नई दिल्ली: गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी और पंज प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन निकाला. इस नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को एक भव्य पालकी में सुशोभित करके नगर कीर्तन का आरंभ हुआ, इस नगर कीर्तन में स्कूली बच्चे, गतका पार्टियां और कीर्तनी जत्थों ने भाग लिया. नगर कीर्तन के दौरान इसे भव्य बनाने के लिए घोड़े और ऊंट को भी विशेष तौर पर इसमें शामिल किया गया.
नगर कीर्तन के दौरान जगह-जगह बच्चों और बड़ों संगत द्वारा गतका खेल का प्रदर्शन भी दिखाया जा रहा. फिलहाल नगर कीर्तन शुरू हुआ, जो अलग अलग इलाकों से होता हुआ देर शाम समाप्त होगा. हैरानी की बात है कि राजधानी में करके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में भी नगर कीर्तन में काफी संख्या में बच्चे और महिलाएं शामिल हुए. नगर कीर्तन टैगोर गार्डन, राजौरी गार्डन, रघुवीर नगर के अलग-अलग इलाकों से होता हुआ शाम को वापस इस गुरुद्वारे तक पहुंचेगी.
बता दें, गुरु गोविंद सिंह जी एक महान योद्धा, कवि और दार्शनिक थे. 1675 में नौ साल की उम्र में उनके पिता गुरु तेग बहादुर का सम्राट औरंगजेब द्वारा सर कलम कर दिए जाने के बाद उन्हें औपचारिक रूप से सिखों के दसवें गुरु के रूप में स्थापित किया था. उनके पिता नौवें सिख गुरु थे. मुगलों से हिंदुओं की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की. उन्होंने ही खालसा पंथ का उद्घोष वाक्य 'बोले सो निहाल' दिया था. वे खालसा पंथ के प्रमुख रहे, जो उनकी मुगलों से लड़ने के लिए समर्पित योद्धाओं की एक फौज थी.
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पहुंचे जेपी नड्डा: देशभर में अयोध्या में होने जा रही राम लाला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी बीच बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नई दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पहुंचकर प्रकाश पर्व पर गुरु गोबिंद सिंह जी को नमन किया और आशीर्वाद लिया. उन्होंने कहा कि गुरुगोबिंद सिंह जी ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सबकुछ आहूत कर दिया. हम कामना करते हैं कि देश के अंदर अमन, चैन, शांति और देश मजबूती के साथ आगे बढ़े.