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बच्चा बदलने का आरोप! डॉक्टरों ने कहा- हमें माफ कर दो, सब हमारी गलती है

परिवार के सदस्य सोनू ने कहा कि ऑपरेशन थिएटर के डॉक्टरों ने हमसे माफी मांगते हुआ कहा कि हमें माफ कर दो, सब हमारी गलती है. वहीं पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है.

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Published : Aug 10, 2019, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के सबसे बड़े डीडीयू अस्पताल के डॉक्टरों पर एक परिवार द्वारा अपने नवजात बच्चे को बदलने का आरोप लगाने का मामला समाने आया है. जिसपर डॉक्टरों ने साफ इनकार करते हुए कहा की ये बच्चा उन्हीं का है. वहीं परिवार वालों ने डीएनए टेस्ट की मांग की है.

बच्चा बदलने का आरोप!

डीएनए टेस्ट की मांग
परिवार के सदस्य सोनू का कहना है कि जब हमने अस्पताल प्रशासन से कहा कि यह बच्चा हमारा नहीं है तो प्रशासन ने हमसे साफ इनकार करते हुए कहा कि यह बच्चा आपका ही है. वहीं ऑपरेशन थिएटर के डॉक्टरों ने हमसे माफी मांगते हुआ कहा कि हमें माफ कर दो, सब हमारी गलती है. वहीं प्रशासन ने हॉस्पिटल के एमडी से बात करने की बात कहकर हमें बाहर रुकने को कहा है. परिवार के सदस्य सोनू ने कहा कि अगर डीएनए टेस्ट में ये साबित हो जाता है कि यह बच्चा हमारा है तो हम इसे अपनाने के लिए तैयार हैं.


अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साधी
परिवार के एक और सदस्य कन्हैया का कहना है कि अस्पताल वालों ने 7 तारीख को ही पेशेंट को भर्ती कर लिया था, जिसके बाद हम घर चले गए थे. लेकिन जब बच्चा हुआ तो उसके ढाई घंटे बाद हमें फोन करके सूचना दी.जिसके बाद जब हम अस्पताल गए. कन्हैया ने कहा कि हमने देखा कि बच्चा काफी बड़ा लग रहा था. उन्होंने बताया कि हमने बच्चे के लिए कोई कपड़े नहीं दिए थे, लेकिन हमारे पहुंचने से पहले बच्चे को कपड़ा पहनाया जा चुका था. हालांकि, इस पर अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के न होने के कारण अभी तक खुलकर का अपना पक्ष नहीं रखा है. बिना डीएनए टेस्ट के ये कहना मुश्किल होगा कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच.

नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के सबसे बड़े डीडीयू अस्पताल के डॉक्टरों पर एक परिवार द्वारा अपने नवजात बच्चे को बदलने का आरोप लगाने का मामला समाने आया है. जिसपर डॉक्टरों ने साफ इनकार करते हुए कहा की ये बच्चा उन्हीं का है. वहीं परिवार वालों ने डीएनए टेस्ट की मांग की है.

बच्चा बदलने का आरोप!

डीएनए टेस्ट की मांग
परिवार के सदस्य सोनू का कहना है कि जब हमने अस्पताल प्रशासन से कहा कि यह बच्चा हमारा नहीं है तो प्रशासन ने हमसे साफ इनकार करते हुए कहा कि यह बच्चा आपका ही है. वहीं ऑपरेशन थिएटर के डॉक्टरों ने हमसे माफी मांगते हुआ कहा कि हमें माफ कर दो, सब हमारी गलती है. वहीं प्रशासन ने हॉस्पिटल के एमडी से बात करने की बात कहकर हमें बाहर रुकने को कहा है. परिवार के सदस्य सोनू ने कहा कि अगर डीएनए टेस्ट में ये साबित हो जाता है कि यह बच्चा हमारा है तो हम इसे अपनाने के लिए तैयार हैं.


अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साधी
परिवार के एक और सदस्य कन्हैया का कहना है कि अस्पताल वालों ने 7 तारीख को ही पेशेंट को भर्ती कर लिया था, जिसके बाद हम घर चले गए थे. लेकिन जब बच्चा हुआ तो उसके ढाई घंटे बाद हमें फोन करके सूचना दी.जिसके बाद जब हम अस्पताल गए. कन्हैया ने कहा कि हमने देखा कि बच्चा काफी बड़ा लग रहा था. उन्होंने बताया कि हमने बच्चे के लिए कोई कपड़े नहीं दिए थे, लेकिन हमारे पहुंचने से पहले बच्चे को कपड़ा पहनाया जा चुका था. हालांकि, इस पर अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के न होने के कारण अभी तक खुलकर का अपना पक्ष नहीं रखा है. बिना डीएनए टेस्ट के ये कहना मुश्किल होगा कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच.

Intro:वेस्ट दिल्ली के सबसे बड़े डीडीयू अस्पताल के डॉक्टरों पर एक परिवार द्वारा अपने नवजात बच्चे को बदलने का आरोप लगाने का मामला समाने आया है. जिसपर डॉक्टरों ने साफ़ इंकार करते हुए कहा की ये बच्चा उन्ही का है. वही परिवार वालो ने की डीएनए टेस्ट की मांग.


Body:परिवार के सोनू का कहना है जब हमने अस्पताल प्रशासन से कहा की यह बच्चा हमारा नहीं है तो, प्रशासन ने हमसे साफ़ इंकार करते हुए कहा की यह बच्चा आपका ही है, लेकिन ऑपरेशन थ्रेटर के डॉक्टरों ने हमसे माफ़ी मांगते हुआ कहा की हमें माफ़ कर दो, सब हमारी गलती है. वही प्रशासन ने हॉस्पिटल के एमडी से बात करने की बात कहकर हमे बहार रुकने को कहा है. साथ उन्होंने बताया की अगर डीएनए टेस्ट में अगर ये साबित हो जाता है कि यह बच्चा हमारा है तो हम इसे अपनाने के लिए तैयार है.

घर के कन्हैया का कहना है अस्पताल वालो ने 7 तारिक को ही पेशेंट को भर्ती कर लिया था, जिसके बाद हम घर चले गए थे. लेकिन जब बच्चा हुआ थो उसके ढाई घंटे बाद हमे फ़ोन करके सुचना दी. जिसके बाद जब हम अस्पताल गए तो हमने देखा की बच्चा काफी बड़ा लग रहा था, और उन्होंने बताया की हमने बच्चे के लिए कोई कपडे नहीं दिए थे. लेकिन हमारे पहुंचने से पहले बच्चे को कपडे पहनाया जा चुके था.
Conclusion:हालाँकि, इसपर अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के न होने के करण, अभी तक खुलकर का अपना पक्ष नहीं रखा है. और बिना डीएनए टेस्ट के ये कहना मुश्किल होगा की कौन झूट बोल रहा है और कौन सच.

बाईट : सोनू (परिवार के सदस्य)
बाईट : कन्हैया (परिवार के सदस्य)
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