नई दिल्ली: इस पूरे कोरोना काल में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोगों पर बड़ा असर पड़ा है. अब अनलॉक 4 में उन्हें दोबारा से दुकान लगाने की इजाजत तो मिल गई, लेकिन दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे. इससे उनकी आमदनी पर बहुत असर पड़ रहा है. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान लिए गए कर्ज को चुकाना इन लोगों के लिए बड़ी समस्या है.
नांगलोई के पंजाबी बस्ती मार्केट में दुकान लगाने वाले दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन लगने के बाद से उनका काम धाम पूरी तरह से चौपट हो गया है. जिसके कारण अब दोबारा दुकान खोलने पर भी इक्के दुक्के ग्राहक ही सामान खरीदने आ रहे हैं. वहीं कपड़े की दुकान लगाने वाली जरीन का कहना है कि अगर सरकार लॉकडाउन के दौरान भी गाइडलाइन के मुताबिक दुकान खोलने देती तो उससे दुकानदार और सरकार दोनों का फायदा होता.
कर्जा चुकाने की सता रही है चिंता
इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि 5 महीने खाली बैठने से ज्यादा अच्छा था कि थोड़े बहुत पैसे तो आ जाते. जिससे उनके ऊपर ना तो इतना कर्जा होता और ना ही उसे चुकाने के लिए वह लोग इतना परेशान होते. अब ऐसे में उन्हें यह चिंता खाए जा रही है कि वह अपनी दोनों बेटियों को कैसे पालें और इस कर्जे से कैसे निपटें.
आपको बता दें, लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद रही. ऐसे में दुकानदारों पर कोरोना के साथ-साथ कर्जे की मार भी पड़ रही है. भले ही सरकारों ने मकान-मालिकों से कहा हो कि वो किरायदारों पर रियायत करें लेकिन एक महीने से ज्यादा की रियायत किसी ने नहीं की. जिसके कारण छोटे-छोटे दुकानदारों पर काफी कर्जा हो गया है.