नई दिल्ली: यदि आप सड़क किनारे पैदल चल रहे हैं और अचानक कोई टक्कर मारकर आप से बहस करने लग जाए तो सतर्क हो जाइए. झगड़ा मत करिए और अपने महंगे मोबाइल पर या पर्स पर तुरन्त ध्यान दीजिए. कहीं ऐसा ना हो कि उससे बहस और झगड़ा करने के चक्कर में आपका मोबाइल गायब हो जाए या फिर विवाद के दौरान वह आपकी कनपटी पर पिस्टल सटाकर लूट की वारदात को अंजाम दे दे. आउटर डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल स्टाफ की टीम ने ऐसे ही एक बड़े गैंग के तीन बदमाशों को धर दबोचा है.
आरोपियों ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लगभग दो दर्जन ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है. इनके पास से एक दो नहीं बल्कि 22 मोबाइल बरामद किए गए हैं. साथ ही वारदात के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले दो देसी तमंचा, कई जिंदा कारतूस, चाकू के अलावा वह ऑटो भी बरामद किया है, जिसका इस्तेमाल ये लोग लूट और चोरी की वारदात के दौरान करते थे.
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इनमें से एक बदमाश दिल्ली पुलिस का घोषित वांटेड है. पुलिस इसकी दो साल से तलाश कर रही थी. कोर्ट ने भी इसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. डीसीपी आउटर हरेंद्र सिंह के अनुसार गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान सोनू गुप्ता, विनय और बबलू उर्फ सोनू के रूप में हुई है. ये तीनों दिल्ली के बुध विहार और सुल्तानपुरी इलाके के रहने वाले हैं. इनमें से सोनू गुप्ता पर पहले से नौ आपराधिक मामले चल रहे हैं जबकि विनय पर पांच मामले लूट और चोरी के चल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस टीम ने मंगोलपुरी रनहोला और पश्चिम विहार वेस्ट थाना के छह मामलों का खुलासा करने का दावा किया है.
पुलिस के अनुसार एसीपी ऑपरेशन अरुण चौधरी की देखरेख में स्पेशल स्टाफ की टीम ने इनको गिरफ्तार किया. स्पेशल स्टाफ की टीम को सूचना मिली की ये सभी बदमाश कंझावाला लिंक रोड पर पत्थर मार्केट चौक के पास ऑटो रिक्शा में आने वाले हैं. पुलिस टीम ने वहां पर ट्रैप लगाया, जैसे ये तीनों वहां पहुंचे पुलिस टीम ने इनको ऑटो रिक्शा में ही दबोच लिया.
पूछताछ में इन्होंने पुलिस को बताया कि ये लोग राह चलते लोगों को अचानक टक्कर मारते थे और उसके बाद जो उनसे झगड़ा करने लगते बीच मे मौका देखकर उसका मोबाइल चुरा लेते. कोई विरोध करता तो हथियार के बल पर उससे मोबाइल लूटकर फरार हो जाते.
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