नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अवैध तरीके से लोगों को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह लोग विदेश में नौकरी पाने के इच्छुक लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर विदेश भेजते थे. यह कुछ लोगों को विदेश भेजते थे और कुछ लोगों से तो विदेश भेजने के नाम पर सिर्फ पैसे वसूलते थे. पैसे मिलने के बाद यह लोग पीड़ितों का नंबर ब्लॉक कर देते थे. आरोपियों की पहचान जनकपुरी निवासी गिरीश भंडारी, उत्तम नगर निवासी हिमांशु मेहता, रमेश आर्य और तिलक नगर निवासी गगन शर्मा के रूप में हुई है. पुलिस ने इनसे विभिन्न देशों के 80 नागरिकों के पासपोर्ट के साथ ही बड़ी संख्या में फर्जी डॉक्यूमेंट, स्टांप और लैपटॉप बरामद किया है.
दरअसल क्राइम ब्रांच में काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि विदेश भेजने के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है. इस पर क्राइम ब्रांच ने काम शुरू किया तो पुलिस को कुछ सुराग मिले. इस आधार पर पुलिस ने तिलक नगर में एक मकान पर छापा डाला और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इन चारों आरोपियों से बड़ी संख्या में पासपोर्ट इमीग्रेशन संबंधी दस्तावेज और विदेशी करेंसी भी मिली. आरोपी के पास से पुलिस को कई बैंकों के फर्जी पासबुक और विदेश की कई कंपनियों के फर्जी लेटर हेड भी प्राप्त हुए हैं.
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इस तरह से चला रहे थे रैकेट
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर आरएस यादव ने बताया कि यह सभी आरोपित हर्ष टूर एंड ट्रैवल बिजनेस की आड़ में यह फर्जीवाड़ा कर रहे थे. आरोपियों ने पूरे दिल्ली एनसीआर में अपने एजेंट बना रखे थे, जो इनको ग्राहक लाकर देते थे. एक व्यक्ति को विदेश भेजने के लिए यह लोग 6 लाख से लेकर 27, लाख रुपए तक वसूलते थे. लोगों को विदेश भेजने के लिए यह लोग फर्जी पासपोर्ट से लेकर फर्जी वीजा और अन्य दस्तावेज तक बनाते थे. यह लोग अमेरिका में लोगों की अवैध तरीके से एंट्री के लिए मेक्सिको का रूट अपनाते थे. पंजाब, हरियाणा, गुजरात से बड़ी संख्या में लोगों को विदेश भेज चुके हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपी इस्तानबुल अल सल्वाडोर, अज़रबैजान और शारजाह के रास्ते अमेरिका पहुंचाते थे.