नई दिल्ली: राजधानी में भले ही 12 मई को मतदान होगा, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच उठा-पटक, आरोप-प्रत्यारोप को दौर अभी से ही तेजी से बढ़ता दिख रहा है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की सियासत में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाएं फिर से गर्म हैं . एक कह रहा है गठबंधन हो रहा है और दूसरा उसका खंडन कर रहा है.
इसी मामले पर अब बीजेपी ने भी आक्रमक रुख अपना लिया है. नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि चुनाव पूर्व 2 महीने पहले तक सामंजस्य नहीं बैठा सकने वाली राजनीतिक दल और राजनेता कैसे चुनाव बाद लोगों का भला करेंगे.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जो घबराहट है उससे तो ऐसा लगता है कि दोनों दलों ने पहले ही हथियार डाल दिए हैं. भाजपा से इस तरह डरे हुए हैं कि अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं जुटा जुटा पा रहे हैं. चुनाव से 2 महीने पहले जो अपनी बात साफ तरीके से जनता के समक्ष नहीं रख पाते, वे आगे कैसा परफॉर्म करेंगे ये समझा जा सकता है. लोगों को गुमराह कर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता. इनके चाल और चरित्र को दिल्ली की जनता समझ चुकी है. दिल्ली के लोग अब चुनाव में दोबारा आप और कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार है. कहीं ना कहीं मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन की ऐसी साजिश रच रही है.