ्लाईओवर के नीचे एक अज्ञात कार ने स्कूटी सवार को हिट किया और मौके से फरार हो गया. सूचना मिलने के बाद राजौरी गार्डन थाने के एसआई विकास हजरिया कांस्टेबल दीपक के साथ मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि घायल व्यक्ति को नजदीक के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. जबकि मौके पर घायल का स्कूटी पड़ा हुआ था.
जब एसआई विकास निजी अस्पताल पहुंचे तो घायल को डीडीयू शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन एसआई विकास के पहुंचने पर घायल बयान देने की हालत में नहीं था. हालांकि उसकी पहचान सचिन के रूप में हुई जो विकास नगर का रहने वाला था. इसके बाद मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी और फिर सीसीटीवी की मदद से उस प्रत्यक्षदर्शी का सुराग ढूंढ पाई. जिसने घायल को हॉस्पिटल पहुंचाया. मददगार का नाम सरन था जो उत्तम नगर का रहने वाला था और उसकी कार की डैश बोर्ड पर लगे कैमरे में घटना कैद हुई थी. जिससे आरोपी की कार का रंग पता चलने के साथ साथ घटना के समय का भी पता चला.
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पीड़ित की मौत पर आरोपी सलाखों के पीछे
जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी खंगाला और जिससे आरोपी की कार का नंबर पता चल गया. जिससे कार मालिक चरनजीत सिंह का पता चला जो विष्णु गार्डन का रहने वाला था. इस बीच इलाज के दौरान 14 जनवरी को सचिन की मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने धारा 304ए लगा दी. साथ ही चरणजीत सिंह के बेटे गुनमंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया.