नई दिल्ली: दिल्ली के विकासपुरी इलाके में रहने वाले राजकपूर का दावा है कि उन्होंने अगस्त के महीने में कोविशील्ड का पहला डोज बिहार में अपने गांव में लगवाया था और कुछ दिन बाद ही दिल्ली लौट आए और अब तीन दिन पहले जब दूसरी डोज लेने की बारी आई तो पास के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर गए. वहां पहले डोज के आधार पर जब चेक किया गया तो उन्हें बताया गया कि उन्होंने दूसरा डोज लगवा लिया है और कोविन साइट पर डिटेल उपलब्ध है.
जबकि उनका कहना है कि उन्होंने कोविशील्ड का दूसरा डोज नहीं लगवाया. अब ये जानकारी सुनकर राजकपूर को कुछ समझ ही नहीं आ रहा कि वैक्सीन उन्होंने लगवाई नहीं, लेकिन डेटा अलग ही बता रहा है. अब वे इस बात से परेशान हैं कि अब आखिर दूसरा डोज लगवाएं कैसे. अब वे और उनका परिवार ओमीक्रोन के खतरे से परेशान हैं अब उनका कहना है कि ये बहुत बड़ी साजिश है क्योंकि कहीं ना कहीं आंकड़े जो दिखाए जा रहे हैं उसमें गड़बड़झाला है.
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राजकुमार के सर्टिफिकेट के अनुसार, उन्होंने दूसरा डोज भी बिहार में ही लगवाया है. ऐसे में उन्हें लग रहा है कि जब पहला डोज लगवाकर वे दिल्ली आ गए तो वहां के स्वास्थ्यकर्मी ने बिना दूसरा डोज लगवाए सर्टिफिकेट दूसरे डोज का भी बनाकर अपने ड्यूटी पूरी कर दिखाया, लेकिन गलती उसकी और मुसीबत मेरे लिए हो गई.
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राजकुमार के साथ काम करने वाले लोगों का भी कहना है कि वेक्सीनेशन को लेकर सरकार इतने बड़े दावे करती है कि उसमें कोई गड़बड़ी नहीं होती, लेकिन इतनी बड़ी गलती आखिर क्यों और कैसे हुई. साथ ही उनका कहना है कि ये सिर्फ राजकपूर के साथ ही नहीं बल्कि इनके जैसे कितने लोगों के साथ हुई होगी. वे लोग दूसरा डोज लगवाने के लिए धक्के खा रहे होंगे. इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को सीबीआई या किसी और एजेंसी से जांच करानी चाहिए.