नई दिल्ली: देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल में लगातार मोबाइल मिलने की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार ने इसके लिए बुधवार को एक एक्सपर्ट कमिटी बनाने को मंजूरी दी है. दिल्ली सरकार ने जिस कमेटी के गठन को मंजूरी दी है, यह कमिटी 5जी नेटवर्क को ब्लॉक करने के लिए तकनीकी का अध्ययन करेगी और समाधान बताएगी. वहीं, कमिटी तिहाड़ जेल में मोबाईल नेटवर्क ठप करने और अन्य सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे.
इस दस सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष डीजी जेल अजय कश्यप होंगे. इसके अलावा कमेटी में आईआईएससी बैंगलुरू प्रो. ए चौकालिंगम, सी-डॉट जॉइंट वायरलैस सुखपाल सिंह, आईआईटी मद्रास प्रो. देवेंद्र जलिहाल, डीआरडीओ वैज्ञानिक मनीष कुमार, सी-डॉट ग्रुप लीडर ब्लूमैक्स स्टीफन, सी-डॉट ग्रुप लीडर देवदास बी, सी-डॉट टीम लीडर संदीप अग्रवाल, आईबी जॉइंट डेप्युटी डायरेक्टर एकेपी पांड्या, एसपीजी एसएसओ टेक संतोष कुमार कमेटी शामिल हैं.
तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल संजय बेनीवाल ने इसी माह की शुरुआत में चौंकाने वाली जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि जनवरी महीने में जेल के अलग-अलग सेलों में सघन तलाशी के दौरान 15 दिनों में 117 मोबाइल बरामद हुए और बीते ढाई महीने की बात करें तो सघन तलाशी के दौरान 348 मोबाइल फोन मिले हैं. इस पर अब उन्होंने सख्त एक्शन लेने की बात कही थी और जेल में सुपरिटेंडेंट लेवल पर कार्रवाई हुई. इसी कड़ी में बीते दिनों पांच जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था, जिनमें डिप्टी सुपरिटेंडेंट प्रदीप शर्मा, धर्मेंद्र मौर्य, असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट सनी चंद्रा, हेड वार्डर लोकेश और वार्डर हंसराज मीणा के नाम शामिल हैं.
तिहाड़ जेल में इस समय महाठग सुकेश चंद्रशेखर के अलावा दिल्ली और अन्य राज्यों के कुख्यात गैंग के सरगना बंद हैं. आए दिन जेल से रंगदारी मांगने और अपने लोगों के जरिए अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के मामले भी सामने आएं हैं. सुरक्षा के लिहाज से तिहाड़ जेल में जैमर लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका था. गत वर्ष अप्रैल में यूनिटेक के धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई के दौरान जब तिहाड़ जेल के अंदरूनी सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे तब सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए प्रशासन को और कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया था. बता दें कि तिहाड़ जेल में पहले से कई हिस्सों में जैमर लगा हुआ है. लेकिन जेल के बहुत सारा हिस्सा जैमर की जद से बाहर है. इस वजह से अक्सर तिहाड़ जेल में कैदियों द्वारा मोबाइल से बात करने के मामले में सामने आते रहे हैं.
कमेटी के यह होंगे प्रमुख कार्यः
- मौजूदा मोबाइल नेटवर्क का अध्ययन करना और जेलों के अंदर अनधिकृत मोबाइल संचार को रोकने के लिए तकनीक का निर्धारण करना।
- तकनीकी अध्ययन के आधार पर जेलों में मोबाइल नेटवर्क प्रतिबंधित करने के लिए समाधान की सिफारिश करना।
- 5G मोबाइल नेटवर्क के लिए समाधान तलाशना।
- जेल के आसपास स्थापित बीटीएस टावरों के लिए तकनीकी दिशानिर्देश प्रस्तावित करना।
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