नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के सबसे बड़े डीडीयू अस्पताल के डॉक्टरों पर एक परिवार द्वारा अपने नवजात बच्चे को बदलने का आरोप लगाने का मामला समाने आया है. जिसपर डॉक्टरों ने साफ इनकार करते हुए कहा की ये बच्चा उन्हीं का है. वहीं परिवार वालों ने डीएनए टेस्ट की मांग की है.
डीएनए टेस्ट की मांग
परिवार के सदस्य सोनू का कहना है कि जब हमने अस्पताल प्रशासन से कहा कि यह बच्चा हमारा नहीं है तो प्रशासन ने हमसे साफ इनकार करते हुए कहा कि यह बच्चा आपका ही है. वहीं ऑपरेशन थिएटर के डॉक्टरों ने हमसे माफी मांगते हुआ कहा कि हमें माफ कर दो, सब हमारी गलती है. वहीं प्रशासन ने हॉस्पिटल के एमडी से बात करने की बात कहकर हमें बाहर रुकने को कहा है. परिवार के सदस्य सोनू ने कहा कि अगर डीएनए टेस्ट में ये साबित हो जाता है कि यह बच्चा हमारा है तो हम इसे अपनाने के लिए तैयार हैं.
अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साधी
परिवार के एक और सदस्य कन्हैया का कहना है कि अस्पताल वालों ने 7 तारीख को ही पेशेंट को भर्ती कर लिया था, जिसके बाद हम घर चले गए थे. लेकिन जब बच्चा हुआ तो उसके ढाई घंटे बाद हमें फोन करके सूचना दी.जिसके बाद जब हम अस्पताल गए. कन्हैया ने कहा कि हमने देखा कि बच्चा काफी बड़ा लग रहा था. उन्होंने बताया कि हमने बच्चे के लिए कोई कपड़े नहीं दिए थे, लेकिन हमारे पहुंचने से पहले बच्चे को कपड़ा पहनाया जा चुका था. हालांकि, इस पर अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के न होने के कारण अभी तक खुलकर का अपना पक्ष नहीं रखा है. बिना डीएनए टेस्ट के ये कहना मुश्किल होगा कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच.