नई दिल्लीः प्रदूषण पर दिल्ली सरकार (delhi government) चाहे लाख दावे करें, लेकिन हकीकत यही है अब भी प्रदूषण फैलाने में कई सारे फैक्टर धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. वेस्ट दिल्ली की बात करें तो कई इलाकों में सड़क किनारे बिल्डिंग मटेरियल्स खुले में पड़े हैं. हालांकि, कुछ जगहों पर बिल्डिंग मटेरियल्स ढके हुए दिखे, लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए, उसे सही तरीके से ढका नहीं गया था.
हरी नगर में दिल्ली जल बोर्ड ने पाइपलाइन दुरुस्त करने के चक्कर में सड़क का काफी बड़ा हिस्सा खोद दिया और यूं ही छोड़ दिया. इससे सड़कों पर काफी दूर तक धूल और मिट्टी फैला हुआ है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह हालत तब है, जब किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन और मिट्टी की खुदाई पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है. यह रोक दिल्ली सरकार की तरफ से ही लगाई गई है. इसके बावजूद नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है.
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लोगों का कहना है कि सरकार प्रदूषण पर पूरी तरह से फेल है. सरकार ने स्मॉग टावर लगाने की बात की थी, वह जहां लगे भी हैं, पूरी तरह से काम नहीं कर रहे. सरकार जितना पैसा विज्ञापन पर खर्च कर रही है, उसका कुछ हिस्सा भी अगर सही मायने में प्रदूषण रोकने पर खर्च करती, तो दिल्ली का प्रदूषण इस स्तर तक नहीं पहुंचता.
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